दूसरों को मारता है आपका बच्चा, तो उसे ऐसे रोकें: Aggressive Child Care
Aggressive Child Care

Aggressive Child: आज के समय में अधिकतर बच्चे स्वभाव से बहुत अधिक गुस्सैल होते हैं। उन्हें ना केवल जल्द गुस्सा आता है, बल्कि वे इरिटेट होकर दूसरों को मारने लगते हैं। एक पैरेंट के रूप में शायद बच्चों को ऐसा करते हुए देखना आपको बिल्कुल भी अच्छा ना लगे। अधिकतर स्थितियों में पैरेंट्स खुद को बहुत अधिक शर्मिन्दा महसूस करते हैं। यहां तक कि वे बच्चे पर गुस्सा भी करने लगते हैं। कई बार बच्चे के इस स्वभाव के लिए पैरेंट्स की परवरिश को भी जिम्मेदार ठहराया जाता है। यकीनन यह स्थिति किसी भी पैरेंट को अच्छी नहीं लगती। लेकिन इसके लिए बच्चे को डांटना या मारना समाधान नहीं है। बल्कि आपको अपने बच्चे को रोकने को लिए कुछ आसान उपायों को अपनाने की जरूरत होती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में बता रहे हैं-

१) पैटर्न को पहचानें

Aggressive Child Care
Understand the Pattern

बच्चे को रोकने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप उसके मारने के पैटर्न को पहचानें। वास्तव में, आपका बच्चा कब और क्यों मार रहा है, जब आप इस पर ध्यान देते हैं तो ऐसे में आपको उन्हें रोकने व हैंडल करने के तरीकों को खोजने में मदद मिलती है। आम तौर पर छोटे बच्चे चिल्लाते हैं क्योंकि उनके मन में ऐसी कई भावनाएं होती हैं जिन्हें वे अभी तक व्यक्त नहीं कर सकते हैं या समझ भी नहीं सकते हैं। जिसके कारण वह गुस्सा करने या मारने लगते हैं।

२) परेशानी को जानें

Aggressive Child

इस बात पर भी विचार करें कि क्या उनके जीवन में कुछ ऐसा चल रहा है जो उन्हें परेशान कर रहा है। दरअसल, कई बार बच्चे बताते नहीं हैं, लेकिन घर व उनके आसपास ऐसी कई चीजें होती हैं, जो उन्हें परेशान कर सकती हैं। मसलन, घर में एक नए शिशु का आना या फिर पैरेंट्स के बीच होने वाले झगड़े आदि कुछ ऐसी स्थितियां होती हैं, जिसे बच्चा बदल नहीं सकता है, लेकिन इसके कारण वे बहुत अधिक इरिटेट महसूस करते हैं। ऐसे में बच्चे अपना गुस्सा निकालने के लिए दूसरों को मारना शुरू कर देते हैं।

3) अपनी चीजों को लेकर प्रोटेक्टिव होना

Protective

यूं तो बच्चों को हमेशा ही दूसरों के साथ चीजें शेयर करने की सलाह दी जाती है, लेकिन बच्चे कई चीजों के प्रति बहुत अधिक सेंसेटिव होते हैं। वे ऐसी चीजें किसी के साथ भी शेयर नहीं करना चाहते हैं, फिर चाहे बात उनके भाई-बहन या दोस्तों की ही क्यों ना हों। ऐसे में वे चिल्लाने लगते हैं। कई बार वे अपनी चीजों के प्रति बहुत अधिक प्रोटेक्टिव हो जाते हैं और सामने वाले व्यक्ति को मारने लग जाते हैं। ऐसे में बच्चे के व्यवहार में धीरे-धीरे परिवर्तन लाना चाहिए। एकदम से उससे बदलाव की उम्मीद ना करें। इसके अलावा, कोशिश करें कि आप बचपन से ही बच्चों में शेयरिंग की आदत डालें। जिन बच्चों में बचपन से यह हैबिट नहीं होती है, वे बाद अपने स्वभाव के कारण दूसरों को बहुत अधिक हिट करने लग जाते हैं।

४) फीलिंग को एक्सप्रेस करना सिखाएं

Aggressive Child

अक्सर बच्चे दूसरों को हिट इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करना नहीं आता है। ऐसे में जब वे परेशान होते हैं या फिर किसी बात से दुखी होते हैं तो ऐसे में वे दूसरों को मारना शुरू कर देते हैं। इसलिए, उन्हें प्यार से अपनी फीलिंग्स को एक्सप्रेस करना सिखाएं। उन्हें यह बताएं कि अगर वे किसी बात से परेशान हैं तो ऐसे में दूसरों को मारना ठीक नहीं है। बल्कि वे आपसे बात कर सकते हैं या फिर उस दौरान वे कुछ ऐसी एक्टिविटीज कर सकते हैं, जो उन्हें बेहद पसंद है। इससे उन्हें शांत होने में मदद मिलेगी।

५) ना करें ओवररिएक्ट

Over react

अगर बच्चा हिट करता है तो ऐसे में यह माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चे को अनुशासित करें। लेकिन इसके लिए ओवररिएक्ट करना अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा करने से बच्चा बार-बार दूसरों को हिट करने लगता है। इसलिए, उसे उसकी गलती के बारे में समझाने के लिए पूरा दिन लंबा लेक्चर ना दें या फिर पूरा दिन इस घटना के बारे में न बताएं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे की उम्र कम होती है और वह आपके लंबे लेक्चर को ठीक ढंग से समझ नहीं पाएगा। हो सकता है कि उसे ऐसा लगे कि ऐसा करने से वह अपने पैरेंट्स का ध्यान अपनी ओर खींच सकता है। इसलिए, वह आपका ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए भी दूसरों को मार सकता है। 

६) यूं करें उन्हें शांत

Aggressive Child

जब बच्चा दूसरों को मारता है तो इसका अर्थ है कि वह काफी डिस्टर्ब है और इसलिए ऐसे में उसे रोकने का सबसे आसान तरीका है कि आप उसे शांत करने का प्रयास करें। इसके लिए आप उन्हें प्यार से गले लगाएं। जब आप ऐसा करते हैं तो इससे बच्चा इमोशनली काफी शांत महसूस करता है। इससे वह दूसरों को हिट करना छोड़ देता है। कुछ पैरेंट्स इस स्थिति में बच्चे को डांटना या मारना शुरू कर देते हैं। ऐसे में बच्चे उस वक्त तो चुप हो जाते हैं, लेकिन उनके मन की नेगेटिविटी और भी ज्यादा बढ़ने लगती है। जिसके कारण वे बाद में और भी अधिक एग्रेसिव हो जाते हैं और उनकी दूसरों को मारने की प्रवृत्ति कई गुना बढ़ जाती है।