आपके बच्चे हर बात पर चिढ़ते हैं, ऐसे सुधारे उन्हें
कभी-कभी किसी बात पर चिड़चिड़ाना तो सामान्य है, लेकिन अगर बच्चा बात-बात पर चिड़चिड़ाने लगे तो ये पेरैंट्स के लिए एक बड़ी समस्या बन सकती है।
Childhood Stress: बच्चों की परवरिश करना किसी भी माता-पिता के लिए आसान नहीं होता है, खासतौर पर अगर बच्चा ज़िद्दी और चिड़चिड़ा हो। कभी-कभी किसी बात पर चिड़चिड़ाना तो सामान्य है, लेकिन अगर बच्चा बात-बात पर चिड़चिड़ाने लगे तो ये पेरैंट्स के लिए एक बड़ी समस्या बन सकती है। इसलिए समय रहते बच्चों के इस व्यवहार का कारण जानना और उसे सुधारने के लिए कदम उठाना जरूरी है। अगर आपका बच्चा भी बात-बात पर चिड़चिड़ाता है तो आप इन तरीकों को अपनाकर उसकी आदत सुधार सकते हैं-
Childhood Stress: बच्चे को समय दें

बच्चों के चिड़चिड़े होने का बड़ा कारण यह है कि आजकल माता-पिता के पास बच्चों के लिए समय नहीं है। दोनों वर्किंग हैं और घर में उसके साथ बात करने, खेलने के लिए कोई नहीं रहता। ऐसे में बच्चे अकेलेपन की वजह से चिड़चिड़ाने लगते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप जब भी साथ हों बच्चे को क्वालिटी टाइम दें। उसके साथ कोई गेम खेलें, मूवी देखें और स्टोरी बुक पड़ें।
घर का माहौल प्यार भरा हो

घर के माहौल का बच्चे के व्यवहार पर गहरा असर होता है। अगर बच्चे माता-पिता के बीच बात-बात पर बहस, झगड़ा और मनमुटाव देखते हैं, तो इसका गलत असर उनके दिमाग पर होता है। इसके लिए जरूरी है कि कभी भी बच्चों के सामने झगड़ा ना करें। हमेशा प्यार से रहें और दिन में कम से कम एक बार सभी साथ में खाना खाएं। इस समय थोड़ी मौज मस्ती भरी बातें शेयर करें। अगर घर का सकारत्मक माहौल रहेगा, तो बच्चा कभी भी चिड़चिड़ा नहीं होगा।
बच्चे की बात सुनें

अक्सर माता-पिता काम में व्यस्त रहने या फिर किसी अन्य वजह से बच्चे की बात नहीं सुनते। बच्चे के साथ आपका ऐसा व्यवहार उन्हें चिड़चिड़ा बना सकता है। अगर आप चाहते हैं कि बच्चा आपकी बात सुने, तो आपको भी उसकी बात सुनने की आदत डालनी होगी। अपने बच्चे को धैर्य के साथ उसे यह विश्वास दिलाने के लिए सुनिए कि उसकी चिंताओं का सम्मान किया जाएगा और उसे गंभीरता से लिया जाएगा।
हर ख्वाहिश पूरी न करें

कुछ पेरैंट्स बच्चे की हर ख्वाहिश पूरी कर देते हैं। खासकर अगर एक ही बच्चा है, माता-पिता को लगता है उसको सब कुछ मिलना चाहिए और ऐसे में वो बच्चा जो कहता वो करते जाते हैं। ऐसे में बच्चों को लगता है कि उनके माता-पिता उनकी हर मांग पूरी करेंगे। जब उनकी कोई मांग पूरी नहीं होती, तो वे और चिड़चिड़े हो जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों की उन्हीं बातों को मानें, जो जायज हों।
दबाव न बनाएं

अक्सर माता-पिता बच्चे पर अपनी मर्जी थोपने लगते हैं। ऐसे में अगर बच्चा वो काम नहीं करना चाहता है और उसको जबरदस्ती उसे करना पड़ता है, तो बच्चा विद्रोही और चिड़चिड़ा हो जाता है। इसलिए बच्चे पर किसी भी काम के लिए दबाव न बनाएं। बच्चे पर अपनी पसंद-नापसंद थोपने से बचें। बल्कि उससे प्यार से पूछें कि वो ये काम क्यों नहीं करना चाहता। उसको ऑप्शंस दें जिससे उसको लगेगा की उसके विचारों का भी महत्त्व है।
अपने बच्चे की आदत सुधारने के लिए ये तरीके अपनाइए और फिर बच्चे के व्यवहार में जल्द ही आपको सकारात्मक बदलाव दिखाई देगा।