कालसर्प दोष लगने की वजह से जीवन में आती है तमाम परेशानियां,जानें कैसे पाएं इससे छुटकारा: Kaal Sarp Dosh Upay
Kaal Sarp Dosh Upay

Kaal Sarp Dosh Upay: हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कई प्रकार के दोष लगते हैं जिसके कारण व्यक्ति की अच्छी चलती जिंदगी में कई प्रकार की समस्याएं आने लगती है। जिन देशों का वर्णन ज्योतिष शास्त्र में किया गया है उनमें कालसर्प दोष, गुरु चांडाल दोष, अंगारक दोष, और मंगल दोष आदि प्रमुख है। आज हम इस लेख के द्वारा खासतौर पर कालसर्प दोष के बारे में जानेंगे। कालसर्प दोष से पीड़ित जहां तक के जीवन में तमाम प्रकार की परेशानियां आती है साथ ही साथ अगर समय पर कालसर्प दोष का निवारण न किया जाए तो इससे पितृ दोष भी लग सकता है।

Also read : पूजा घर में ना करें ये गलतियां: Puja Vastu Tips

इसलिए कालसर्प दोष का निवारण करना बहुत ही जरूरी माना जाता है। अगर आप भी कालसर्प दोष से पीड़ित है या आपको ऐसा महसूस होता है कि सब कुछ अच्छा करने के बाद भी आपके साथ कुछ अच्छा नहीं होता है या कड़ी मेहनत करने के बाद भी आपको मनचाहा फल नहीं मिल पाता है, तो ऐसे में हो ना हो आप कालसर्प दोष से पीड़ित हो सकते हैं। इसी के साथ चले जानते हैं की कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए।

काल सर्प योग क्या है और इसके प्रभाव क्या हैं?

काल सर्प योग ज्योतिष शास्त्र में एक जटिल अवस्था है जो तब बनती है जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं। राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है, और उनकी उपस्थिति अक्सर नकारात्मक प्रभावों से जुड़ी होती है। काल सर्प योग व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, करियर, स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण जीवन क्षेत्रों में बाधाएं पैदा कर सकता है। यह धन हानि, ऋण और आर्थिक तंगी का कारण बन सकता है। काल सर्प योग से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि पुरानी बीमारियां, दुर्घटनाएं और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं। यह तनाव, चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

राहु और केतु ग्रहों की पूजा कालसर्प दोष से मुक्ति पाने का सबसे कारगर उपाय माना जाता है। इन ग्रहों की पूजा के लिए आप प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जला सकते हैं और राहु-केतु के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं।

नाग देवता राहु-केतु के स्वामी माने जाते हैं। इसलिए इनकी पूजा भी कालसर्प दोष से मुक्ति पाने में लाभदायक होती है। आप प्रत्येक नागपंचमी को नाग देवता की पूजा कर सकते हैं और उन्हें दूध, चावल और फूल अर्पित कर सकते हैं।

पितृदोष का होना भी कालसर्प दोष का एक कारण माना जाता है। इसलिए पितृदोष का निवारण करना भी इस दोष से मुक्ति पाने के लिए आवश्यक है। आप पितरों के नाम पर तर्पण, पिंडदान या श्राद्ध कर सकते हैं।

गायत्री मंत्र ज्योतिष शास्त्र का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इसका जाप करने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है। आप प्रतिदिन 108 बार गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं।

दान-पुण्य करना भी कालसर्प दोष से मुक्ति पाने का एक कारगर उपाय है। आप गरीबों और जरूरतमंदों को दान दे सकते हैं या किसी भी धार्मिक कार्य में सहयोग कर सकते हैं।

हनुमान जी को भगवान राम का परम भक्त और संकटमोचन माना जाता है। उनकी भक्ति और पूजा करने से कई तरह के संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है, जिनमें कालसर्प दोष भी शामिल है।