जानिए बच्चे किन 5 चीजों की पेरेंट्स से रखते हैं उम्मीद: Child Care
Child Care

Child Care: अक्सर मां-बाप अपने बच्चों से बहुत उम्मीदें करते हैं कि वो अच्छे बच्चे बनें। वे संस्कारी और सामाजिक हों। साथ ही बच्चे अपने जीवन में खुश रहें लेकिन आपको मालूम है कि बच्चे भी खासतौर पर टीनएज में अपने मां-बाप से उम्मीदें रखते हैं। एक पेरेंट होने के नाते हमारे लिए यह जानना जरुरी है कि बड़े होते बच्चों की क्या उम्मीदे हैं? बच्चे अपने माता-पिता से क्या चाहते हैं? तो चलिए जानते हैं बच्चों को अपने माता-पिता से क्या उम्मीदें हैं और कैसे बतौर माता-पिता उन उम्मीदों पर खरा उतरा जा सकता है।

हम बच्चे हैं या बड़े

टीनएजर बच्चों के साथ यह सबसे बड़ा कंफ्यूजन होता है। वैसे तो उन्हें बताया जाता है कि अब तुम बड़े हो गए हो बातों को समझों। अगर गलती से उनका छोटा भाई बहन उनसे ज्यादा उम्र में पांच- छह साल से भी ज्यादा छोटा है तब तो पेरेंट्स और भी बड़ा और समझदार होने की उम्मीद करते हैं। बच्चे कहते हैं हमें कोई प्रॉब्लम नहीं है वैसे भी टीनएजर यंग एउल्ट होते हैं लेकिन मम्मा-पापा आप कंफ्यूजन को दूर करें। सिचुएशन के अनुसार आप कभी बड़ा बना देते हैं तो कभी किसी स्थिति में यह भी बोला जाता है कि तुममें कहां अभी समझ है तुम तो अभी बच्चे हो। खुद डिसाइड करें कि हम क्या हैं। हम कोई बहुत बड़े फैसलों की बात नहीं कर रहे लेकिन हां छोटी-छोटी चीजों में तो हमारी राय ली जा सकती है।

आपका टाइम चाहिए

पेरेंट्स बच्चों को आस-पास दिखाई देते हैं। लेकिन कुछ न कुछ काम करते हुए। वहीं अगर पेरेंट्स वर्किंग होते हैं वो एक स्ट्रेस के साथ अपने कामों को निपटा रहे होते हैं। लेकिन बच्चों को उनका एक खास टाइम चाहिए होता है। जहां पेरेंट्स बिना किसी काम का स्ट्रेस लिए अपने बच्चों को वह समय दें जो उनका हक होता है। वो रात को सोते समय भी हो सकता है। रात का वो टाइम जो बहुत से पेरेंट्स मोबाइल यूज करने में निकालते हैं, अगर इस वक़्त को आप बच्चों के साथ बिताएंगे तो बच्चों को अच्छा लगेगा। इस दौरान बातचीत के साथ आप उन्हें अहसास दिला सकते हैं कि चाहे कोई भी सिचुएशन क्यों न हो आप उनके साथ खड़े हैं।

बुलिंग न करें

हैरान न हों, यह बात सच है कि हम कभी न कभी अपने बच्चों की बुलिंग कर देते हैं। ऐसा नहीं है कि हम जान-बूझ कर ऐसा करते हैं लेकिन हां, ऐसा होता है जब आप दोस्तों के सामने उनका वीक पॉइंट रख देते हैं। या फिर हमें गुस्सा आ रहा होता है तो हम यह नहीं देखते कि उनके दोस्त सामने हैं या नहीं बस डांट देते हैं। इसके अलावा एक और चीज उनके निकनेम से उनके दोस्तों के सामने उन्हें पुकारना। याद रखें कि अगर बच्चे को यह पसंद नहीं है कि उसे उसके निकनेम से दोस्तों के सामने संबोधित किया जाए तो ऐसा न करें।

खुद को दें समय

बच्चों की दुनिया उनके मां-बाप होते हैं। जिस तरह से आप अपने बच्चों को उदास नहीं देखना चाहते, बच्चे भी नहीं चाहते कि आप उदास दिखें। बच्चे चाहते हैं कि माता-पिता खुद को फिट रखें, खुद को समय दें और एक खुश इंसान के तौर पर नजर आएं। जैसे बच्चों को एक्सप्लोर करना पसंद होता है बच्चे भी चाहते हैं कि उनके मां-बाप नई चीजों को एक्सप्लोर करें। बच्चे अपने पेरेंट्स के फैशन सेंस को भी देखना चाहते हैं। आपको बस इतना करना है कि अपने एटीट्यूट को जोश से भरकर रखना है। अब तो उम्र हो गई अब क्या करना है जैसी बातें न करें तो बेहतर है।

वो गुजरा जमाना

यह एक ऐसी चीज है जिससे बच्चे बहुत परेशान होते हैं। खासतौर से इस तरह के डायलॉग ‘जब मैं तुम्हारी उम्र का था या हमारे जमाने मे पॉकेट मनी का कोई कॉन्सेप्ट नहीं था, या अन्य तरह के कई डायलॉग। यह बात सच है कि हमारे बच्चों का बचपन और हमारे बचपन में जमीन आसमान का अंतर है। हमारे समय में हमारे मां-बाप के पास पैसे नहीं थे लेकिन हम लोगों को यह भी तो सोचना होगा कि कालचक्र का पहिया जब आगे बढ़ता है तो बहुत से परिवर्तन लेकर आता है। आज के पेरेंट्स इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि एक लग्जरी लाइफ वो भी जी रहे हैं ऐसे में हर समय अपने बच्चों के सामने वो गुजरा जमाना क्यों याद किया जाए। बच्चों के साथ आज का समय एंजॉय करें।