Kartik Maas 2023: सनातन धर्म में प्रत्येक मास का किसी न किसी रूप से महत्व रहता है। हर मास की अपनी विशेषता और गुण होते है। इन्हीं में से एक मास है कार्तिक मास। शास्त्रों में कार्तिक मास का अधिक महत्व बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि यह मास भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। भगवान विष्णु का प्रिय कार्तिक मास इस बार 28 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रहा है और यह 27 नवंबर 2023 तक चलेगा। इस महीने में भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इस पवित्र महीने में अनेकों त्यौहार भी आते हैं। जिस वजह से इस महीने का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

कार्तिक मास में पवित्र नदियों में नहाने का भी विशेष महत्व है। मोक्ष का महीना कहे जाने वाले इस मास में लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान पुण्य करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह सब करने से इंसान को सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा ऐसा करने से सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
कार्तिक मास का महत्व
मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक मास में भगवान श्रीहरि जल में निवास करते हैं। इसलिए इस माह में गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ का विशेष महत्व माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास चातुर्मास का सबसे प्रमुख मास होता है। कार्तिक मास में ही देवोत्थान एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने की निंद्रा के बाद जागृत होते हैं। इसलिए इस महीने में भगवान विष्णु के साथ तुलसी पूजन का विशेष महत्व माना गया है।
कार्तिक मास में तुलसी का महत्व
कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा के साथ माता तुलसी की भी पूजा की जाती है। इस पूरे मास में माता तुलसी को जल अर्पण करने के बाद शाम को घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यह सब करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। इस मास में की जाने वाली तुलसी पूजा से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। इस मास में कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह आयोजित होता है।
कार्तिक मास में स्नान का महत्व
कार्तिक स्नान के लिए तीर्थराज प्रयाग, अयोध्या, कुरुक्षेत्र और काशी को सर्वश्रेष्ठ स्थान माना गया है प्राचीन काल में कुरुक्षेत्र में सरस्वती का बहाव था। इनके अलावा सभी पवित्र नदियों और तीर्थ स्थलों पर भी स्नान करना शुभ माना जाता है। अगर कार्तिक मास पर इन स्थानों पर जाना संभव नहीं हो पा रहा है तो आप अपनी नहाने की बाल्टी में कुछ बूंद इन पवित्र नदियों का जल डालकर भी स्नान कर सकते हैं।कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि अगर कार्तिक मास में कुंवारी कन्या इन पवित्र नदियों में स्नान करें तो उन्हें मनचाहा जीवन साथी मिलता है।
स्नान करते समय इस मंत्र का जाप करें
आपस्त्वमसि देवेश ज्योतिषां पतिरेव च।
पापं नाशाय मे देव वामनः कर्मभिः कृतम। यह बोल कर जल की ओर
दुःखदरिद्रयनाषाय श्रीविश्णोस्तोशणाय च।
प्रातः स्नान करोम्यद्य माघे पापविनाषनम।।
स्नान करने के बाद इस मंत्र का जाप करें
सवित्रे प्रसवित्रे च परं धाम जले मम।
त्वत्तेजसा परिभ्रश्टं पापं यातु सहस्त्रधा ।।
कार्तिक मास में आने वाले त्योहार
कार्तिक मास में ही करवा चौथ, धनतेरस, दिवाली, छठ और कार्तिक पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण व्रत त्यौहार पड़ते हैं।
करवा चौथ: हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। साल 2023 का करवा चौथ 31 अक्टूबर यानी मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।
धनतेरस: कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पर्व मनाया जाता है। इस दिन प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर भगवान, धन्वंतरि की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस साल धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर को मनाया जाएगा।
दिवाली: कार्तिक माह की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस साल 12 नवंबर के दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा।
