Life After Cancer
Life After Cancer


Life After Cancer: कैंसर एक ऐसा शब्द है जो आज भी हमें डराता है। बेशक मेडिकल साइंस ने बहुत तरक्की की है लेकिन जब हम अपने आस-पास सुनते हैं कि हमारे किसी जानने वाले को कैंसर हो गया है तो हमें तकलीफ होती है। यह मेडिकल साइंस का कमाल है कि आज भी बहुत से लोग कैंसर से जंग जीत पा रहे हैं। इस जंग को जीतने वाले कैंसर सरवाइवर कहलाते हैं। अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं जो कैंसर को हरा पाने में कामयाब हुए हैं तो यह आर्टीकल आपके लिए काफी उपयोगी है। सबसे जरुरी बात आप इस बात को जान लें कि आपको पॉजिटिव बने रहना है और पुरानी हर कड़वी बात को भुला देना है। एक स्वस्थ जीवन शैली तो आपको अपनानी ही है। वहीं अपने आने वाले जीवन को सुखी और सकारात्मक भी रखना है। अगर आपके लुक्स में भी कोई बदलाव आया है जैसे कि बाल कम हो गए या थैरीपी की वजह से शरीर का कोई हिस्सा पुराने जैसा नहीं रहा तो यह बात जान लें कि जिंदगी के सामने इस फिजिकल अपीयरेंस के मायने कुछ नहीं हैं। आप हैं यह कोई कम बात नहीं है।

सेलिब्रेट करें

हम लोगों को सच में इस बात का अहसास नहीं होता कि अगर हम सुकून की सांस अपने जीवन में ले पा रहे हैं तो यह किसी वरदान से कम नहीं है। लेकिन एक कैंसर सरवाइवर होने के नाते आपको यह बात बहुत अच्छे से पता होगी। कितनी ही थैरेपी सेशंस इस जंग को जीतने में लगे होंगे। बस अब जब बातों का अंत हो चुका है तो इस लड़ाई जीतने की जश्न मनाने की कोशिश करें। पॉजिटिव और खुश रहें। कैंसर से लड़ना और उसे हराना एक बड़ी उपलब्धि है। उन सभी चीजों को करने की कोशिश करें जो आप करना चाहते हैं।

वर्तमान को स्वीकारें

आपको एक नया जीवन मिला है ऐसे में उस चीज को सोचकर उदास न हों जो आप पहले करते थे और अब नहीं कर पाते। जाहिर है कि शारारिक तौर से आप कुछ तो बदले हैं। कुछ पुराना नहीं कर सकते तो क्या हुआ कुछ नए को आजमाएं। अपना एक नया पैशन एक्सप्लोर करें। जैसे कि पेंटिंग करना हो, लिखना हो, खेल खेलना हो, बुनाई करना हो, गाड़ी चलाना हो। इतना ही नहीं आप कुकिंग में भी कुछ नया एक्सप्लोर कर सकते हैं। आप यह मानिए कि आपका पुर्नजन्म हुआ है। इससे आप बहुत मोटिवेटेड महसूस करेंगे।

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चिंता न करें

Life After Cancer
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कैंसर का पता चलना और उसे दूर करने के लिए थैरीपीज सेशंस लेना, उनके साइड इफैक्ट को झेलना बहुत बड़ी बात है लेकिन अब समय है इन सभी से मूव ऑन करने का। आपको इससे भागने की जरुरत नहीं है लेकिन दुनिया और खुद को यह बताने की जरुरत है कि मैं इससे आगे बढ़ना चाहता हूं या चाहती हूं। अगर आपको बहुत टेंशन रहती है तो आप एक छोटी सी प्रैक्टिस कर सकते हैं आपको जब भी एंजाइटी हो आप ये लिखें कि मैं आगे क्यों बढ़ना चाहती हूं। अपने जिंदगी को लेकर आशाओं को लेकर बात लिखें। आप देखेंगे कि ऐसा करने से आपकी टेंशन जाती रहेगी। अगर आपको लगता है कि आपको कैंसर के सिलसिले में बात नहीं करनी तो अपने आस-पास के लोगों को इस संदर्भ में बता दें। रिश्ते को बनाए रखने के लिए साफ कहना जरुरी होता है।

काउंसलर का काम

यह बात सच है कि इस दुनिया में परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं है। आपको पता होना चाहिए कि आप उन भाग्यशाली लोगों में शामिल हैं जिन्हें ऊपर वाले ने एक दूसरा चांस दिया है। ऐसे में आपको थोड़ा विनम्र और परोपकारी होना चाहिए। ऐसा नहीं है आप धनवान हैं तो केवल धन खर्च करने से आपका काम पूरा हो गया। आप अपना समय उन लोगों को दें जिन्हें जरुरत है। आप सेवा के लिए वृद्धाश्रम जा सकते हैं। कैंसर अस्पताल में जाकर बात कर सकते हैं। पेशेंट के काउंसलिंग पैनल में आप शामिल हो सकते हैं। आप से बड़कर कौन एक अच्छा मोटिवेटर होगा जो खुद इस तकलीफ से गुजर चुका है।

घबराना नहीं है

एक बार एक ओंकोलॉजिस्ट ने सेमिनार में कहा था कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ कैंसर पेशेंट ही मरते हैं। मरना तो सभी को ही है। बस मरने से पहले मरने के बारे में सोचकर घबराना खुद को परेशान करने के अलावा और कुछ नहीं है। जाहिर है कि कहीं न कहीं आपको लगता होगा कि अगर यह दोबारा लौट गया तो। जब भी ऐसा कोई ख्याल दिल में आए खुद को किसी पॉजिटिव काम में बिजी कर लें। जिंदगी को आज में जिएं। खुश रहने की कोशिश करें। एक बैलेंस डाइट लें, एक्टिव रहें ताकि दोबारा कैंसर आप पर हमला न कर पाए।