जल पर निर्भर्र हर पल: Water Importance
Water Importance

Water Importance:जल हमारे जीवन के लिए क्या महत्व रखता है इस बात को हम सभी बेहतर तरीके से जानते हैं। एक कहावत है जो पूरी तरह से सही है कि ‘जल है तो जीवन है… इस बात को हम और आप जितनी जल्दी समझ जाएं, हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए उतना ही बेहतर होगा।

कई दिनों से रुचिका परिवार के साथ घूमने का प्लान बना रही थी, पर काम की अधिकता के कारण प्लान बन नहीं पा रहा था। आज उसने सोच ही लिया था कि चाहे कुछ भी हो बच्चों के साथ वो घूमने जरूर जाएगी, क्योंकि संडे का दिन था। रुचिका ने बच्चों व पति को बोला कि वो जल्दी से अपना काम खत्म करके तैयार हो जाए, इतना कहकर रुचिका जल्दी-जल्दी काम निपटाने लग गई।
रसोई में जाकर जैसे ही उसने बर्तन धोना शुरू ही किया था कि नल से पानी आना बंद हो गया। उसे समझ में नहीं आया कि आखिर पानी खत्म कैसे हो गया। वह सारे काम छोड़ सबसे पहले सोसाइटी में गई तो पता चला कि आज नगर निगम ने पानी की कमी की वजह से पानी सप्लाई नहीं किया, आज सभी परिवार की पानी की टंकी खाली थी। यह सुनकर रुचिका का मूड अपसेट हो गया और घर पहुंचकर सारा गुस्सा पति और बच्चों पर निकाल दिया। अब जो बाहर जाने का प्लान था वो भी कैंसिल हो गया। पर इस घटना से रुचिका और फ्लैट्स में रहने वाले अन्य परिवार के लोगों को पानी की महत्ता समझ आ गई कि इसके ना होने से कैसे सब कुछ ठहर सा जाता है। जल के बिना तो हम-आप सभी अधूरे ही हैं, जि़ंदगी थम सी जाती है।

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यह सिर्फ एक परिवार की ही नहीं वरन घर-घर की कहानी हो सकती है। यदि आज हमने इस अमृत रूपी पानी के बचाव की ओर गौर नहीं फरमाया तो परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं।
‘कहते हैं ना जल है तो जीवन है… जल है तो हम हैं वरना कुछ नहीं… इस तथ्य को हम सबको मानना है समझना है। अब समय आ गया है कि बारीकी से इस पर विचार किया जाए। अब यह स्थिति नहीं है कि देखा जाएगा, क्योंकि हम देख व समझ रहे हैं… जल का महत्व कितना है, इसलिए इसकी बूंद-बूंद बचानी होगी इसका संरक्षण करना ही होगा। व्यक्तिगत से लेकर सार्वजनिक तौर पर यह कीमती, अनमोल है। इसका ना तो कोई विकल्प है और ना हो सकता है। इसलिए जल संचय-जल संरक्षण-जल संवधर्न तीनों ही अत्यंत अहम् है आवश्यक है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी ‘मन की बात में जल के महत्त्व को उजागर किया है और इसकी एक-एक बूंद को महत्वपूर्ण बताया है इस हेतु प्रत्येक नागिरक का फज़र् बनता है कि इसके प्रति जागरूक हों और पानी के कुशल उपयोग पर ध्यान दिया जाए। घर हो या बाहर सभी ओर पानी की बर्बादी रोकी जाए। एक-एक बूंद का भरपूर प्रयोग किया जाए। अभी मोदी सरकार के द्वारा एक मंत्रालय की भी स्थापना की गई है जोकि ‘पानी बचाओ के लिए ही प्रयासरत है।
जैसा कि सब जानते हैं पृथ्वी का 70 प्रतिशत क्षेत्र जल है परंतु उसमें से मात्र 3 प्रतिशत जल ही स्वच्छ एवं पीने योग्य हैं तेजी से बढ़ती आबादी एवं बदलती जीवनशैली के कारण रोज़मर्रा जि़ंन्दगी में पानी का उपयोग तेजी से बढ़ा है। 4 सदस्यों का परिवार औसतन 500 से 600 लीटर पानी का प्रतिदिन उपयोग करता है जो वर्ष में लगभग 1,85,000 लीटर होता है।
देश में इन गर्म निर्मयों में पानी की कमी से चेन्नई एवं राजस्थान में उत्पन्न हुई परेशानियों से हम सब अवगत हैं अत: भविष्य में जल की लगातार उपलब्धता हेतु हमें अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर जल संरक्षण हेतु प्रयास करना आवश्यक है। इनमें से कुछ महत्त्वपूर्ण प्रयास निम्नानुसार किये जा सकते हैं, जैसे-

