Astro Remedies: भारतीय संस्कृति और परंपराओं में सदियों से चली आ रही अनेक मान्यताएं हैं। इनमें से कुछ को हम रोजमर्रा के जीवन में सहजता से अपनाते हैं, वहीं कुछ पर अक्सर सवाल भी उठाए जाते हैं। ऐसी ही एक मान्यता है सूर्यास्त के बाद नाखून न काटने की। सदियों से चली आ रही अनेक प्रथाएं हमारे जीवन में गहराई से समाई हुई हैं। इनमें से कुछ प्रथाओं का वैज्ञानिक आधार होता है, तो कुछ का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। सूर्यास्त के बाद नाखून न काटना ऐसी ही एक प्रथा है जो ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। धार्मिक ग्रंथ और ज्योतिष शास्त्र इस मान्यता का समर्थन क्यों करते हैं? वहीं दूसरी ओर, विज्ञान का इस पर क्या नजरिया है? आइए, इन दोनों दृष्टिकोणों का गहन विश्लेषण करें और जानें कि सूर्यास्त के बाद नाखून काटने के पीछे का रहस्य क्या है? सूर्यास्त के बाद का समय न केवल राहुकाल माना जाता है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र में इसे नाखून काटने के लिए भी अशुभ माना जाता है। इसके पीछे कई धार्मिक और ज्योतिषीय कारण हैं।
- ग्रहों का प्रभाव: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्यास्त के बाद ग्रहों की स्थिति कमजोर होती है, विशेष रूप से चंद्र ग्रह। नाखूनों का संबंध चंद्र ग्रह से माना जाता है। इस समय नाखून काटने से चंद्र ग्रह पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिसके फलस्वरूप मानसिक अशांति, चिंता, नींद न आना, धन हानि और पारिवारिक कलह जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा: राहुकाल के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। नाखून काटने से शरीर से ऊर्जा निकलती है। यदि इस समय नाखून काटे जाते हैं, तो नकारात्मक ऊर्जा शरीर में प्रवेश कर सकती है, जिसके स्वास्थ्य और मन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- देवी लक्ष्मी का निवास: धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्यास्त के बाद देवी लक्ष्मी घरों में भ्रमण करती हैं। इस समय नाखून काटने से देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं, जिससे धन-हानि और दरिद्रता आ सकती है।
- राहु का प्रभाव: राहुकाल के दौरान छाया ग्रह राहु का प्रभाव प्रबल होता है। राहु को धोखे और बाधाओं से जुड़ा ग्रह माना जाता है। इस समय नाखून काटने से राहु का नकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे कार्य में बाधाएं आ सकती हैं और जीवन में परेशानियां हो सकती हैं।
जानें कुछ ज्योतिष कारण
- ऊर्जा का प्रवाह: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्यास्त के बाद दिन की ऊर्जा धीमी हो जाती है और रात की ऊर्जा प्रभावी होने लगती है। रात की ऊर्जा को आमतौर पर अधिक रहस्यमय और शांत माना जाता है। नाखून काटने से शरीर से ऊर्जा निकलती है। यदि इस समय नाखून काटे जाते हैं, तो नकारात्मक ऊर्जा शरीर में प्रवेश कर सकती है, जिसके स्वास्थ्य और मन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- ग्रहों का प्रभाव: सूर्यास्त के बाद, ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन होता है। राहु, जिसे छाया ग्रह माना जाता है, सूर्यास्त के बाद अपना प्रभाव बढ़ाता है। शनि, जो अनुशासन और कर्म का ग्रह है, भी इस समय प्रभावशाली होता है। ज्योतिष में, शनि के प्रभाव के दौरान नाखून काटना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह प्रतिकूल कर्म परिणामों और आध्यात्मिक प्रगति में बाधाओं का कारण बन सकता है।
- आध्यात्मिक महत्व: नाखूनों को आत्मा का प्रतिबिंब माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद नाखून काटने से आत्मा कमजोर हो सकती है। यह आध्यात्मिक विकास में बाधा डाल सकता है और नकारात्मक विचारों को जन्म दे सकता है।
- राहुकाल: राहुकाल को ज्योतिष में एक अशुभ काल माना जाता है। यह दिन के उस भाग को दर्शाता है जब राहु ग्रह का प्रभाव होता है। सूर्यास्त के बाद राहुकाल शुरू होता है और लगभग 1.5 घंटे तक रहता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए। नाखून काटना भी एक शुभ कार्य माना जाता है, इसलिए राहुकाल के दौरान इसे करना अशुभ माना जाता है।
