अपने घर के मुख्य द्वार पर बनाएं ये पवित्र प्रतीक: Auspicious Sign for Door
Auspicious Sign for Door Vastu

मुख्य द्वार पर बनाए ये पवित्र प्रतीक

हमारे हिन्दू धर्म में मुख्य द्वार की ऊर्जा और शुभता बनाएं रखने के लिए कुछ पवित्र प्रतीकों को बनाएं जाने की परंपरा चली आ रही है।जिससे घर में शुभता और खुशहाली का आगमन हो।

Auspicious Sign for Door: घर का मुख्य द्वार घर में ऊर्जा लाने का द्वार होता है। अगर घर के मुख्य द्वार पर आप ऐसी चीजें रखती है जो घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को बढ़ावा देता है, तो ये ऊर्जा आपके और आपके परिवार की तरक्की में बाधक होती है। इन सब चीजों की वजह से आपके घर की शांति खत्म होती है और परिवार में कलेश भी बढ़ता है। हर कोई चाहता है उसके घर में सुख शांति और खुशहाली का माहौल बनें। इसलिए वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को सुसज्जित रखने की सलाह दी जाती है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो।

हमारे हिन्दू धर्म में मुख्य द्वार की ऊर्जा और शुभता बनाएं रखने के लिए कुछ पवित्र प्रतीकों को बनाएं जाने की परंपरा चली आ रही है, जिससे घर में शुभता और खुशहाली का आगमन हो। आइए जानते हैं ऐसे कौन से प्रतीक हैं, जो मुख्य द्वार पर बनाएं जाते हैं।

ओम प्रतीक

Auspicious Sign for Door
Auspicious Sign for Door-Om Symbol

हिन्दू धर्म में ‘ॐ’ शब्द अपना एक विशेष स्थान रखता है।क्यूंकि ‘ॐ’ का धार्मिक और आध्यात्मिक हर प्रकार से अलग ही महत्व है।’ॐ’ एक ध्वनि है और हमारे धर्म में हर मंत्र में ॐ का उच्चारण होता है।चाहे वो शिवा मंत्र हो या देवी मंत्र या विष्णु या फिर गायत्री मंत्र। कोई भी मंत्र बिना ‘ॐ’ शब्द के पूरा नहीं है। ओम ऐसी ध्वनि है जिसके बिना प्रकृति नहीं। ‘ॐ’ परब्रह्म है। ओम का संबंध हमारे मन से है हमारी आत्मा से है और हमारे ईश्वर से। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ‘ॐ’ का जन्म शिवजी के मुख से हुआ है।’ॐ’ अनश्वर है। इसलिए ‘ॐ’ अपने आप में संपूर्ण है। इसलिए हम अपने प्रवेश द्वार पर ‘ॐ’ प्रतीक चिन्ह बनाते हैं।

वास्तु शास्त्र में ‘ॐ’ का चिन्ह प्रवेश द्वार पर बनाने से घर में शांति का माहौल रहता है और घर में दरिद्रता प्रवेश नहीं करती। ये घर के वास्तुदोष को दूर कर नकारात्मकता को प्रवेश करने से रोकता है। ‘ॐ’ का चिन्ह आप हल्दी कुमकुम से प्रवेश द्वार पर बना सकती हैं।

स्वास्तिक

Swastik
Auspicious Sign for Door-Swastik

स्वास्तिक का अर्थ है मंगल करने वाला। स्वास्तिक चार भुजाओं से बना एक मंगल प्रतीक है जिसका संबंध भगवान गणेश से माना गया है। हिन्दू धर्म के प्रत्येक शुभ पूजा में स्वास्तिक बनाया जाता है। जिससे घर में सब मंगल ही मंगल हो। स्वास्तिक का संबंध धन से भी है, इसलिए लोग अपनी तिजोरियों पर भी स्वास्तिक बनाते हैं। घर के प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक बनाने से गणेश जी की कृपा मिलती है और घर में धन संबंधी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता।

रंगोली

Rangoli
Rangoli

रंगोली का संबंध रंग और उत्साह से है जिससे व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है। दीवाली या अन्य पवित्र उत्सवों पर हिन्दू धर्म में घर के मुख्य द्वार,आंगन और पूजा स्थल के पास रंगोली बनाई जाती है। रंगोली को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।इसलिए इसे प्रवेश द्वार पर अतिथियों के स्वागत और माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए बनाया जाता है, जिससे घर में माता लक्ष्मी की कृपा और सौभाग्य बना रहे।

रंगोली की विशेषता है कि इसको बनाने वाले और देखने वाले दोनों के तनाव दूर हो जाते हैं। ये उत्साह और खुशहाली का प्रतीक है इसलिए प्रवेश द्वार पर बनाया जाता है।