Symptoms Of Menopause
Symptoms Of Menopause

Symptoms Of Menopause: मेनोपॉज वो कंडीशन है, जब एक महिला के पीरियड्स पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज एक महिला की प्रजनन क्षमता के अंत का भी संकेत है। इस कंडीशन में आने के बाद एक महिला प्रेग्नेंट होने की क्षमता खो चुकी होती है। ये आपकी उम्र के बढ़ने का भी एक संकेत है। इस दौरान महिलाओं से शरीर के प्रजनन हार्मोन्स की उत्पादन में गिरावट आ जाती है।

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सामान्य तौर पर एक महिला में ये 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच होता है। आपको बता दें कि इंडिया में मेनोपॉज की औसत आयु लगभग 48-49 वर्ष है। मेनोपॉज में ओवरी एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन बंद कर देती है। जिसकी वजह से हर महीने रिलीज होने वाले एग्स का भी उत्पादन बंद हो जाता है और पीरियड्स भी नहीं होते।

मेनोपॉज के शुरुआती लक्षणों को मेनोपॉज ट्रांजिशन या पेरिमेनोपॉज़ कहा जाता है और ये लक्षण कई सालों तक चलते हैं। मेनोपॉज के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव आते है, जैसे एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन कम होना, बोन डेंसिटी कम होना। इस दौरान बहुत सी महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान वजन बढ़ने की समस्या भी हो जाती है। आइए आज आपको बताते हैं मेनोपॉज के लक्षण व उसे कम करने के उपायों के बारे में।

मेनोपॉज के लक्षण क्या हैं?

Symptoms Of Menopause
What are the symptoms of menopause?
  • पीरियड्स का अनियमित होना
  • हॉट फ्लैशेस
  • रात में पसीना आना
  • सेक्स के दौरान वेजाइना में ड्राईनेस
  • नींद में कमी
  • मूड स्विंग
  • सिर दर्द
  • सेक्स ड्राइव या कामेच्छा में कमी
  • याददाश्त का कमजोर होना
  • दिल की धड़कन पर अचानक अधिक ध्यान जाना
  • जोड़ों में अकड़न और दर्द
  • मसल्‍स मास कम होना
  • यूरिनरी ट्रैक्‍ट इंफेक्‍शन का होना
  • ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा

मेनोपॉज के लक्षणों को कैसे करें हैंडल

How to handle the symptoms of menopause
How to handle the symptoms of menopause

मेनोपॉज के लक्षणों को हैंडल करने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने चाहिए। जैसे-

  • आपको मेनोपॉज के लक्षणों को हैंडल करने के लिए अपनी डाइट पर फोकस करना चाहिए।
  • मेनोपॉज में कैफीन और अल्‍कोहल का सेवन कम कर देना चाहिए। साथ ही आपको स्मोकिंग से भी परहेज करना चाहिए।
  • मसालेदार भोजन आपके लिए अच्छा नहीं है, ऐसे में कम मसाले का खाना खाएं।
  • मेनोपॉज में कंफर्टेबल कपड़े ही पहने क्योंकि ऐसे में हॉट फ्लैशेस की समस्या हो सकती है।
  • लिक्विड डाइट पर ज्यादा फोकस करें।
  • इस कंडीशन में मेनोपॉजल हार्मोन थेरेपी का सहारा लिया जा सकता है। ये सभी चीजें आपको किसी हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह पर ही लेनी चाहिए।
  • कॉग्निटिव-बिहेवियरल थेरेपी भी इसका एक उपचार है। इसकी मदद से मूड को ठीक करने में मदद मिलती है। साथ ही ये स्ट्रेस को भी मैनेज करता है।
  • वेजाइना ड्राइनेस से छुटकारा पाने के लिए आप वेजाइनल एस्ट्रोजेन क्रीम, लुब्रिकेंट या मॉइश्‍चराइजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • इस दौरान महिलाओं के लिए हेल्दी और फिट रहना भी बहुत ही जरूरी है। ऐसे में आपको रेगुलर एक्‍सरसाइज करनी चाहिए।
  • कैल्शियम का सेवन प्रतिदिन 1.5 ग्राम करें। इसके लिए डाइट में कैल्शियम रिच फूड को शामिल करें। साथ ही इन लक्षणों से बचने के लिए आप विटामिन बी कॉम्प्लेक्स सप्‍लीमेंट भी ले सकती हैं।
  • रोजाना योग, मेडिटेशन भी जरूर करें।