जल पर निर्भर्र हर पल: Water Importance
save water in household use

रोजमर्रा के काम जैसे- ब्रश, शेव करना, हाथ धोना एवं बरतन धोने इत्यादि के समय उतनी ही देर नल खुला रखें जितनी देर वास्तविक आवश्यकता हो। गर्म पानी के इंतज़ार में नल और फव्वारे से आने वाला ठंडा पानी बबार्द ना करें एवं इसे बाल्टी में संग्रहित कर अन्य साफ-सफाई हेतु उपयोग करें।

आजकल सभी घरों में वॉटर फिल्टर का उपयोग होता है। इससे पानी का दुरूपयोग कुछ ज़्यादा ही होता है। ऐसा प्रबंध करना चाहिए कि इस पानी का पुन: कहीं ना कहीं सदुपयोग हो सके। फिल्टर से निकलने वाला अतिरिक्त पानी पाइप से बगीचे में सिंचाई या फिर फर्श, बाथरूम आदि धोने के काम आ सकता है। फल, सब्ज़ी एवं अंडे इत्यािद धोने के लिए काम में आने वाला पानी भी गमलों में सिंचाई अथवा सफाई हेतु लिया जा सकता है।

washing machine Uses
washing machine

पारंपरिक तरीके की टॉप लोडिंग वाशिंग मशीन में फ्रंट लोडिंग वाशिंग मशीन की अपेक्षाकृत लगभग दोगुना पानी लगता है अत: नई खरीदी अथवा पुरानी वाशिंग मशीन बदलते समय फ्रंट लोडिंग वाशिंग मशीन को प्राथमिकता दें। पानी एवं समय के समुचित उपयोग हेतु वाशिंग मशीन की क्षमता के लायक कपड़े इक_े होने पर एक बार मशीन चलाएं। बार-बार कम कपड़ों हेतु वाशिंग मशीन के उपयोग से बचें।

wash the vehicle carefully
wash the vehicle carefully

अपनी कार एवं बाइक को अतिआवश्यक होने पर ही पानी से धोना चाहिए। आजकल पोंछने हेतु आधुनिक स्पंज एवं जैल से भी वाहन को अच्छे से साफ किया जा सकता है। यदि वाहन धो ही रहे हैं तो बगीचे में धोने को प्राथमिकता दें ताकि पेड़-पौधों को पानी मिल सके।

kharab nal evan fittings ko theek karaen
Repair damaged taps and fittings

आपके घर अथवा आसपास यदि जल प्रदाय सिस्टम में पानी लीकेज है तो तुरंत ठीक कराएं चूंकि बूंद.बूंद लीकेज से धीरे-धीरे हज़ारों लीटर पानी लीक होता है। लीकेज ठीक करने हेतु नगर निगम अथवा स्थानीय सोसाइटी से भी संपर्क करना चाहिए।
आपकी दिनचर्या में उपरोक्तानुसार मामूली बदलाव हज़ारों लीटर पानी बचाने में मददगार हो सकते हैं। सोचिए आप जैसे यदि एक हज़ार परिवार प्रतिवर्ष इस प्रकार पानी बचाने के उपयोग करेंगे तो प्रतिवर्ष लाखों लीटर पानी बचाया जा सकेगा। यदि हम मिलकर ठान लें, प्रण कर लें कि दैनिक कार्यों में घर हो या बाहर उतना ही पानी का उपयोग करना है जितनी वास्तविक ज़रूरत है तो यह कोई मुश्किल कार्य नहीं है। बस दो-चार दिन ही लगेंगे फिर अपने आप ही हमारे हाथों पानी का बेफिज़ूल व्यर्थ जाना खुद ब खुद ही कम होने लगेगा। सिर्फ ज़रूरत है अपने रोज़ाना के कार्यों में थोड़ा बदलाव और पानी के महत्त्व को दिल की गहराई से जानते-समझते हुए अपने-अपने नज़रिये में भी बदलाव की। कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में अवश्य रखा जाना चािहए ताकि हम स्वयं के लिए व आगामी पीढ़ी को पानी की कमी महसूस ना कराते हुए एक सुखद व स्वच्छ वातावरण देने में कामयाब हो सकें, अत: आज से बल्कि अभी से हम सबका उद्देश्य पानी को यूंही गंवाने से बचाना ही होगा। पहले ही बहुत देर हो चुकी है, अब और इंतज़ार नहीं किया जा सकता, क्योंकि जल है तो कल है… इस तथ्य को सच्चाई को जेहन में गहराई से समझ मिलकर प्रण करते हैं कि जल संचय जल संरक्षण और जल संवर्धन करते रहना है। भूजल के स्तर को बढ़ाना है, प्रयासरत रहना है तथा पानी के सभी स्रोत प्रदूषित होने से बच सकें इसके लिए प्रयत्न करते रहना है। पानी की कमी हमारे देश में कदापि ना होने पाए। हमारी आने वाली पीढ़ी इस अमृत रूपी पेयजल से सदैव सदैव तृप्त रहे इसके लिए हमारी कोशिश जारी रहेगी।

