देश में 70 प्रतिशत लोगों को है डाइजेशन से संबंधित परेशानी, ये गलती कर रहे हैं हम: Digestive System Problem
Digestive System Problem

Digestive System Problem: कहते हैं स्वस्थ पाचन तंत्र की सेहत का राज है। बड़े बुजुर्गों की यह बात साइंस भी मानती है। शायद यही कारण था कि भारतीय घरों में भोजन को विशेष महत्व दिया गया है। लेकिन अब बदली हुई लाइफस्टाइल, खानपान के तौर-तरीकों में परिवर्तन और भागदौड़ भरी जिंदगी में सिर्फ पेट भरने के लिए खाने की आदत के कारण लोग पेट से संबंधित बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।

59 % लोग हर सप्ताह करते हैं शिकायत

Digestive System Problem
70 percent of the urban people of the country are facing digestive problems.

देश के 70 प्रतिशत शहरी लोगों को पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जी हां, हाल ही में इंडिया डायटेटिक्स एसोसिएशन की ओर से देश के बड़े शहरों में किए गए एक सर्वे में यह सामने आया कि भारत में 10 में से 7 शहरी लोगों को डाइजेशन और आंतों की समस्याएं हैं। इतना ही नहीं इस सर्वे में यह भी पता चला कि इनमें से 59 प्रतिशत लोग हर वीक यही शिकायत करते हैं कि उनका पेट खराब है। वहीं 12 प्रतिशत लोग पेट खराब होने की परेशानी से हर दिन जूझते हैं। डाइजेशन से जुड़ी इसी समस्या के कारण शहरी लोगों में ओबेसिटी, हाई बीपी और हार्ट संबंधी बीमारियों की आशंका बढ़ रही है।

फास्ट फूड दिखा रहा है असर

63 प्रतिशत शहरी भारतीय हर सप्ताह पिज्जा और बर्गर जैसे जंक फूड खाते हैं।
63 percent of urban Indians eat junk food like pizza and burgers every week

डाइजेशन संबंधी समस्याएं सीधे तौर पर हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी हैं। अनहेल्दी और फास्ट फूड का चलन हर घर में बढ़ गया है। और कहीं ना कहीं यही परेशानी खड़ा कर रहा है। सर्वे के अनुसार 63 प्रतिशत शहरी भारतीय हर सप्ताह पिज्जा और बर्गर जैसे जंक फूड खाते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि ऐसा नहीं है कि लोग जंक फूड व फास्ट फूड के दुष्प्रभावों को नहीं जानते। 66 प्रतिशत लोगों ने इस बात को स्वीकारा कि उन्हें पता है कि जंक फूड खाना उनकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। फिर भी वे स्वाद के आगे हार जाते हैं। हालांकि इसके साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए भी वे पूरा प्रयास करते हैं। डाइजेशन की समस्याओं से जूझने वाले लोग अक्सर इससे निजात पाने के लिए फिजिकल एक्टिविटी का रास्ता चुनते हैं। 67 प्रतिशत लोगों ने अपने डाइजेशन को सुधारने के लिए फिजिकल एक्टिविटी को अपनी लाइफ का हिस्सा बनाया है।

महिलाओं के लिए ज्यादा परेशानी

 40 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे नियमित तौर पर मूड स्विंग जैसी परेशानी से जूझ रही हैं।
40 percent of the women said that they are facing problems like mood swings on a regular basis.

शहरी लोगों के स्वास्थ्य को लेकर किए गए इस सर्वे में सामने आया कि शहरी महिलाओं में मूड स्विंग की परेशानियां भी रहती हैं। 41 प्रतिशत महिलाओं ने स्वीकारा कि उन्हें हर समय थकान महसूस होती है। वहीं 40 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे नियमित तौर पर मूड स्विंग जैसी परेशानी से जूझ रही हैं। 34 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उन्हें एंजाइटी महसूस होती है। ऐसे में जिंदगी को बेहतर और एडवांस बनाने की दौड़ में शामिल लोग, जीवन के मूल सुख यानी खुशियों से दूर हो रहे हैं।

डाइजेशन में सुधार के लिए करें ये

अपनी डेली डाइट में ज्यादा से ज्यादा हाई फाइबर फूड का सेवन करना आपके डाइजेशन के लिए बेहतर रहेगा।
Consuming more and more high fiber food in your daily diet will be better for your digestion.

अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा सा परिवर्तन करके और डाइट में कुछ चीजों को शामिल करके आप अपने डाइजेशन को सुधार सकते हैं।

हाई फाइबर डाइट लें

अपनी डेली डाइट में ज्यादा से ज्यादा हाई फाइबर फूड का सेवन करना आपके डाइजेशन के लिए बेहतर रहेगा। अपनी डेली डाइट में हरी सब्जियां, मौसमी फल के साथ ही साबुत अनाज का सेवन जरूर करें। ऐसा करने से आपका पाचन तंत्र होगा। ये आपकी बॉडी के लिए भी फायदेमंद रहेगा।

पहचानें खाने की तासीर

अपनी डाइट में ज्यादा फैट वाले फूड्स का अनुपात कम करना आपकी पाचन क्रिया में बड़ा सुधार ला सकता है। दरअसल, ज्यादा फैट वाले फूड को पचाने के लिए हमारे पाचन तंत्र को अधिक काम करना पड़ता है। जिससे पाचन क्रिया भी धीमी हो जाती है। ऐसे में कब्ज और पेट साफ नहीं होने जैसी प्रॉब्लम होने लगती है। इसलिए डाइट में लो फैट वाला फूड शामिल करें। जिससे आपकी पाचन क्रिया सुचारू ढंग से चल पाए।

प्रोबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स हैं जरूरी

अपनी डेली डाइट में प्रोबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स को जोड़ना आपको हेल्दी गट दे सकता है। इनमें हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे डाइजेशन सिस्टम के लिए जरूरी है। प्रोबायोटिक्स पोषक तत्व को अवशोषित करते हैं, जिससे लैक्टोस को तोड़ने में भी मदद मिलती है। ऐसा होने पर हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और डाइजेशन सिस्टम ठीक रहता है।

समय पर खाना जरूरी

भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर समय पर खाना नहीं खा पाते। लेकिन ऐसा करना कहीं ना कहीं हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। आप भोजन के लिए एक समय निश्चित करें और रोज उसी समय पर अपना ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर करें। ऐसा करने से ना सिर्फ आपका डाइजेशन सुधरेगा बल्कि आपका मोटापा भी कम होगा।

विटामिन सी और डी हैं बड़े काम के

डाइट में विटामिन सी और डी को शामिल करना बेहद जरूरी है। इन दोनों ही विटामिन से हमारा पाचन तंत्र मजबूत होता है। विटामिन सी के लिए आप खट्टे फलों का सेवन करें। डाइट में नींबू, संतरा, स्ट्रॉबेरी, कीवी को जोड़ें। इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। विटामिन डी के लिए अब खमीर उठे भोजन जैसे इडली, डोसे आदि का सेवन करें। इससे भी पाचन तंत्र सुधरता है।

खाने को ठीक से चबाना है जरूरी

काम में दबाव या फिर आफिस समय पर पहुंचने की जल्दी में अकसर लोग जल्दी-जल्दी खाना खा लेते हैं। लेकिन ऐसा करना हमारे लिए नुकसानदायक है। खाने को सिर्फ पेट भरने के लिए ना खाएं। इसे ठीक से चबाना भी बेहद जरूरी है। आप हर गस्से को कम से कम 20 बार चबाएं। ऐसा करने से मुंह के एंजाइम उत्तेजित होते हैं, जिससे पाचन शक्ति में सुधार होता है।

सही मात्रा में पानी पीना है जरूरी

यह तो हम सभी जानते हैं कि पानी पीना हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। इससे ना सिर्फ हमारा मोटापा कम होता है बल्कि हमारा पाचन तंत्र भी सुधरता है। दिन में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी हर व्यक्ति को पीना चाहिए। कोशिश करें कि सुबह उठकर एक से दो गिलास गुनगुना पानी जरूर पिएं। इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही यह वजन कम करने में भी मदद करेगा।

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