Financial Literacy: घर-परिवार की जिम्मेदारी हो या ऑफिस, सरहद की सुरक्षा हो या हवाई जहाज उड़ाना हो, आज महिलाएं हर फील्ड में पुरुषों से बराबरी कर रही हैं. इतना सक्षम होने के बाद भी एक क्षेत्र ऐसा है, जहां महिलाएं आज भी अपने पति, पिता और पार्टनर पर निर्भर रहती हैं. फाइनेंशियल प्लानिंग और निवेश जैसे फैसलों पर आज भी पुरुषों का ही वर्चस्व है.
फाइनेंशियल प्लानिंग में महिलाओं को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. महिलाओं का वित्तीय रूप से साक्षर होना इसलिए भी जरूरी है ताकि वो तनाव मुक्त आर्थिक रूप से स्वतंत्र जीवन जी सकें. फाइनेंशियल लिटरेसी व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन, बजट और निवेश जैसे वित्तीय कौशल को समझने और उसका उपयोग करने की क्षमता है. फाइनेंशियल लिटरेसी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद करती है.
महिलाओं की कमाई कम, जीवन ज्यादा

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट, 2021 के अनुसार भारत में महिलाओं की अनुमानित आय पुरुषों की तुलना में केवल पांचवां हिस्सा है. इसका मतलब है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम कमाती हैं. जबकि उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत अधिक बचत करने की जरूरत होती है. इकोनॉमिक सर्वे 2021-22 के मुताबिक महिलाओं की औसत आयु 70 वर्ष है, जबकि पुरुषों की औसत आयु 68 वर्ष है. इसका मतलब है कि महिलाओं को वृद्धावस्था में अपनी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ी धनराशि की जरूरत है. इतना ही नहीं लंबी उम्र के कारण उन्हें स्वास्थ्य देखभाल पर अतिरिक्त खर्च की भी आवश्यकता होती है.
अधिक और जल्दी बचत करना है जरूरी

महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक बचत करने और जल्दी निवेश शुरू करने की जरूरत होती है. बचत करने का सबसे सामान्य नियम यह है कि बचत की दर व्यक्ति की उम्र के बराबर होनी चाहिए. लेकिन सिर्फ बचत करने से बड़ी पूंजी नहीं जुटेगी. इसलिए जब महिलाएं वित्तीय रूप से साक्षर होंगी तब वे अपने जोखिम प्रोफाइल से जुड़े सही उत्पादों में निवेश कर सकेंगी. यदि महिलाएं वास्तव में खुद को स्वतंत्र और आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस कराना चाहती हैं तो उनको वित्तीय रूप से साक्षर होना बेहद जरूरी है.
धोखाधड़ी का नहीं होंगी शिकार

तेजी से डिजिटल होते समाज में धोखाधड़ी की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं. वित्तीय रूप से कम साक्षर महिलाएं ठगों का आसान शिकार होती हैं. वित्तीय रूप से साक्षर बनकर महिलाएं ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट में होने वाली धोखाधड़ी से अपने आप को बचा सकेंगी.
जीवन बनता है आसान

पैसे कमाने के बाद उसे सही तरीके से मैनेज करना सबसे बड़ी जिम्मेदारी और चुनौती होती है. अधिकांश महिलाओं को फाइनेंशियल लिटरेसी की जानकारी नहीं होती. फाइनेंशियल लिटरेसी का ज्ञान होने से पैसों को निवेश करना, डिस्ट्रीब्यूट करना और बचत करना आसान हो जाता है. इससे जीवन जीने बहुत सरल और आनंदायक भी बन जाता है.
महिलाओं का वित्तीय साक्षर होना क्यों है जरूरी?

– वित्तीय रूप से साक्षर महिलाएं हर इमरजेंसी के लिए अपने आप को तैयार कर पाएंगी.
– अगर महिलाएं फाइनेंशियल लिटरेट हैं तो वे बढ़ती जीवन लागत और महंगाई के साथ आसानी से अपना खर्च मैनेज कर सकेंगी.
– अधिकांश घरों में महिलाएं ही दैनिक खर्च चलाती हैं. ऐसे में पैसे का सही इस्तेमाल कैसे किया जाए इसकी समझ मिलेगी.
– महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहती हैं, इसलिए उन्हें अपने दैनिक खर्च और वित्तीय प्रबंधन का ज्ञान जरूरी है.
– फाइनेंशियल लिटरेट महिलाएं अधिक आत्मविश्वास के साथ स्वयं निर्णय लेने में सक्षम होती हैं.