12 या 13 नवंबर कब है कार्तिक अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व: Kartik Amavasya 2023
Kartik Amavasya 2023

Kartik Amavasya 2023: हिंदू धर्म में हर माह की अमावस्या पर स्नान, दान, पितरों की शांति के लिए तर्पण करना बहुत लाभकारी माना जाता है। साल में कार्तिक माह में आने वाली अमावस्या का बहुत अधिक महत्व है। 29 अक्टूबर 2023 से कार्तिक का महीना शुरू हो गया है जो 27 नवंबर 2023 तक रहेगा। कार्तिक को श्रीहरि और मां लक्ष्मी का प्रिय महीना माना जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या साल की सबसे बड़ी अमावस्या में से एक मानी जाती है। इस दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि कार्तिक अमावस्या कब है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है और इसका महत्व क्या है तो चलिए जानते हैं।

इस बार 12 नवंबर को दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा। इस शुभ दिन पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान है। इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय और विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी लक्ष्मी धरती पर विचरण के लिए आती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दीपदान करने से अक्षय पूर्ण की प्राप्ति होती है।

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कार्तिक अमावस्या 2023 की तारीख

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर 2023 को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 13 नवंबर 2023 को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी।

यहां जानें सारे शुभ मुहूर्त

स्नान मुहूर्त- सुबह 4 बजकर 56 मिनट से सुबह 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 44 से दोपहर 12 बजकर 27 तक।
पूजा काल – शाम 6 बजकर 12 मिनट से रात्रि 8 बजकर 12 मिनट तक।
प्रदोष काल – शाम को 6 बजकर 1 मिनट से रात्रि 8 बजकर 34 मिनट तक।
वृषभ काल – शाम को 6 बजकर 12 मिनट से रात्रि 8 बजकर 12 मिनट तक।
अमृत काल – शाम 5 बजकर 40 मिनट से रात्रि 7 बजकर 20 मिनट तक।
निशिथ काल मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 तक।

जानें, कार्तिक अमावस्या का महत्व

कार्तिक कृष्ण पक्ष के अमावस्या की रात को सबसे घनेरी रात माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या साल भर की सबसे बड़ी अमावस्या होती है। इस दिन रात में धन की देवी लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती है और जिस घर में शांत वातावरण, स्वच्छता, बड़ों का समान और प्रकाश होता है मां लक्ष्मी उसी घर में प्रवेश करती है। माता लक्ष्मी के स्वागत में भक्तजन विधि विधान से पूजा पाठ, जाप, हवन व दीये जलाते हैं।