Temple Vastu Tips: मंदिर किसी भी घर की सुख-शांति और तरक्की का प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि हिंदू घरों में मंदिर के लिए एक अलग जगह या स्थान होता है। जो बेहद पवित्र और साफ-सुथरा होता है। वास्तु के अनुसार पूजा घर या मंदिर सही दिशा में होना आवश्यक है। घर का मंदिर यदि गलत दिशा में स्थापित किया गया है तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है साथ ही आर्थिक रूप से परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। जिन घरों में मंदिर दक्षिण दिशा में रखे जाते हैं वहां पूजा करने में मन नहीं लगता। इसके अलावा लंबे समय तक बीमारी का भी वास रहता है। अधिकांश घरों में मंदिर को स्थापित करने के दौरान दिशा और वास्तु पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता। खासकर छोटे घरों में जगह के अनुसार मंदिर को स्थान दिया जाता है। यदि आप भी आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं या बीमार रहते हैं तो अपने घर के मंदिर की दिशा पर अवश्य गौर करें। लेकिन कौन सी दिशा मंदिर रखने के लिए सुरक्षित है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
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दक्षिण दिशा से रहें दूर
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जिन घरों में मंदिर को दक्षिण दिशा में स्थापित किया जाता है वहां बीमारी और आर्थिक परेशानियां आ सकती हैं। शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। वहां मंदिर रखने से दरिद्रता का वास होता है। इसलिए मंदिर को हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए। इससे घर में शुभ कार्य संपन्न होते हैं साथ ही सुख-समृद्धि का वास होता है।
बेडरूम में न रखें ईष्ट
छोटे घरों में मंदिर की कोई विशिष्ट जगह नहीं होती। कभी मंदिर को रसोई में रखा जाता है तो कभी बेडरूम में। आपको बता दें कि बेडरूम में मंदिर को स्थापित करने से घर में नकारात्मकता आती है। खासकर शादीशुदा जोड़े के कमरे में भूलकर भी भगवान की मूर्ति या मंदिर नहीं रखना चाहिए। यदि घर में मंदिर को अलग से रखने की जगह नहीं है तो मंदिर में पर्दा लगाएं और इस बात का खास ध्यान रखें कि सोते समय आपके पैर मंदिर की ओर नहीं होने चाहिए।
बालकनी में न हो मंदिर
![temple in the balcony](https://i0.wp.com/grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2024/02/temple-2-.webp?resize=780%2C439&ssl=1)
घर चाहे छोटा हो या बड़ा लेकिन मंदिर को कभी भी बालकनी में न बनवाएं। कई घरों में मंदिर को घर के बाहर बालकनी में स्थान दिया जाता है। ऐसा करने से आप अपने घर की सुख-समृद्धि को घर के बाहर कर देते हैं। इससे आर्थिक नुकसान तो होता ही है साथ ही बीमारी भी आपका पीछा नहीं छोड़ती। इसलिए घर की उत्तर पूर्व दिशा में मंदिर को स्थान देना चाहिए ताकि भगवान की पूजा सच्चे मन से की जा सके।
सीढ़ियों के नीचे न रखें
जिन घरों में मंदिर का स्थान सीढ़ियों के नीचे होता है वहां धन की हानि होती है। इसके अलावा आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। सामान्यतौर पर सीढ़ियों पर जाने के लिए चप्पल या जूते का प्रयोग किया जाता है जो कि मंदिर की पवित्रता को भंग करते हैं। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और स्वास्थ्य समस्याएं बनी रहती हैं।