Dry Fruits Shopping Tips: हाल के वर्षों में दिवाली के दौरान उपहार देने के विकल्प के रूप में ड्राई फ्रूट्स केे आदान-प्रदान का प्रचलन बढ़ गया है। मिलावट के कारण खोया से बनी मिठाइयों के खतरे और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की वजह से अमूमन सभी पारंपरिक मिठाइयां खरीदने से बचते हैं। यहां तक कि पारंपरिक मिठाई निर्माताओं ने भी सूखे मेवों से अधिक मिठाइयां बनाना शुरू कर दिया है।
यह सच है कि मिठाइयों या बेकरी उत्पादों की तुलना में सूखे मेवों की शेल्फ लाइफ लंबी होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ड्राई फ्रूट्स में नमी की मात्रा कम होती है और चूंकि उनमें पानी की गतिविधि कम होती है इसलिए वे मिठाइयों या बेकरी उत्पादों की तरह माइक्रोबियल खराब होने के प्रति उतने संवेदनशील नहीं होते हैं। लेकिन ड्राई फ्रूट्स के उत्पादन, सुखाने, प्रसंस्करण या अगर उचित तरीके से भंडारण न किया जाए तो ड्राई फ्रूट्स में भी फफूंद और खमीर विकसित हो सकते हैं, यानी मायकोटॉक्सिन दूषित होने का खतरा होता है। उपभोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एफएसएसएआई लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ड्राई फ्रूट्स खरीदें।
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ड्राई फ्रूट्स खरीदने के टिप्स

ड्राई फ्रूट्स की एक्यपायरी नौ महीने से लेकर एक साल तक होती है। कई दुकानदार तो पिछले साल के रखे हुए ड्राई फ्रूट्स नई पैकिंग करके बेच देते हैं। एक साल पुराने ड्राई फ्रूट्स में फंगस से लेकर कीड़े तक लग जाते हैं। इसलिए ड्राई फ्रूट्स खरीददारी करते समय बेहद सावधान रहें।
ऽ ऐसे ड्राई फ्रूट्स खरीदें जो एफएसएसएआई दिशानिर्देशों के अनुसार पैक और लेबल किए गए हों और जिन पर एफएसएसएआई का लोगो (Logo) और लाइसेंस नंबर हो ताकि आप जान सकें कि आप एक लाइसेंस प्राप्त निर्माता से सूखे मेवे खरीद रहे हैं।
ऽ जो खाद्य ग्रेड पैकेजिंग में पैक किए गए हों ताकि उनमें कोई रासायनिक संदूषण न हो और नमी पैकेजिंग से बाहर रहे।
ऽ ड्राई फ्रूट्स खरीदने से बचें जिनके लेबल पर प्रीजर्वेटिव और चीनी का उल्लेख हो।
ऽ केवल उन्हीं दुकानों से खरीदें जहां उन्हें उचित रूप से संग्रहीत और पैक किया गया हो।
इन बातों का रखें ध्यान

- हमेशा ड्राई फ्रूट किसी बड़ी दुकान से खरीदें। खुले ड्राई फ्रूट खरीदने के बजाय पैकेट में बंद ड्राई फ्रूट खरीदना ज्यादा फायदेमंद रहता है, इसलिए किसी अच्छे ब्रांड को चुने।
- फूड ग्रेडिंग बॉक्स और पैकिंग वाले ड्राई फ्रूट ज्यादा सुरक्षित होते हैं और मिलावट की संभावना कम रहती है। पैकेट में बिना लेबल वाला ड्राई फ्रूट्स कतई न खरीदें। पैकेट पर ड्राई फ्रूट्स की एक्सपायरी तिथि, बैच नंबर, बनाने वाली कंपनी का नाम, पता और फूड लाइसेंस नंबर भी होना चाहिए। यदि इनमें से कुछ भी कम है तो न खरीदें।
- जिन दुकानों पर ड्राई फ्रूट्स का रख-रखाव अच्छा हो वहां से भी खुले ड्राई फ्रूट्स खरीद सकते हैं।
- ध्यान रखें कि प्रिजर्वेटिव या शुगर लेवल लगे ड्राई फ्रूट्स को नहीं खरीदना चाहिए। ये सेहत के लिए बेहद हानिकारक होते हैं।
बिना पैक ड्राई फ्रूट्स में खाद्य सुरक्षा जोखिम
मौटे तौर पर लक्षणों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- रंग खराब होने पर ड्राई फ्रूट्स अपने प्राकृतिक रंग की तुलना में गहरे रंग के हो जाएंगे।
- खुबानी, आलूबुखारा या अंजीर जैसे ड्राई फ्रूट्स में कठोरता और न चबाने योग्य जिसका मतलब है कि वे पुराने हैं।
- खराब होने या फंगस की किसी भी गंध का मतलब अनुचित भंडारण के कारण पानी का अवशोषण है।
- खुले में बिकने वाले ड्राई फ्रूट्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती इसलिए इन्हें खरीदने से बचें।
खरीदते समय परखना है जरूरी

