Baby Feeding Learning

Baby Feeding Learning: बच्चों को पैदा करने से लेकर बड़े होने तक उसे अच्छी आदतें और संस्कार देना हर माता पिता की जिम्मेदारी होती है। उम्र के साथ हर आदतें और बोलना, चलना सीखना हर बच्चें के लिए भी जरुरी है। लेकिन कई बार बच्चे कुछ चीज़े देरी से सीखते है और इस तरह से उनकी आदतें खराब होने लग जाती है। कई माता पिता अपने बच्चे को लाड प्यार के कारण लंबे समय तक अपने हाथों से ही खिलाते है जिससे बच्चे की आत्मनिर्भरता पर असर पड़ता है और वो खुद खाना जल्दी नहीं सीख पाते है।

डॉक्टर के अनुसार बच्चे को जन्म से लेकर 6 महीने तक केवल माँ का दूध ही दिया जाता है। 6 महीने के बाद थोड़ा ठोस आहार देना भी शुरू कर दिया जाता है और यहीं समय होता है जब बच्चे नई नई आदतें सीखते है। इसी समय में माता-पिता को बच्चे को खुद से खाना खाने सीखने देना चाहिए। ऐसे में चलिए जानते है डॉक्टर की बताई हुई टिप्स, जिसे अपनाकर आप सही समय पर बच्चे को खाना खिलाना सिखा सकते है।

Baby Feeding Learning
baby feeding skills

बच्चों को सही समय पर सेल्फ फीड यानी खुद से खाना खाने से उन्हें भूख का अंदाजा लगता है। इससे भूख के अनुसार और अपने पसंद के अनुसार खाना खाने में समर्थ हो जाते है।

खुद से खाना खाने से बच्चों के हाथों की मूवमेंट होती है जिससे वह जल्दी खाना सीखता है। इसके साथ ही बच्चों की मूवमेंट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चे खाने के स्वाद को कितना एन्जॉय कर रहा है।

इस उम्र में बच्चों को नई नई चीज़े सिखने में मज़ा आता है और वो अपने माता-पिता को देखकर वहीं चीज़े करने की कोशिश करता है, जो वो लोग करते है। इसलिए बच्चे को खुद से खाने देना चाहिए।    

Baby Feeding Learning
Learning of feeding skills by age

बच्चों को खुद खाना खिलाना सिखाने के लिए ये टिप्स आजमाएं –

बच्चे के पैदा होने के 6 महीने के बाद से जब वह खुद से खाने में रूचि दिखाए तो उन्हें खाने देना चाहिए।

शुरुआत में उन्हें उबले हुए गाजर के टुकड़े, केले, पनीर और सॉफ्ट ब्रेड चीज़ें खाने को दें। इन्हें बच्चा आसानी से पकड़ कर हाथों से खा सकता है वहीं ये सभी चीज़े सॉफ्ट होती है जिसे बच्चा आसानी से निगल सकता है और पचा सकता है।

जब बच्चा शुरुआत में खाना शुरु करता है तो गंदगी फैलाता ही है ऐसे में बच्चे को करने दें और धैर्य रखें। शुरुआत में बच्चा सीखते हुए गंदगी करेगा ही इसलिए उसे धीरे धीरे सिखाएं।

ज्यादातर पेरेंट्स ये गलती कर बैठते है कि बच्चों को मोबाइल या फिर टीवी जैसी एक्टिविटी में उलझाकर खिलाने का प्रयास करते है जिससे बच्चा केवल टीवी और मनोरंजन को सिख पाता है खाने को नहीं। इसलिए बच्चें को शांत माहौल में खिलाएं जिससे उसका ध्यान केवल खाने पर ही रहें।

बच्चे सब कुछ पेरेंट्स को देखकर ही सीखते है इसलिए बच्चों के सामने सहजता से खाते हुए उन्हें खुद से खाने के लिए प्रेरित करें।

गायत्री वर्मा को मीडिया क्षेत्र में 7 वर्षों का अनुभव है। वे पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी के साथ बतौर डिजिटल कंटेंट राइटर फ्रीलांस रूप में जुड़ी हुई हैं। विभिन्न विषयों पर प्रभावशाली लेखन की दक्षता रखने वाली गायत्री, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स...