फोटोकापी-गृहलक्ष्मी की कहानियां: Photocopy Hindi Kahaniya
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Photocopy Hindi Kahaniya: अलार्म बजते ही बिस्तर छोड़ देती और काम में जुट जाती थी। कहते हैं समय सबसे बड़ा गुरु होता है पर मान्या के लिए,उसकी मां से बड़ा गुरु कोई और नहीं। वो सब कुछ सीख गई थी,समय पर सारे काम करना,सबकी भाग भाग कर खिदमत करना पर कई दफा अकेले बैठकर रोती थी,खुद के दिल को कैसे संभाले?वो तो सिर्फ उसकी मां को ही आता था,सब्जी न जले,उसमे कितना पानी डालना है जिससे वो कड़ाही में न लगे,वो जानती थी पर दिल की तड़प कैसे कम करनी है,वो नहीं जानती
थी।
मां ने कहा था,खूब जी लगा कर पढ़ना और मान्या सारे काम के बाद भी अब खूब पढ़ती और शायद
इसीलिए,उसका परीक्षा परिणाम इतना बढ़िया आया था।मां उसे डॉक्टर बनाना चाहती थी और अब तो वो खुद भी डॉक्टर ही बनना चाहती थी क्योंकि समय पर अच्छी डॉक्टरी सहायता न मिल पाने के कारण ही उसकी मां,उससे छिन गई थीं।

नियति को कुछ और हो मंजूर था,उसकी दादी के कहने पर,उसके पापा,उसके लिए आए रिश्ते को अपनी मंजूरी दे आए थे। मान्या बहुत खफा थी इस बात से और इसके सख्त विरोध में भी थी पर अपनी मां की ही तरह उसने चुपचाप इस बात को सहन कर लिया।सारा दिन रोती रही थी वो…कितनी कमज़ोर पड़ गई थी मां के बिना,आज शायद वो होती तो वो इस बात का विरोध करती पर अगर अब कुछ भी कहेगी तो गाली उसकी मरी मां को ही पड़ेगी,सोचकर वो मौन हो गई।
देर शाम,उसके पापा घर आए,खाने की टेबल पर सब कुछ उनकी मनपसंद खाना बना था।
“तुमने बनाया इतना कुछ?”आश्चर्य से बोले थे वो।
“हां…”नीची आंख किए वो बोली।
“लो!ये फार्म भर देना…”पापा बोले।
“कैसा फॉर्म पापा?”वो आश्चर्य से बोली।
“मेडिकल की आगे की पढ़ाई का है और क्या?”
“पर..आप तो मेरी शादी के लिए हां कर आये थे”,उसने चौंक के देखा उन्हें।
“पगली कहीं की,बिलकुल अपनी मां की फोटोकॉपी है,ऐसे ही रेखा दिल की बात दिल में ही रखती थी,कभी मुझे कुछ नहीं कहती थी,ऐसे ही ये है…” आनंद बोले।
“पापा…!” वो रो दी,”यू आर द बेस्ट पापा ऑफ द वर्ल्ड।”
“लव यू बच्चा!क्या मै नहीं जानता तू सारे दिन रोती रही है आज और फिर खाना बनाया और मेरी बात भी सिर झुका के मान ली,क्या मेरा कुछ फर्ज नहीं बनता तेरे लिए?जो गलती तेरी मां के लिए हुई वो तेरे लिए नहीं करूंगा। तू अपनी मम्मा की फोटोकॉपी है,जानता हूं पर अब मै तुझमें अपनी परछाई देखना चाहता हूं।”
“आ जा!मेरे गले लग जा।” पापा ने बाहें फैला दीं।
मान्या नन्ही बच्ची जैसे,पापा के गले लग गई,आज उसके तड़पते दिल को पहली बार वो ही सुकून मिला था
जो मां के गले लग कर मिलता था।

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