Understand the feelings of children
Generation gap in parenting solutions

Summary: जेनरेशन गैप को समझदारी से कैसे करें बैलेंस?

जेनरेशन गैप को समझ और खुले संवाद से कम किया जा सकता है। बच्चों की भावनाएं समझें, पुराने जमाने की तुलना करने की बजाय तर्कसंगत ढंग से बात करें।

Generation Gap Parenting: जेनरेशन गैप एक ऐसा विषय है जो हर काल में एक समान बना हुआ है। क्योंकि ज्यादातर बच्चे को अपने माता-पिता बैकवर्ड ही समझ में आते हैं। बैकवर्ड केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि दो पीढ़ियों के टकराव की आवाज है। जेनरेशन गैप उनके सोच, विचार और स्वतंत्रता के बीच के अंतर को दिखाता है। लेकिन पीढ़ियों के इस गैप को थोड़े समझ के साथ इस टकराव को काम किया जा सकता है। आइए इस लेख में जानते हैं किस तरह आप जनरेशन गैप को समझ के साथ संतुलित कर सकते हैं।

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जब बच्चा आपको बैकवर्ड कहता है तो उस पर नाराज होने के बजाय उसके पीछे की भावना को समझे। उनसे बातें करें, पूछे किसी कारण से वह आपको बैकवर्ड समझते हैं। क्या आपके किसी विचार या फैसले के कारण वह आपको बैकवर्ड समझते हैं या फिर आपके रहने के तौर-तरीके को लेकर।

बच्चा आपको किस भावना के कारण बैकवर्ड समझता है यह समझना जरूरी है। जब तक आप यह नहीं समझ लेते कि बच्चा किस बात से आपका विरोध कर रहा है या आपसे असहमति दिख रहा है, तब तक आप जेनरेशन गैप को संतुलित नहीं कर सकते।

जब भी माता-पिता और बच्चे के बीच असहमति की स्थिति होती है, उस समय बच्चा आपसे किसी प्रकार के भाषण को सुनने की स्थिति में नहीं होता। वह नहीं समझना चाहता कि आप क्या करते थे, अपने माता-पिता की कितनी बात मानते थे या आपके समय में आपको कितनी आजादी मिलती थी। बच्चा यह सब नहीं सुनना चाहता आपसे। इस स्थिति में आप बच्चे से बात करें, अगर आप किसी कार्य के लिए मना कर रहे हैं तो उपयुक्त तर्क दें। जैसे, अगर बच्चा देर रात दोस्तों के साथ बाहर जाने की जिद्द कर रहा है तो उसे यह कहने की बजाय, हमारे माता-पिता शाम के बाद बाहर नहीं जाने देते थे, यह कहे हमें तुम्हारी सुरक्षा की चिंता है। बिगड़ते माहौल को देखते हुए हम देर रात तुम्हें बाहर जाने की आज्ञा नहीं दे सकते।
माता-पिता ध्यान रखें, अपनी चिंता और सुरक्षा की बात बेटे और बेटी दोनों पर समान रूप से लागू करें, ताकि वह आपको पक्षपाती या पिछड़े सोच का ना समझे।

माता-पिता वर्तमान के तकनीक से खुद को जोड़ रहे हैं, पर शायद वर्तमान के विचारों और करियर ऑप्शन से खुद को कम जोड़ पा रहे हैं। आज का समय सोशल मीडिया पर खुद को सिर्फ ट्रेंड करवाने का नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया को करियर बनाने का भी है। अगर आपका बच्चा परंपरागत करियर विकल्पों जैसे, डॉक्टर, इंजीनियर या सरकारी नौकरी के अलावा वर्तमान के प्रचलित करियर का चुनाव करना चाहे तो उसके मत को सुने तथा समझे। अगर आपको उसका तर्क और उसका पैशन अच्छा लगे तो उसकी पूरी तरह से साथ दें।

हमारे जमाने में ऐसा होता था, हम ऐसा करते थे, इस तरह के वाक्य के साथ अपने संवाद की शुरुआत ना करें। इस तरह के वाक्य का प्रयोग आपके तथा आपके बच्चे के बीच तुलनात्मक भावना को जन्म देता है जो कि आपके बीच के जुड़ाव को काम करता है। हमारे जमाने में ऐसा था कहने की बजाय कहें हमारे समय और तुम्हारे समय में अंतर है, लेकिन हम मिलकर एक दूसरे की भावनाओं को समझ सकते हैं। इस तरह से आप अपने बच्चों के साथ बेहतर संवाद को जारी रख सकते हैं।

बच्चों के साथ समझदारी दिखाने का अर्थ यह नहीं कि आप उनकी सभी बातों का समर्थन करें या मानें।

संवाद के दौरान भाषा की मर्यादा का ख्याल रखने का स्पष्ट नियम बनाएं। आधुनिकता का मतलब अनुचित व्यवहार नहीं है, यह अपने बच्चों को स्पष्ट करें।

अगर आपसे गलती हो तो उसे स्वीकार करें। इस तरह आपके रिश्ते के बीच बेहतर समझा का विकास होगा।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...