Parenting Tips: आजकल की पीढ़ी अक्सर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा जाहिर करती है या फिर जब उसे प्यार जताना होता है तो प्यार भी जताती है। पर यही पीढ़ी अक्सर ऐसे काम करती है जो माता-पिता को लगता है कि गलत है जबकि बच्चों की नज़रों में वो काम सही होता है। दरअसल, ये सब माता-पिता और बच्चों के बीच जेनेरेशन गैप की वजह से होता है, जो हम समझ नहीं पाते हैं या बच्चों को समझा नहीं पाते हैं। और जब तक हम समझ पाते हैं तब तक माता-पिता और बच्चों के बीच मनमुटाव शुरू हो जाता है। जिससे अक्सर कई घर बिगड़ जाते हैं और रिश्ते दांव पर लग जाते हैं।
आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए ये बताने की कोशिश करेंगे कि कैसे आप अपने बच्चों व खुद के बीच की गैप (Parenting Tips) को भर सकती हैं। अगर आप आर्टिकल में लिखी बातों का अनुपालन करेंगी तो हमें उम्मीद ही नहीं अपितु विश्वास है कि आपके व आपके बच्चों के बीच कभी भी जेनरेशन गैप की वजह से दूरी नहीं आएगी। तो आइये नीचे हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि कैसे आप अपने बच्चों व खुद के बीच की जेनरेशन गैप को कम कर सकती हैं।
खुले विचार रखें
कई बार बच्चों को ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ता है जब वो न तो अपनी बात घर वालों से कह पाते हैं और न ही कहीं और ऐसे में वो गलत कदम उठा लेते हैं। वहीं अगर आप अपने बच्चों के साथ ओपन माइंडेड (Parenting Tips) रहेंगी तो बच्चे आपसे अपनी सारी बातें शेयर करेंगे जिससे वो अपनी गंदी अथवा अच्छी आदतों के बारे में आपको बता पाएंगे।
रोजाना करें बातचीत

कई बार हम अपने काम में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि हम अपने बच्चों से बात करना भी भूल जाते हैं। हमें ऐसा बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, कम से कम हमें दिन में एक बार अपने बच्चों से बात करना (Parenting Tips) चाहिए। उनसे दिनभर का हाल खबर लेना चाहिए, स्कूल या कॉलेज में क्या हुआ ये सब पूछना चाहिये। किसी भी रिश्ते को मजबूत करने के लिए बातचीत एक बेहद सफल जरिया है, अगर आप अपने बच्चों से बातचीत करती रहेंगी तो आपको अपने बच्चों की भावना समझने में आसानी होगी।
बोलने का दें मौका

कई बार हम घर में बच्चों को ये बोलकर चुप करा देते हैं कि तुम क्या समझोगे या तुम अभी छोटे हो ये बात समझ नहीं पाओगे। जबकि एक माता-पिता होने के कारण हमें अपने बच्चों के साथ ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए। जब आप उन्हें घर में बोलने का मौका देंगी उनके विचारों को सुनेंगी (Parenting Tips) तब ही आपके बच्चे बाहर जाकर बोल पाएंगे या अपने विचार आसानी से रख पायेंगे।
बच्चों को करें खूब प्यार

कई बार बच्चों को आगे पढ़ाई की चिंता होती है या फिर अपने भविष्य की चिंता होती है, जिससे बच्चों के व्यहार में चिड़चिड़ापन आ जाता है। और हम इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि बच्चे पर क्या बीत रही है, उल्टा उसे हम डांटने लगते हैं। जबकि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए, इससे आपके बच्चे का चिड़चिड़ापन और ज्यादा बढ़ सकता है।
कोशिश करें कि अपने बच्चों से जितना आप प्यार करती हैं उसे जतायें, माता व पिता का दुलार पाने से बच्चे को अच्छा महसूस होगा। और वो भविष्य को लेकर भी ज्यादा चिंतित नहीं रहेगा जब उसे पता रहेगा कि उसके पीछे उसके माता व पिता का हाथ है रिजल्ट चाहे जैसा आये।
