साक्षरता को इस तरह करें सपोर्ट
चलिए जानते है कि हम किस छोटे प्रयास से साक्षरता को बढ़ावा दे सकते हैं।
International Literacy Day : पूरे विश्व में हर साल 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। शिक्षा के महत्व और निरक्षरता को दूर करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। 1966 में पहली बार विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया था। इस दिन को मनाने के लिए विश्व में कई जगह पर समारोह किये जाते है जिससे लोगों तक शिक्षा को लेकर जागरूकता पैदा की जा सकें।
भारत में साक्षरता को मौलिक अधिकारों में भी शामिल किया गया है। साक्षरता दिवस के मौके पर हमें मिलकर प्रण लेने की जरूरत है, इसके लिए हमारे छोटे से प्रयास ही हमारे समाज, देश और विश्व को शिक्षा के ज्ञान प्रकाश की रौशनी से उजागर कर सकते हैं। चलिए जानते है कि हम किस छोटे प्रयास से साक्षरता को बढ़ावा दे सकते हैं।
गरीब बच्चों को मुफ्त में क्लास देने का करें प्रयास

हममें से हर एक पढ़ा लिखा व्यस्क किसी न किसी स्किल में माहिर होता है। कहा भी जाता है कि ज्ञान बाँटने से कम नहीं बल्कि बढ़ता ही है। आप अपनी स्किल को जब भी समय लगे गरीब और जरुरतमन्द बच्चों के साथ साझा करें। वही इन बच्चों को समाज और शिक्षा के महत्व को भी समझाएं, जिससे वो आगे इस ज्ञान को बढ़ा सकें।
किताबें करें दान

यह एक ऐसा तरीका है जिससे आप अपने आस पास और समाज के कई बच्चों की मदद कर सकते हैं। आप अपनी पुरानी किताबों को उन लोगों को दान कर सकते है जिन्हें इसकी जरूरत हैं। ऐसी कई संस्थान और एनजीओ है जो पुरानी किताबों को लेकर जरुरतमंद लोगों और बच्चों तक पहुँचाने का काम करती हैं।
चैरिटी फंड को करें सपोर्ट

हर इंसान का छोटा प्रयास एक बड़े सपने को पूरा कर सकता है। अगर हम अपनी आमदनी में से एक छोटा सा हिस्सा उन चैरिटी फंड को दें, जो शिक्षा के क्षेत्र में देश के गरीब और जरुरतमंद बच्चों के लिए काम करती है। उन चैरिटी फंड का सपना और देश के हर बच्चे को शिक्षित करने का सपना साकार हो सकेगा।
वॉलंटियर के तौर पर दे सकते हैं योगदान

कुछ ख़ास दिन या ख़ास कार्यक्रमों में देश और आपके क्षेत्र में होने वाले छोटे-छोटे कार्यक्रम में हिस्सा लेकर वालंटियर के तौर पर काम कर सकते हैं। इसके साथ ही इन कार्यक्रमों में अपने दोस्तों को भी शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें। अपने प्रयास से लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करें।
मोहल्ले में स्टडी बेस्ड आयोजन

आप अपने मोहल्ले में कुछ लोगों के साथ मिलकर बच्चों यहाँ तक की व्यस्क और बुजुर्गों जो साक्षर नहीं है उनके लिए स्टडी बेस्ड प्रोग्राम का आयोजन कर सकते हैं। इन प्रोग्राम से उन बच्चों और लोगों जिनके पास शिक्षा का अभाव हैं उन्हें भी शिक्षा लेने की प्रेरणा मिलेगी।
यूँ तो शिक्षा और ज्ञान की कोई सीमा या उम्र नहीं होती है। इसलिए साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए हमें सिर्फ साल में एक दिन ही नहीं बल्कि अपने बल पर पूरे साल प्रयास करते रहना चाहिए। इससे समाज, देश, विश्व के साथ साथ हमारा भी विकास होगा।