Gen X, Y, Z and Alpha
Gen X, Y, Z and Alpha

Meaning of Gen X, Y, Z and Alpha: आजकल आपने बहुत सुना होगा कि ये जेन ज़ी है, ये जेन एल्फा है। क्या आपको इनके सही मतलब पता है। बेशक, ये शब्द नई पीढ़ी के लिए इस्तेमाल होते हैं, लेकिन क्या आपको पता है ये नई पीढ़ी कौन सी है और किस साल में पैदा हुए लोग किस कैटेगिरी में आते हैं। चलिए दूर करते हैं जेनरेशन शॉर्टकर्ट्स के कन्फ्यूजन को।

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जेनरेशन एक्स

जेनरेशन एक्स आमतौर पर उस कैटेगिरी की पीढ़ी है जिसमें 1960 के दशक की शुरुआत और 1980 के दशक की शुरुआत के बीच पैदा हुए लोग हैं। ये पीढ़ी बेबी बूमर्स के बाद और जेनरेशन वाई से पहले आई। बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि ‘जेनरेशन एक्स’ शब्द 1991 में पब्लिश हुए डगलस कपलैंड की ‘जेनरेशन एक्स: टेल्स फॉर एन एक्सेलरेटेड कल्चर’ बुक के कारण फेमस हुआ था। जेनरेशन एक्स में एक्स एक ऐसा अज्ञात कारक है, जो अक्सर इस पीढ़ी से जुड़ी अनिश्चितताओं और संदेह को प्रकट करता है। दरअसल, जेनरेशन एक्स, पीढ़ी उस समय में बड़ी हुई जब देश में सबसे अधिक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन हो रहे थे। इसमें शीत युद्ध की समाप्ति के अलावा कंप्यूटिंग और मोबाइल जैसी टेक्नोलॉजी का जन्म और इंटरनेट का आगमन जैसे बड़े बदलाव देखे गए। इस पीढ़ी में भी वो लोग साधन संपन्न और स्वतंत्र माने गए जिन्होंने एनालॉग और डिजिटल दोनों दुनिया का अनुभव किया।

जेनरेशन वाई (मिलेनियल्स)

जेनरेशन वाई को मिलेनियल्स के नाम से भी जाना जाता है। जेनरेशन वाई आमतौर पर उस कैटेगिरी की पीढ़ी है जिसमें 1980 के दशक की शुरुआत और 1990 के दशक के मध्य से लेकर 2000 के दशक की शुरुआत तक में पैदा हुए लोग हैं। इस पीढ़ी को मिलेनियल्स इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस पीढ़ी के लोग सहस्राब्दी के अंत के आसपास एडल्ट हुए। इस पीढ़ी ने इंटरनेट, सोशल मीडिया और स्मार्टफोन सहित डिजिटल तकनीक का अनुभव किया, जिसने उनके दृष्टिकोण और संचार को बढ़ाया। मिलेनियल्स पीढ़ी को अक्सर तकनीक फ्रेंडली, सामाजिक रूप से जागरूक और अनुभवों से प्रेरित पीढ़ी के रूप में चित्रित गया है। इस पीढ़ी ने मंदी से लेकर और प्रतिस्पर्धी बाजार जैसी आर्थिक चुनौतियों का सामना किया है। जेनरेशन वाई विभिन्न क्षेत्रों में लचीलापन और नवीनता को प्रकट करता है।

जेनरेशन ज़ी

Gen X, Y, Z and Alpha
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जेनरेशन ज़ी यानी 1990 के दशक के मध्य से लेकर 2010 दशक की शुरुआत तक में पैदा हुए लोगों से हैं। जेनरेशन जेड को कभी-कभी आई जेनरेशन या पोस्ट मिलेनियल्स भी कहा जाता है। ये पीढ़ी डिजिटल युग में बड़ी हो रही है, जिसमें स्मार्टफोन, सोशल मीडिया और हर स्तर की जानकारी सर्वव्यापी है। जेनरेशन Z पीढ़ी को अक्सर सामाजिक रूप से जागरूक और मल्टीटास्किंग में कुशल माना जा रहा है। वे नए रुझानों और प्लेटफार्मों को अपनाने में तेज हैं। आर्थिक अनिश्चितता, सामाजिक अशांति और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बीच पली-बढ़ी जेनरेशन Z को दुनिया पर अपना हर स्तर पर प्रभाव डालने में कुशल हो रही है।

जनरेशन अल्फा

जेनरेशन अल्फा में 2010 के दशक की शुरुआत से पैदा हुए लोग शामिल हैं। हालांकि इस पीढ़ी के युवा होने के कारण अभी इनकी सटीक सीमाएं विकसित हो रही हैं। इस पीढ़ी को ‘जेनरेशन अल्फा’ एक नई शुरुआत या नए विचार को दर्शाता है, जो ग्रीक एल्फाबेट के पहले अक्षर से आया है। ये पीढ़ी तेजी से डिजिटल और परस्पर जुड़ी दुनिया में बड़े हो रहे हैं। इस पीढ़ी के कम उम्र में ही एआई, आभासी वास्तविकता और तकनीक में डूबी हुई पीढ़ी होने की संभावना है। हालांकि इस पीढ़ी से हाई एजुकेशन और विश्व स्तर पर जुड़े होने की अधिक उम्मीद है, जो समाज को भविष्य में ऐसा आकार देंगे जिन्हें अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है।

हालांकि इन शब्दों को किसी एक व्यक्ति या समूह द्वारा औपचारिक रूप से चिन्हित नहीं किया जा सकता, लेकिन पीढ़ीगत मतभेदों, सांस्कृतिक बदलावों और सामाजिक रुझानों के बारे में चर्चा में इनका व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। जनरेशन गैप के कारण ये अलग-अलग समूह के नाम बनाए गए हैं जिनसे यह समझना आसान हो कि समाज के विभिन्न समूह अपने आसपास की दुनिया को कैसे अनुभव करते हैं और उसके साथ कैसे तालमेल बैठाते हैं।