बच्चों को खाना खिलाने के लिए मां न करें ये गलतियां: Feeding Mistakes
आइए जानते हैं कि मां को अपने बच्चे को खाना खिलाते समय किन गलतियों से बचना चाहिए।
Feeding Mistakes : बच्चों का पोषण उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। सही प्रकार का खाना और समय पर खाना बच्चों की सेहत पर गहरा असर डालता है। लेकिन कई बार माता-पिता, खासकर मां, बिना जाने-समझे कुछ ऐसी गलतियां करती हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य और खाने की आदतों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। आइए जानते हैं कि मां को अपने बच्चे को खाना खिलाते समय किन गलतियों से बचना चाहिए।
बच्चे को जबरदस्ती खाना खिलाना

कई बार माता-पिता बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाने की कोशिश करते हैं। यह तरीका बच्चे को खाने के प्रति नफरत पैदा कर सकता है और वह खाना खाने से घबराने लगेगा। बच्चों को धीरे-धीरे और प्यार से खाना खिलाना चाहिए, ताकि वे इसे खुशी-खुशी खाएं।
खाना खिलाने का समय तय न रखना
अगर बच्चों को सही समय पर खाना नहीं दिया जाता, तो उनका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है। बहुत देर से या बहुत जल्दी खाना देना बच्चों के पाचन तंत्र पर बुरा असर डाल सकता है। बच्चों को नियमित अंतराल पर, जैसे कि तीन मुख्य भोजन और दो नाश्ते देना चाहिए, ताकि उनकी ऊर्जा का स्तर बना रहे और उनकी सेहत ठीक रहे।
हेल्दी चीजें कम खिलाना

बच्चों को अक्सर जल्दी-जल्दी चिप्स, बिस्कुट, मिठाई जैसे जंक फूड्स देने का मन करता है क्योंकि ये स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन ये बच्चों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। माता-पिता को बच्चों को फल, सब्जियां, दलिया, दालें, और साबुत अनाज जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ देने चाहिए। इस तरह के ऑप्शन बच्चों को न केवल अच्छे पोषण देते हैं, बल्कि उनकी आदतों को भी बेहतर बनाते हैं।
एक तरह का भोजन खिलाना
एक ही तरह के खाने को बार-बार देना बच्चों को खाने में नीरसता और बोरियत पैदा कर सकता है। अगर बच्चा हमेशा एक जैसे भोजन को खाता है, तो यह उसकी पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता। बच्चों को विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों, दालों और अनाजों से भरपूर संतुलित आहार देना चाहिए ताकि उन्हें खाना इंटरेस्टिंग भी लगे और उन्हें सभी पोषक तत्व भी मिले।
भूख को न समझना
कभी-कभी मां बच्चों को ज्यादा या कम खाना देती हैं, जो उनकी भूख और शारीरिक जरूरतों से मेल नहीं खाता। बच्चों की भूख समय-समय पर बदलती रहती है और यह उनकी गतिविधियों और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। बच्चों को उनके शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार खाना देना चाहिए, न कि उन्हें अत्यधिक खाना या बहुत कम खाना देने की कोशिश करनी चाहिए।