1.जनसंख्या बढ़ रही है और भूजल स्तर कम हो रहा है। जगह-जगह प्रॉपर्टी बिक रही है मल्टी बिल्डिंग बन रही हैं, भूजल के स्तर को ध्यान में ना रखते हुए जहां मर्जी होती है बिल्डिंग बनाकर खड़ी कर देते हैं। जिन इलाकों में पहले से ही पानी कम है यदि वहां ऐसा होता है तो पानी की ज़्यादा कमी एकाएक महसूस होने लगती है, मुश्किलें आती हैं अत: मनमाफिक बिल्डिंग निमार्ण पर भी रोक लगानी होगी। इसके अलावा खेतों में या फिर जहां जहां बोरिंग व्यवस्था है वहां $िफज़ूल में ही रात-दिन पानी के अनियंत्रित बहाव को भी रोकना होगा।

jal par nirbhar har pal
jal par nirbhar har pal

2.गांव, कस्बों या जहां कहीं भी प्राकृतिक तौर पर तालाब इत्यादि में जल संचय होता है उसके संरक्षण की पूर्ण आवश्यकता है जो कि साल भर कुछ घरेलू कार्यों या फिर जीव-जंतुओं के पीने योग्य रहता है, परंतु आजकल भू माफिया द्वारा इन पर कब्ज़ा कर नष्ट कर दिया जाता है। राज्य सरकार द्वारा गौर कर ऐसा रोकने के लिए ठोस कार्यवाई होनी चाहिए, ताकि ये पानी बचा रहे और साल भर काम आ सके।

3.एक नई योजना दिल्ली सरकार की ओर से लागू की गई है। 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक यदि किसी के पास प्रॉपटी/प्लांट है और वह अपनी छत पर या किसी भी अन्य तरीके से जल संचय में अपना सहयोग देता है तो बिजली बिल में 10त्न तक की छूट प्रदान की जाएगी और यदि जल संचय व व्यर्थ पानी का पुन: उपयोग करने में (दोनों में ही) अपना सहयोग दे रहे हैं तो बिजली बिल में 15त्न तक की छूट प्रदान की जाएगी। यह सरकार की तरफ से लोगों को प्रोत्सािहत करन के लिए एक उचित व सराहनीय प्रयास है।

4.प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप से हमारा कर्तव्य है कि ऐसे कार्य हमारे द्वारा हों जिससे प्राकृतिक तौर पर जो वर्षा का पानी हमें कुदरती तौर पर मिलता है उसमें कमी ना आने पाए। इसलिए अनावश्यक ही पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई तथा इनसे बनने वाले उत्पादों की अधिकता पर भी रोकथाम अतिआवश्यक है। जितना ज्यादा से ज्यादा पानी हमें मिलेगा उतना ही हमारा व जीव-जंतुओं का जीवन सहज व सरल हो सकेगा। अत: प्राकृतिक संपदा को बेफिज़ूल बेवजह नष्ट ना करने की दिशा में अग्रसर होना ही है।

5.घर में कोई कार्यक्रम हो शादी-ब्याह का अवसर हो या फिर कहीं बाहर घूमने जा रहे हों पानी की प्लास्टिक बोतल का कम से कम उपयोग करें या तो घर से पानी भरकर ले जाएं अन्यथा थोड़ा पानी पीकर बेवजह ही इधर-उधर बोतल व्यर्थ ना फेंके। इस तरह पानी की बर्बादी तो है ही साथ ही $फालतू का प्लास्टिक कचरा इकठ्ठा होने से वातावरण में प्रदूषण फैलाने के भी हम भागीदार बनते हैं। अत: इसे रोकना हमारी जि़म्मेदारी है, समझदारी है।

6.कोई भी त्यौहार (होली, रंगपंचमी) आदि पर या फिर मौसम अनुसार वाटर पार्क तथा घर पर ही जो आजकल छत या लॉन में स्विमिंग पूल बनाये जाते हैं। उन पर भी रोक लगाकर पानी को बचाने में अपना सहयोग दें।