Jyotish Shastra Upay For Women: हर दंपति चाहता है कि उनका परिवार पूरा हो, लेकिन परिवार तब पूरा होता है जब घर में बच्चे की किलकारियां गूंजती है। बच्चे के घर में आने से पूरे परिवार में उमंग और उत्साह की भावना आ जाती है और पति-पत्नी का जीवन खुशहाली से भर जाता है। लेकिन, कई बार महिलाओं के स्वास्थ्य में दिक्कत होने के कारण वह मां नहीं बन पाती है। लेकिन इसके विपरीत कुछ महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होने के बाद भी संतान सुख से वंचित रह जाती है।
इसके पीछे कुछ ज्योतिष कारण भी हो सकते है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पति पत्नी की कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव होने के कारण भी दंपती संतान सुख प्राप्त नहीं कर पाते हैं। तो आइए जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से मां नहीं बन पाने के पीछे ज्योतिष कारण और उसके समाधान के बारे में।
इन कारणों से होती है मां बनने में परेशानी

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का विशेष स्थान होता है। पति पत्नी की कुंडली के ग्रहों के शुभ प्रभाव संतान प्राप्ति का योग बनाते है। ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि पत्नी की कुंडली का पांचवा भाग संतान सुख का होता है और इसका कारक ग्रह बृहस्पति होता है। मान्यता है कि यदि बृहस्पति के पांचवें भाव का स्वामी छठे, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो तो संतान प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होती है। इसके अलावा पंचमेश का निम्न राशियों में होना भी संतान सुख पाने में अवरोध पैदा कर सकता है। इसके अलावा जब बृहस्पति ग्रह राहु से प्रभावित हो जाता है तब भी पति और पत्नी सन्तान सुख से वंचित रह जाते है।
संतान प्राप्ति के ज्योतिषी उपाय

सूर्य ग्रह यदि आपके सन्तान सुख प्राप्ति में बाधक होता है तो आपको अपने घर में हरिवंश पुराण का पाठ करवाना चाहिए। इसके अलावा आपको बीज मंत्रों का जाप करना चाहिए। यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर चल रहा है तो आपको इसे मजबूत करने के लिए प्रतिदिन बालकृष्ण को मिश्री और मक्खन का भोग लगाना चाहिए। इसके साथ ही दंपति को अपने कमरे में कृष्ण जी के बाल स्वरूप की तस्वीर लगानी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दंपति को संतान प्राप्त करने के लिए संकल्प लेकर ग्यारह प्रदोष के व्रत विधि विधान से करने चाहिए।
शनि ग्रह भी संतान के योग में बाधक बन सकता है। इसलिए शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए शनि बीज मंत्रों का जाप करवाना लाभकारी सिद्ध होता है। पितृ दोष के कारण भी दंपति को संतान सुख प्राप्त करने में कठिनाई आती है। ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष निवारण के लिए बताया गया है कि अमावस्या के दिन पितरों का विधि पूर्वक तर्पण जरूर करना चाहिए। इसके अलावा प्रतिदिन दंपत्ति को सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य देना चाहिए। तथा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार संतान प्राप्ति के लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत करना भी बहुत शुभ माना जाता है। ज्योतिष के इन उपायों को अपनाकर आप सन्तान सुख प्राप्त कर सकते है।
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