माफी-गृहलक्ष्मी की कहानियां: Maafi
Maafi

Maafi: मुझे माफ़ कर दो निशा प्लीज़, में जानता हूं मेने तुम्हे बहुत हर्ट किया है चलो न वापस घर चलो यू छोटी-छोटी बातो में घर थोड़े छोड़ देते| हम दोनो पति-पत्नी है कोई गर्लफ्रैंड बॉयफ्रेंड नही जो तुम यू छोटी सी बात पे रिश्ता ही खत्म करने में आ गई चलो यार हो गई गलती अब में तुमसे गलती की माफी मांगता हूं यू बच्चो की तरह जिद न करो चलो घर चलो, जो हुआ भूल जाओ नीरज एक ही सांस में सब बोल गया
कुछ तो बोलो निशा यू खामोश मत रहो तुम्हे पता है न में तुम्हे कितना चाहता हु अपने माँ बाप की मर्जी के खिलाफ तुमसे शादी की तुम्हारे लिए इतने अच्छे अच्छे रिश्तो को ठुकरा दिया
ओर तुम हों कि एक छोटी सी गलती के लिए घर छोड़ कर आ गई माँ सच ही कह रही थी कि छोटे घर की लड़कियां ऊँचे खान दान में नही निभ सकती उनको बड़े लोगों के तौर तरीकों के बारे में कुछ पता नही होता और तुम्हारे साथ भी यही प्रॉब्लम है तुम भी छोटी-छोटी बातों को दिल से लगा लेती हो ,नीरज के स्वर तेज हो गए

चलो जो हुआ सो हुआ अब उठो ओर घर चलो
| माँ दीदी ओर जीजा जी से माफी मांग लेना उनका दिल बहुत बड़ा है वो तुम्हे माफ कर देंगे
अब निशा से रहा नही गया वो बोल पड़ी मुझे लगा था कि तुम मुझ से माफी मांगने आये हो तुमको तुम्हारी भूल पता चल गई लेकिन तुम तो उल्टा मुझे ही माफी मांगने को कह रहे हैं तुम्हारे घर वालो ने मुझ पर झूठा चोरी का आरोप लगाया ये जानते हुए की ये काम तुम्हारे जीजा जी ने किया था अपनी अय्याशी के लिए लेकिन वो तुम्हारे दीदी के पति है और उनकी बेज्जती तुम्हारी दीदी को बर्दाश्त नही होगी इसलिए पार्टी में मम्मी जी के पर्स चोरी का इल्जाम मुझ पर लगा दिया क्योंकि में छोटे घर से हूं।
ओर आज तुम मुझे उन लोगो से ही माफी मांगने को कह रहे हो।
पर मुझे माफ़ करना नीरज मे माफी नही मांग सकती मुझे लगा था तुम मुझसे माफी मांगने आये हो लेकिन तुम तो मुझे माफी मांगने का हुकुम देने आए हो ।

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