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नवरात्रि के आरंभ होते ही नियमित तौर पर मां के विभिन्न रूपों की पूजा उपासना पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है। इस पावन मौके पर ज्योत प्रज्वलित करना, कलश स्थापना और जवारे बोने की परंपरा बहुत पुरानी है। आमतौर सभी घरों में जवारे बोए जाते हैं। मगर कई बार जवारे बोते वक्त कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी है।

देवी की प्रतिमा के पास रखें जवारे

अगर आप नवरात्रि के पावन मौके पर जवारे बो रही हैं, तो उन्हें मां की प्रतिमा के पास रखें। इससे घर पर मां की अटूट कृपा बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि अगर मां दुर्गा की मूर्ति के समीप जवारे रखते हैं, तो वे तेजी से बढ़ते है, जिससे घर में सुख समृद्धि का वास होता है।

जवारे को बांधकर रखें

अगर आपके घर में लगे जवारे बढ़ने शुरू हो चुके हैं और अंकुरित हो रहे हैं, तो उन्हें आप मौली के धागे से बांध सकते हैं, ताकि जवारे आपके इधर-उधर न बिखरे और एक साथ उपर की ओर ही बढ़े।

चूहों से करें बचाव

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आमतौर पर चूहे जौ को खा जाते हैं। ऐसे में नवरात्रि के दौरान चूहों का खास ख्याल रखें और जौ को चूहों की पहुंच से दूर रखें। दरअसल, चूहे अगर जवारों को खाते हैं, तो फिर जवारे उगने संभव नहीं है।

हरे भरे जवारे देते हैं, शुभता का संकेत

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जवारे का रंग शुभ और अशुभ का प्रतीक माना जाता है। अगर आपके जवारे का रंग हरा है, तो ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा ने आपकी पूजा स्वीकार कर ली है। अगर आपके जवारे पीले पड़ गए हैं और सूखे हुए नजर आ रहे हैं, तो इसका अर्थ है कि कोई परेशानी आपके जीवन में आने वाली है। इसके अलावा जौ का काले रंग का और आड़ा तिरछा उगना भी अशुभता का संकेत हैं। मां दुर्गा सभी दुख तकलीफों को हरने वाली है। माता की अराधना से न केवल मन को शांति प्राप्त होती है बल्कि घर में भी खुशहाली का वातावरण बना रहता है। अगर आप भी नवरात्रि के व्रत रख रही है, तो ध्यान रहे की जवारों को बोते वक्त स्थान का ख्याल रखें। ऐसा माना जाता है कि सृष्टि की शुरुआत के वक्त सर्वप्रथम फसल जौ ही पाई गई थी, जिसे देवी देवताओं की पूजा के वक्त अवश्य शामिल किया जाता है। इसके अलावा हवन में भी जौ का इस्तेमाल होता है। ऐसे में अगर आप नवरात्रि के दौरान जौ बो रहे हैं, तो उन्हें उंचे स्थान पर मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के निकट रखें ताकि मां की कृपा आप पर बनी रहे। 

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