सिंघाड़े या कुट्टू का आटा ही क्यों खाए?: Kuttu And singhara atta significance in fasting
व्रत के दौरान कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का खाना काफी शुभ माना जाता है और इसके अपने अलग महत्व भी है।
Kuttu And Singhara Atta Significance in Fasting: नवरात्रि के नौ दिनों में लोग मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं। उपवास में लोग अक्सर कुट्टू और सिंघाड़े के आटे से बनी चीजें खाते हैं। व्रत के दौरान कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का खाना काफी शुभ माना जाता है और इसके अपने अलग महत्व भी है। हालांकि, कई लोगों के मन में यह सवाल आते रहता है कि आखिरकार व्रत में कुट्टू या सिंघाड़े का आटा ही क्यों खाया जाता है, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
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पौष्टिक तत्वों से भरपूर

सिंघाड़े या कुट्टू का आटा पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। सिंघाड़ा आटा कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, जिससे शरीर को आवश्यक एनर्जी मिलती है। कुट्टू का आटा भी उच्च प्रोटीन और फाइबर प्रदान करता है, जो डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत बनाता है। इन आटो में जरूरी मिनरल्स जैसे मैग्नीशियम, फास्फोरस, और कैल्शियम भी होते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक हैं। फास्टिंग के दौरान शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और ये आटे इस आवश्यकता को पूरा करते हैं। इसके अलावा व्रत के दौरान ये आटे लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखने में मदद करता है इसलिए अक्सर लोग व्रत में इन आटो से बनी चीजों को खाते हैं।
धार्मिक महत्त्व

हिंदू धर्म के अनुसार, व्रत के दौरान लोग अक्सर गेहूं और चावल का सेवन नहीं करते हैं क्योंकि यह वर्जित माने जाते हैं इसलिए विकल्प के तौर पर लोग सिंघाड़ा और कुट्टू के आटे से बनी चीजों को खाते हैं। इसके अलावा, इन आटों से कई तरह के स्वादिष्ट डिश बनाए जा सकते हैं। ये डिशेज न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि इन्हें बनाना भी आसान होता है।
वजन घटाने के लिए

व्रत के दौरान लोग वेट लॉस करने के लिए भी कुट्टू या सिंघाड़े के आटे का सेवन करते हैं। इन आटा खाने से वजन कम होता है और इसमें गेहूं के आटे की तुलना में कम कैलोरी होती है। इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल पर काबू रखकर शरीर को फाइबर और प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में देता है।
इन आटो से बनी चीजों के खाने से मिलने वाले फायदे
- शरीर की हड्डियों से संबंधित समस्याओं को भी ये आटे दूर करते हैं क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है। ये अर्थराइटिस का खतरा कम करता है।
- सिंघाड़े और कुट्टू के आटे में पाए जाने वाला पोटेशियम उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
- ये आटे शरीर से सभी टॉक्सिक पदार्थों को निकालकर स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाने में मदद करते हैं।
- सिंघाड़ा और कुट्टू के आटे में फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, जिंक भरपूर मात्रा में होता है जो शरीर को इंस्टेंट एनर्जी प्रदान करता है इसलिए लोग इसे व्रत में खाना पसंद करते हैं।
- सिंघाड़े में मौजूद आयोडीन मैंगनीज जैसे मिनरल्स थॉयराइड की रोकथाम में सहायता करते हैं।
