Holi Vastu Tips
Holi Vastu Tips

Holi Vastu Tips: होली का त्योहार भारत में रंगों, उमंगों और खुशियों का प्रतीक होता है। यह पर्व न केवल मस्ती और आनंद का दिन होता है, बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार इसका गहरा संबंध हमारे घर की ऊर्जा से भी है। होली के दिन घर की सफाई, रंगों का चयन और अन्य वास्तु संबंधी उपायों का पालन करने से घर में सकारात्मकता का संचार होता है और समृद्धि व खुशहाली का आगमन होता है। आइए जानें कि होली का वास्तु प्रभाव कैसे आपके जीवन को बदल सकता है और घर में सुख-शांति और समृद्धि ला सकता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव न केवल मानसिक शांति को प्रभावित करता है, बल्कि पारिवारिक संबंधों में भी तनाव पैदा कर सकता है। होली से पहले घर की पूरी सफाई करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। सफाई से घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

साफ-सफाई के दौरान घर के सभी स्थानों को ध्यान से देखें, विशेष रूप से उन स्थानों को जो अक्सर अनदेखे रहते हैं, जैसे कोने, अलमारियाँ और खिड़कियाँ। इन स्थानों को साफ करने से घर में सकारात्मकता का संचार होगा।

रंगों का घर में प्रयोग घर की ऊर्जा को प्रभावित करता है। यह जरूरी है कि होली के रंगों का चुनाव सावधानी से किया जाए। वास्तु के अनुसार, कुछ रंग घर में समृद्धि, शांति और खुशहाली लाते हैं, जबकि कुछ रंग नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

Holi colors
Holi colors
  • सफेद रंग
  • सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है। इसे घर के मुख्य द्वार, पूजा स्थल या ड्राइंग रूम में लगाया जा सकता है।
  • पीला रंग
  • पीला रंग धन, समृद्धि और खुशी का प्रतीक माना जाता है। इसे घर में जहां परिवार एकजुट होकर समय बिताता है, जैसे लिविंग रूम या किचन में लगाया जा सकता है। यह रंग घर में ऊर्जा का संचार करता है।
  • हरे रंग
  • हरा रंग प्रकृति और जीवन का प्रतीक है। इसे घर के बाहर या कमरे के उन स्थानों पर लगाया जा सकता है, जहां प्राकृतिक प्रकाश और वायु का संपर्क अधिक हो। यह रंग घर में समृद्धि और सफलता लाता है।
  • लाल रंग
  • लाल रंग ऊर्जा, उत्साह और प्रेम का प्रतीक है। इसे मुख्य द्वार या पूजा स्थल पर लगाया जा सकता है, क्योंकि यह घर में शक्ति और प्रेम का संचार करता है।

घर के किसी भी स्थान पर अत्यधिक गहरे और काले रंगों का प्रयोग न करें, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।

वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार का विशेष महत्व है, क्योंकि यह घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा का मार्ग निर्धारित करता है। होली के दिन मुख्य द्वार को रंगों से सजाने और उसे साफ रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।

मुख्य द्वार के पास किसी शुभ प्रतीक का चित्र या धार्मिक चित्र लगाना शुभ माना जाता है, जैसे कि स्वस्तिक या भगवान गणेश का चित्र, जो घर में सुख और समृद्धि का वास करते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, जल और रोशनी का घर में पर्याप्त रूप से होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। होली के दिन घर में जल की पर्याप्तता सुनिश्चित करें, जैसे कि पानी के स्त्रोतों की सफाई करें और जल स्रोतों को ठीक से काम करने के लिए देखें। साथ ही, घर को अच्छे से रोशन करें, ताकि घर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़े और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो।

वास्तु शास्त्र में पूजा स्थल को अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है। होली के दिन पूजा स्थल की सफाई और सजावट से घर में देवताओं की कृपा बनी रहती है। पूजा स्थल पर हल्के रंगों का प्रयोग करें, जैसे सफेद, पीला या गुलाबी, जो शांति और पवित्रता का प्रतीक होते हैं। यह रंग घर के वातावरण को भी पवित्र और सकारात्मक बनाए रखते हैं।

पूजा स्थल पर कोई शुभ और पवित्र वस्तु जैसे शिवलिंग, देवी-देवताओं की मूर्तियाँ, या धार्मिक चित्र रखें। इससे घर में भगवान की कृपा बनी रहती है और समृद्धि का आगमन होता है।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...