Work smart, rest smarter during pregnancy
Pregnancy is not a weakness, it’s a power

Summary: मजबूत माँ, सुरक्षित भविष्य

प्रेग्नेंसी के दौरान ऑफिस जाने वाली महिलाओं को काम और सेहत के बीच संतुलन बनाना पड़ता है। ये 5 प्रैक्टिकल और अनकही टिप्स वर्किंग प्रेग्नेंट महिलाओं को स्वस्थ, शांत और कॉन्फिडेंट बनाए रखने में मदद करती हैं।

Working During Pregnancy: आज की कामकाजी महिलाएँ प्रेग्नेंसी के दौरान भी अपने प्रोफेशनल रोल को ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ निभाती हैं। ऑफिस की मीटिंग्स, टारगेट्स, डेडलाइंस और रोज़ का ट्रैफिक इन सबके बीच अपने स्वास्थ्य और गर्भ में पल रहे बच्चे का ध्यान रखना आसान नहीं होता। आमतौर पर प्रेग्नेंसी के समय, आराम करो, ज्यादा काम मत करो जैसी सलाह तो हर कोई देता है, लेकिन ऑफिस में काम करते हुए आने वाली असली चुनौतियों पर कम ही बात होती है। थकान, मानसिक दबाव, लंबे समय तक बैठना और समय की कमी जैसी समस्याएँ अक्सर अनकही ही रह जाती हैं। ऐसे में ज़रूरत होती है कुछ प्रैक्टिकल और आसान टिप्स की, जो रोज़मर्रा के वर्क लाइफ में सच में

मदद कर सके। आइए जानते हैं ऐसी 5 ज़रूरी बातें, जो वर्किंग प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती हैं।

Strong women listen to their bodies
You don’t have to prove anything

प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाएँ यह साबित करने में लग जाती हैं कि वे पहले जितनी ही एफिशिएंट हैं। ब्रेक न लेना,  ओवरटाइम काम करना और थकान को नज़रअंदाज़ करती हैं। लेकिन यह सोच सबसे ज्यादा नुकसानदायक होती है। इस समय आपका शरीर अतिरिक्त ऊर्जा खर्च कर रहा होता है। ऐसे में खुद से यह अपेक्षा न रखें कि आप हर दिन 100% देंगी। काम में थोड़ी धीमी रफ्तार असफलता नहीं, बल्कि समझदारी है।

बहुत कम लोग जानते हैं कि गलत बैठने की आदत प्रेग्नेंसी में पीठ दर्द, सूजन और थकान को कई गुना बढ़ा सकती है। अगर ऑफिस चेयर हार्ड है, तो कमर के पीछे छोटा कुशन रखें। पैरों को ज़मीन पर पूरा टिकाकर बैठें या फुटरेस्ट का इस्तेमाल करें। हर 30–40 मिनट बाद 2 मिनट वॉक करें साथ ही हल्का स्ट्रेच करें।

अक्सर महिलाएँ ऑफिस में अपनी परेशानी छुपा लेती हैं। मन घबराना ,चक्कर, थकान या मूड स्विंग्स होने पर उन्हें लगता है कि शिकायत करने से प्रोफेशनल इमेज खराब होगी। सच यह है कि ज़रूरत पड़ने पर अपने मैनेजर या HR को अपनी स्थिति बताना आपकी जिम्मेदारी है, कमजोरी नहीं। फ्लेक्सिबल टाइमिंग, वर्क फ्रॉम होम या हल्का वर्कलोड माँगना आपका अधिकार है।

प्रेग्नेंसी में भूख अचानक लगना, लो एनर्जी या शुगर लेवल गिरना आम बात है। लेकिन मीटिंग्स या काम के दबाव में महिलाएँ खाना टाल देती हैं। ऑफिस ड्रॉअर में ड्राई फ्रूट्स, मखाना, बिस्किट, फल या घर का बना हेल्दी स्नैक ज़रूर रखें। साथ ही एक पानी की बोतल हमेशा डेस्क पर रखें। यह छोटी सी तैयारी आपको थकान, चिड़चिड़ापन और चक्कर जैसी समस्याओं से बचा सकती है।

Taking breaks is part of the job
Take care of yourself

ज्यादातर सलाह ऑफिस टाइम तक ही सीमित रहती है, लेकिन असली देखभाल ऑफिस के बाद शुरू होती है। घर आकर तुरंत मोबाइल या लैपटॉप लेकर बैठ जाना शरीर को आराम नहीं देता। ऑफिस से लौटकर 30 मिनट का रिकवरी टाइम तय करें। हल्का लेटना, गुनगुना पानी पीना, पैरों को ऊँचा रखकर आराम करना या डीप ब्रीदिंग। यह रूटीन अगले दिन की थकान को कम करता है और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। खुद की सुनें, जरूरत पड़ने पर रुकें और बिना अपराधबोध के खुद का ख्याल रखें। एक स्वस्थ माँ ही एक खुशहाल बच्चे की नींव होती है।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...