दशहरे वाले दिन पूजा कैसे करना चाहिए: Dussehra Puja Vidhi
नवरात्रि के अंतिम दिन व्रत करने वाले से लेकर अन्य लोग भी धूमधाम से घर में पूजा पाठ करते हैं।
Dussehra Puja Vidhi: दशहरे के दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था इसलिए हर साल विजयदशमी के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है। नवरात्रि के अंतिम दिन व्रत करने वाले से लेकर अन्य लोग भी धूमधाम से घर में पूजा पाठ करते हैं। चलिए जानते हैं कि दशहरे वाले दिन आप अपने घर में किस तरह से पूजा कर सकते हैं और इस बार पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
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दशहरा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार आश्विन माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा इसलिए पंचांग के आधार पर दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से लेकर 03 बजकर 35 मिनट तक के बीच होगी।
दशहरा पूजा विधि
दशहरे वाले दिन पूजा दोपहर में की जाती है। इसके लिए सबसे पहले स्नान करें और मंदिर की सफाई कर घर के ईशान कोण में 8 कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल चक्र बनाएं। फिर अष्टदल के बीच में अपराजिताय नम मंत्र का जप करें और मां दुर्गा के साथ भगवान राम की पूजा करें। अब रोली, अक्षत, फूल आदि पूजा की सामग्री अर्पित करें और भोग लगाएं। इसके बाद माता की आरती भी करें और जयकारे भी लगाएं।कुछ जगहों पर गाय के गोबर से 9 गोले व 2 कटोरियां बनाई जाती हैं। इन कटोरियों में से एक में सिक्के और दूसरी रोली, चावल, जौ व फल रख दें। फिर प्रतिमा पर जौ, केले, मूली और गुड़ आदि अर्पित कर दें। इसके बाद अपने सामर्थ्य के मुताबिक गरीबों को भोजन कराएं।
दशहरा का महत्व

भारत के कई जगहों पर दशहरा वाले दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा भी की जाती है। दशहरा पर सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए। इस दिन पुस्तकों, वाहन आदि की पूजा भी की जाती है। कहा जाता है कि दशहरा के दिन हनुमान जी की पूजा करने से हर इच्छा पूरी की जाती है। रावण दहन की लकड़ी को घर लेकर आना शुभ माना जाता है। इस दिन शमी के पेड़ के पूजन का विशेष महत्व है। दशहरा पर घर में रंगोली बनाएं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। यदि संभव हो तो इस दिन हलवा बनाकर गरीबों में बांटे।
शस्त्र पूजा की विधि
भारत के कई हिस्सों में दशहरा वाले दिन शस्त्र पूजा की जाती है। इसके लिए सुबह सवेरे शुभ मुहूर्त पर अपने अस्त्र शस्त्रों को निकाले और उन पर गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद सभी शस्त्रों पर मौली बांधे। उसके बाद सभी शस्त्रों पर तिलक लगाएं और फूल माला चढ़ाकर विधि विधान के साथ पूजा करें। हिंदू धर्म के अनुसार जो भी व्यक्ति दशहरे वाले दिन अस्त्र और शस्त्र की पूजा करता है, उसके जीवन से सभी परेशानी और दरिद्रता दूर होती है।
