दिवाली की छुट्टियां मनाने के लिए भारत की इन खूबसूरत जगहों को करें विजिट : Diwali Vacations Destination
दिवाली में आप भारत के कई शहरों में जाकर छुटियां बीता सकते हैं।
Diwali Vacations Destination: त्यौहारों का सीज़न शुरू हो चुका है, ऐसे में स्कूल से लेकर कॉलेज में लंबी छुट्टियां मिलने वाली है। खासतौर पर दिवाली में एक लंबा वीकेंड होता है, जिसे कुछ लोग अपने घर में बिताना पसंद करते हैं। वहीं कुछ घूमने-फिरने के शौकीन भारत के अलग-अलग जगहों पर जाकर एंजॉय करना पसंद करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के कई कोनों में दिवाली बेहद अलग तरीकों से मनाई जाती है। इन दिनों मौसम भी अधिक सुहावना होता है। ऐसे में अगर आप भी अपने लंबे वीकेंड को मस्ती भरा बनाना चाहते हैं, तो दिवाली में देश के कुछ राज्यों में जाकर इस त्यौहार का आनंद ले सकते हैं।
अयोध्या

दिवाली के त्यौहार की बात आती है, तो अयोध्या का नाम हमारे जहन में सबसे पहले आता है, क्योंकि यहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था। दिवाली में पूरे यूपी से लोग लालटेन जलाने के लिए सरयू नदी के तट पर एकत्र होते हैं। अयोध्या को रंग-बिरंगे कागजों, रोशनी और घरेलू सजावट से भव्य रूप से सजाया जाता है।
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वाराणसी

वाराणसी को बनारस के नाम से भी जाना जाता है। ये दुनिया के सबसे पवित्र हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक है। अगर आप घूमने फिरने के शौकीन है, तो दिवाली के दौरान आपको वाराणसी जाना चाहिए। यहां पर आपका समय काफी अच्छा बीतेगा। यहां वाराणसी घाट को मोमबत्तियों और मिट्टी के दीयों से रोशन किया जाता है। दिवाली के दौरान सड़कें हिंदू देवताओं के एक बड़े जुलूस से सजी होती हैं और घाटों को दस लाख से अधिक दीपकों से रोशन किया जाता है। जो देखने में बेहद खूबसूरत लगता है।
अमृतसर

अमृतसर मुख्य रूप से स्वर्ण मंदिर के लिए जाना जाता है। लेकिन, यहां पर दिवाली भी बेहद शानदार तरीके से मनाई जाती है। यदि आप दिवाली के दौरान स्वर्ण मंदिर जाते हैं, तो आपको इसके ऊपर एक आतिशबाजी का प्रदर्शन दिखाई देगा। इसके अलावा, मंदिर परिसर भक्तों द्वारा जलाई गई दीपक और मोमबत्तियों से जगमगाता है।
उदयपुर

दिवाली के दौरान उदयपुर के सभी छतों और दरवाजों को रंग बिरंगी रोशनियों से सजाया जाता है। शहर की जगमगाती रोशनी और आतिशबाजी का नजारा देखने लायक होता है, जिसे नाहरगढ़ के किले से देखा जा सकता है। उदयपुर और जयपुर सैलानियों को दिवाली उत्सव का शानदार नजारा दिखाने में कभी पीछे नहीं रहतीं हैं। इसके अलावा उदयपुर में ऐसे कई फेमस रिजॉर्ट है, जहां दिवाली पार्टी आयोजित की जाती है और बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज भी आते हैं। इन सभी चीजों का आनंद उठाने के लिए आपको मोटा खर्चा करना पड़ेगा।
गोवा

दिवाली गोवा में भगवान कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर पर विजय की याद में मनाई जाती है। हर साल, गोवा का हर शहर और गांव यह देखने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं कि कौन सबसे बड़े और सबसे बुरे राक्षसों का निर्माण कर सकता है, जिन्हें बाद में दिवाली के प्रमुख दिन, नरकासुर चतुर्दशी पर जला दिया जाता है।
मैसूर

इस बार दिवाली मनाने के लिए आप दक्षिण भारत का रुख भी कर सकते हैं। दिवाली के अवसर पर मैसूर पैलेस को बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजा दिया जाता है। रंग बिरंगे लालटेन और दीए आपका मन मोह लेंगे। इस पैलेस में एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों लोग दिवाली मनाने आते हैं। इसके साथ ही पूरा मैसूर सुंदर बाजारों से सज जाता है। दिवाली के दौरान यहां की खास बात ये भी होती है कि मार्केट में आपको स्वादिष्ट पकवान बेहद कम दाम में खाने को मिलेंगे।
कोलकाता

कोलकाता का दुर्गा पूजा बहुत मशहूर है, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि यहां पर दिवाली का त्यौहार भी बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भारतीय घरों में लक्ष्मी माता की पूजा होती है। यहां पर कई जगहों पर अलग अलग कार्यक्रम और पार्टी आयोजित की जाती है, जिसमें आम लोग भी हिस्सा ले सकते हैं। अगर आप दिवाली के त्यौहार को काफी ज्यादा इंजॉय करना चाहते हैं, तो कोलकाता के कालीघाट मंदिर या दक्षिणेश्वर मंदिर जा सकते हैं। यह दोनों मंदिर यहां पर बेहद फेमस है। इन दिनों रंग बिरंगे दीया और लैम्प से पूरा शहर खूबसूरत लगता है।
असम

असम में दिवाली पांच दिनों तक मनाई जाती है। यहां दुर्गा पूजा के बाद से ही घरों को फूल मालाओं और फेयरी लाइटों से सजाया जाता है। घर के दरवाज़ों को इसी तरह आम के पत्तों और गेंदे के फूलों से सजाया गया है। असम में धनतेरस पहला दिन है, दूसरा दिन नरक चतुर्दशी, तीसरा दिवाली, चौथा बलिपद्यमी और पांचवां भाई दूज है। असम में दिवाली के चौथे दिन गरीबों को भोजन कराया जाता है और पांचवें दिन, बहनें अपने भाइयों के माथे पर उनकी भलाई के प्रतीक के रूप में तिलक लगाती हैं। दिवाली के दौरान तेजपुर और काजीरंगा जरूर देखने लायक शहर हैं, क्योंकि वे भव्य समारोहों का आयोजन करते हैं।
चेन्नई

तमिलनाडु में धनतेरस को धन त्रयोदसी या अश्वयुजा बहुला त्रयोदसी के नाम से जाना जाता है। स्थानीय लोग दैवीय कोषाध्यक्ष कुबेर की पूजा करते हैं और उन्हें सूखे खजूर, शहद और गुड़ चढ़ाते हैं। जबकि घरों को पूर्णता से साफ किया जाता है। बाकि राज्यों की तरह ही यहां पर भी आतिशबाजी की जाती है। इसके अलावा, अदिति और कृष्ण के हाथों नरकासुर के पतन को चिह्नित करने के लिए उसके पुतले भी जलाए जाते हैं। तमिलनाडु का हर घर दिवाली में रंग बिरंगे दीयों से सजाया जाता है।
