स्त्रीधर्म-गृहलक्ष्मी की कहानियां: Stree Dharma Story
Stree Dharma

Stree Dharma Story: लड़की का फोटो और बायोडेटा देखने के बाद लडका का बाप बोला,‘माफ करिए, बेटे को नौकरी वाली लड़की चाहिए।’’ फिर फोटो मांगने की जरूरत ही क्या थी? पहले ही पूछ लिया होता कि लडकी नौकरी करती है या नहीं?
दरअसल लड़के और उसके बाप ने सोचा अगर लड़की फोटो से मधुबाला या ऐश्वर्या निकल गयी तो बिना नौकरी के भी चलेगी। भले ही लडके की शक्ल जॉनी लीवर या अमरीश पूरी की तरह हो? कुछ सोचकर लड़की का बाप बोला,‘‘ठीक है मेरी बेटी नौकरी करेगी। बर्शेते मेरी बेटी जो—जो करेगी वह आपके बेटे को भी करनी होगी।’’
लड़के के बाप के माथे पर बल पड़ गये। वह कहता रहा,‘‘लडकी मशीन में कपडे धोएगी तो लड़का कपडे फैलाएगा। लड़की सब्जी पकायेगी तो लड़का सब्जी काटेगा। लडकी रोटी बेलेगी तो लडका आटा गूंथेगा। लडकी झाडू मारेगी तो लडका पोंछा लगायेगा। लड़की चाय का पानी उबालेगी तो चाय कप में लड़का उड़ेलेगा।

लड़की सास का पाव दबायेगी तो लड़का अपने सास का पाव दबायेगा।’’ जाहिर है यह सब सुनकर लड़के के बाप को अच्छा नहीं लग रहा था। वह तो कुछ और ही कल्पना में डूबा था। ऐश्वर्या न सही तो रूपया ही सही। दोनों कमाएंगे तो रूपयों की बरसात होगी। फ्लैट,कार, आधुनिकता के सारे सामान खरीदकर आलीशान जिंदगी जिएगा उसका बेटा।
मगर जमीनी हकीकत काटों से भरा था। इसका उसे अनुमान नहीं था। वह रूका नहीं,‘‘नौ महीने बच्चा सिर्फ मेरी बेटी के पेट में नहीं रहेगा। बल्कि साढे चार महीने बेटी के तो साढे चार महीने आपके बेटे के। ताकि प्रसव पीड़ा दोनों समान रूप से महसूस करें। और तो और बच्चा होने के बाद कभी बेटी दूध पिलाएगी तो कभी आपका बेटा।’’

‘आप कैसी पागलो की तरह बात कर रहे हैं,’लड़के का बाप उखडा। ‘‘ऐसा भी कहीं होता है?‘‘उसने आगे कहा।
‘‘क्यों नहीं होता है। अगर लड़की लडकी होकर पुरुष धर्म निभा सकती है तो पुरुष
पुरुष होकर स्त्री धर्म क्येां नहीं?‘‘ लडके के बाप का मुंह देखने लायक था।