कई बार दुकानदार अच्छा और महंगा बताकर ग्राहक को खराब क्वॉलिटी के ड्राई फ्रूट्स दे देते हैं। ज्यादातर लोगों को अच्छे ड्राई फ्रूट्स की पहचान भी नहीं होती इसलिए वे ठगे भी जाते हैं।
बादाम: ड्राई फ्रूट्स का राजा कहलाने वाला बादाम बाजार में कई तरह के उपलब्ध हैं। इनमें मामरा बादाम (ईरानी) बेस्ट हैं। यह वजन में कुछ हल्के और एक तरफ से थोड़ा मुड़ा हुआ होता है। एक इंच से ज्यादा लंबे नहीं होता और बीच में से बहुत अधिक मोटा नहीं होता। सतह खुरदुरी और धारियों वाली होती है। इसके अलावा बाजार में गुरबंदी बादाम (अफगानिस्तान) भी काफी मात्रा में उपलब्ध है। आकार राजमा से थोड़ा छोटा होता है। बीच में मोटा होता है। कैलिफोर्निया बादाम (अमेरिका) में ऑयल न के बराबर होता है। बीच में मोटा और चौड़ा होता है। लंबाई 1 इंच से कम होती है।
बादाम को सुंदर और आकर्षक दिखाने के लिए आजकल गेरुआ रंग या चॉक मिट्टी से पॉलिश की जाती है। इसके ऊपर केमिकल लगाया जाता है, जिससे उसका रंग निखर कर आता है। इस तरह के बादाम आप खरीदने से बचें और नेचुरल रंग के बाद आम खरीदे। बादाम को खरीदते समय इसे अपनी हथेली पर रखे और 5 से 10 मिनट के लिए रगड़ें। अगर आपके हाथ में गेरुआ रंग रह जाए तो समझ जाएगी यह बादाम निकली है उसमें मिलावट की गई है।
इसके अलावा बादाम की नमी के आधार पर भी जांच कर सकते हैं। वहीं ज्यादा गीला न हो। किसी कागज या नाखून से दबाने पर अगर कागज या नाखून पर ऑयल आ जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, जिस बादाम में ज्यादा ऑयल होता है वह ताजा और अच्छा होता है। इसी तरह बादाम के आकार से भी परखा जा सकता है यानी अगर उनका आकार में विविधता है तो उनमें मिलावट की गई है।
मुनक्का: लाल और काले रंग का होता है। एक-दो मुनक्का खाकर देखें। अगर थोड़े से भी खट्टे लगें तो न खरीदें क्योंकि मुनक्के पूरी तरह मीठे होते हैं।
काजू: इसके आकार और रंग के अनुसार अच्छे काजू की पहचान की जा सकती है। काजू का रंग सफेद और साइज 1 इंच से बड़ा होगा। अगर काजू टुकड़ों में है तो भी देखें कि वह सफेद होना चाहिए। साथ ही, दांतों में चिपके नहीं। जरा-सा दबाते ही आवाज के साथ टूटता है। ऐसे काजू खरीदने से बचें जिनमें पीलापन है, ऑयल जैसी गंध आए, बंद पैकेट होने के बावजूद उनमें घुन तो नहीं लगा हुआ है।
मूंगफली: गरीबों का बादाम कहलाने वाले मूंगफली दाने को उसके रंग और आकार से पहचाना जा सकता है। मूंगफली का दाना जितना सफेद और क्रिस्पी होगा, वह उतना ही सही होगा।
किशमिश: कैलिफोर्निया और अफगानिस्तानी किशमिश हरे रंग की होती है। यह खाने में पूरी तरह मीठी नहीं होती। दूसरी तरह की किशमिश अमूमन हरे रंग की होती है, इसका एक हिस्सा ब्राउन होता है। यह खाने में मीठी होती है। गोल्डन इंडिया किशमिश देखने में सुनहरे रंग की होती है। यह खाने में मीठी होती है। ऐसी किशमिश न खरीदें जिनमें चीनी जैसा कुछ दिखाई दे क्योंकि हो सकता है कि इसे मीठा बनाने के लिए कुछ मिलाया गया हो। या फिर उसमें पानी दिखाई दे तो समझ लें कि इन्हें सही तरीके से तैयार नहीं किया गया है और सेहत के लिए हानिकारक है।
अखरोट: रंग के आधार पर ध्यान देना बहुत जरूरी है- गिरी सफेद और कुछ गोल्डन है तो क्वॉलिटी अच्छी है। अच्छी गिरी का आकार 10 रुपये के सिक्के जितना होता है। अगर वह क्रिस्पी है तो उसकी क्वॉलिटी अच्छी होगी। अगर अखरोट छिलके समेत खरीद रहे हैं तो एक-दो को कान के पास थोड़ी देर हिलाकर देखें। अगर गिरी की छिलके से टकराने की आवाज कम या बिलकुल न आए तो ऐसा अखरोट अच्छी क्वॉलिटी का माना जाता है। ऐसे अखरोट खरीदने से बचें जिसकी गिरी में कालापन है, कड़वी लगे और उसमें से तेल की गंध आए।
