shubh labh sticker on door
shubh labh sticker on door

Overview:

घरों के मुख्य द्वार के दोनों ओर लोग 'ॐ-स्वास्तिक', 'शंख-चक्र','सीताराम-राधेश्याम' या 'शुभ-लाभ' जैसे निशान लगाए जाते हैं। लेकिन क्या आपको इसका असली कारण पता है।

Shubh Labh Sticker on Door: भारतीय घरों में मुख्य द्वार को हमेशा से ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि घरों के मुख्य द्वार के दोनों ओर लोग ‘ॐ-स्वास्तिक’, ‘शंख-चक्र’,’सीताराम-राधेश्याम’ या ‘शुभ-लाभ’ जैसे निशान लगाए जाते हैं। लेकिन क्या आपको इसका असली कारण पता है। दरअसल, यह सिर्फ सजावट नहीं है बल्कि इनका गहरा धार्मिक महत्व है।

इसलिए महत्वपूर्ण है मुख्य द्वार

Shubh Labh Sticker: हमारे शास्त्रों में घर का मुख्य द्वार बेहद अहम माना गया है।
In our scriptures, the main door of the house is considered very important.

हमारे शास्त्रों में घर का मुख्य द्वार बेहद अहम माना गया है। क्योंकि यहीं से आपके घर में अच्छी और बुरी ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश करती है। इसलिए कहा जाता है कि दरवाज़े को हमेशा साफ-सुथरा, रोशनी से भरा और शुभ प्रतीकों से सजा कर रखना चाहिए।

सुरक्षा कवच है शंख-चक्र

शंख और चक्र भगवान विष्णु के दो प्रमुख आयुध हैं। शंख को पवित्रता और सकारात्मक ध्वनि का प्रतीक माना गया है। जब शंख फूंका जाता है तो उसकी आवाज से वातावरण शुद्ध होता है। वहीं चक्र बुराई को खत्म करने का प्रतीक है। माना जाता है कि मुख्य द्वार पर शंख और चक्र का निशान यानी चित्र घर के चारों ओर एक अदृश्य सुरक्षा कवच तैयार करता है। ये नकारात्मक शक्तियों को अंदर आने से रोकते हैं।

भक्ति का संगम सीताराम-राधेश्याम

कई लोग घरों के मुख्य द्वार पर ‘सीताराम’ और ‘राधेश्याम’ जैसे नाम भी लिखे जाते हैं। यहां इसका अर्थ सिर्फ भक्ति नहीं बल्कि प्रेम, त्याग और पवित्रता से भी जुड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि जिन घरों के बाहर भगवान के ये नाम लिखे होते हैं, वहां शांति, सद्भाव और आपसी प्रेम बढ़ता है। ये नाम घर के माहौल को पवित्र बनाते हैं और उसमें आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं।

ब्रह्मांड की शक्ति है ‘ॐ’

ॐ सिर्फ एक चिन्ह नहीं बल्कि पूरी सृष्टि की मूल ध्वनि है। माना जाता है कि इसे घर के दरवाजे पर लगाने से ईश्वर की कृपा उस घर पर बनी रहती है। इससे घर में मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और संतुलन बना रहता है। वैज्ञानिक रूप से भी माना गया है कि ‘ॐ’ के उच्चारण से शरीर और मन दोनों को सुकून मिलता है।

शुभ-लाभ से बनते हैं हर काम

‘शुभ’ और ‘लाभ’ दोनों प्रथम पूज्य भगवान गणेश के पुत्र हैं। ‘शुभ’ यानी मंगल कार्य, अच्छे विचार और सौभाग्य। वहीं ‘लाभ’ का अर्थ है सफलता, धन और समृद्धि। जब इन शब्दों को घर के दरवाजे पर लिखा जाता है तो घर में हमेशा अच्छे समाचार आते हैं। सुख, समृद्धि, वैभव आता है। इन निशानों को मुख्य द्वार पर लगाकर आप घर में शांति और उन्नति को आमंत्रित करते हैं।

स्वास्तिक है शुभता का प्रतीक

स्वास्तिक को हिंदू धर्म में सबसे शुभ प्रतीक माना गया है। इसका आकार चारों दिशाओं में फैलती उन्नति और समृद्धि का संकेत है। माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाने से हर दिशा से अच्छी ऊर्जा, सौभाग्य और धन का प्रवेश होता है। यही कारण है कि पूजा-पाठ, त्योहारों और नए काम की शुरुआत स्वास्तिक से की जाती है।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...