Nose Piercing Remedy: फैशन और स्टाइलिंग हर जमाने में लोगों की चाहत का सबसे बड़ा हिस्सा रहा है। फैशन की चमकती दुनिया में आप क्या पहनते हैं, इससे ज्यादा जरूरी यह हो जाता है कि आप कैसे पहनते हैं। दरअसल किसी भी आउटफिट या एक्सेसरी को यूज करने का जितना यूनिक और बेहतर तरीका होता है, फैशन की दुनिया में उस स्टाइल का उतना ही नाम होता है। अगर आज की बात हो तो, स्टाइलिंग की इस दौर के फैशन ट्रेंड्स में आज पियर्सिंग का जलवा है। देखा जाए तो फैशन स्टेटमेंट का सुर आज के मॉडर्न टाइम्स में टैटू और पियर्सिंग बुलंद कर रहे हैं और ऐसे में भी नोज पियर्सिंग की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। अगर आप भी नोज पियर्सिंग करवाने के इच्छुक हैं, तो उससे पहले जाने लें, कि इसकी केयर कैसे की जाए? आइए जानते हैं, कैसे आप नोज पियर्सिंग के आफ्टर इफेक्ट्स से बच पाएंगे।
क्या होते हैं नोज पियर्सिंग के आफ्टर इफेक्ट्स

दरअसल जब भी आप नोज पियर्सिंग करवाते हैं, तो आपको इसके कई आफ्टर इफेक्ट्स का सामना करना पड़ता है। दरअसल नोज पियर्सिंग के बाद आपको कुछ हफ्तों तक पियर्सिंग वाली जगह पर लालिमा और सूजन का अनुभव होता है। दरअसल ये रेडिशनेस कभी कभी काफी दर्दनाक भी होती है। कभी कभी पियर्सिंग वाली जगह पर पस से भरी फुंसी जैसी गांठ हो जाती है तो कभी कभी इससे खून और सफेद या पीला पस निकल सकता है। नोज पियर्सिंग के बाद आने वाले उभार एक दम आमतौर पर लगी चोट के बाद आने वाले उभार की तरह ही दिखाई पड़ते हैं, और कुछ समय बाद खुद ही ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन अगर आपकी इस समस्या का लंबे समय तक कोई हल नहीं हो पा रहा है तो कुछ आसान सी ट्रिक्स से आप इन बंप्स से बच सकते हैं। पर उससे पहले जानते हैं कि क्यों होता है नोज पियर्सिंग बंप।
क्यों होते हैं नोज पियर्सिंग बम्प्स

कभी कभी ढंग से केयर न करने के कारण पियर्सिंग बंप हो जाते हैं। बता दें दरअसल एक नई पियर्सिंग को इन्फेक्शन से बचाने के लिये दिन में कम से कम दो बार साफ और स्टरलाइज किया जाना चाहिए। पर्सनल हाइजीन की कमी से भी नोज पियर्सिंग बंप का सामना कर पड़ सकता है। दरअसल पियर्सिंग की जगह के पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी आपको ढंग से सेल्फ हाइजीन मेंटेन न करने और बिना धुले हाथ पियर्सिंग वाली जगह पर लगाने से काफी प्रोब्लम होती है।
कभी कभी बेकार और पुरानी पियर्सिंग तकनीक की वजह से भी आपको समस्या का अनुभव करना पड़ता है। ऐसे सिचुएशन से बचने के लिए आपको हमेशा लाइसेंस्ड पियर्सर्स से ही पियर्सिंग करवानी चाहिए। कभी कभी पियर्सिंग बंप के पीछे एलर्जिक इन्फेक्शन भी हो सकता है।
ये है बचाव की तकनीक
टी ट्री ऑयल
अपने एंटीमाइक्रोबियल , एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण से आप टी ट्री का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल टी ट्री के स्पेशल तत्व बैक्टीरिया को जड़ से समाप्त कर सकते हैं।
कैमोमाइल टी बैग
नोज पियर्सिंग बंप पर आप कैमोमाइल टी बैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि कैमोमाइल में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं जिसकी सहायता से ये स्किन की हल्की जलन, रैशेज, घावों और सूजन को कम करने में मदद करता है।
एस्पिरिन
एस्पिरिन एक काफी इफेक्टिव पेन किलर है, जो काफी लंबे समय से दर्द और सूजन के नियंत्रण में इस्तेमाल की जाती है। दरअसल यह पियर्सिंग वाली जगह पर सूजन, जलन, और रेडिशनेस को काफी कम करती है ।
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शहद
शहद एक काफी प्राचीन और इफेक्टिव मेडिकेशन का तरीका है। बता दें इसमें एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल और घाव भरने के ट्रेट्स मौजूद होते हैं। और यही वजह है कि शहद के एप्लीकेशन से नोज पियर्सिंग बंप में काफी राहत मिलेगी।
कोल्ड कंप्रेस
कोल्ड कंप्रेस या यूं कहें, ठंडी सिकाई, नोज पियर्सिंग बंप के लिए काफी लाभदायक है। अगर आप वाकई इस सिचुएशन से खुद को बचाना चाहते हैं तो आप बंप वाली जगह पर आइस इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल कोल्ड पैक से पियर्सिंग वाली जगह पर सिकाई करने से आपको काफी राहत मिलेगी। पर याद रहे, बर्फ का डायरेक्ट इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है, ऐसे में बर्फ को तौलिए में लपेटकर इस्तेमाल करें।