Hindi Kahani: सुंदर नयन, मोरनी सी चाल ,गोरा रंग ये सब देखकर मैं अचंभित हो गया कि इतनी सुन्दर लड़की यहां सड़क किनारे भीख मांग रही है। मैं उत्सुकता से उसकी तरफ देखे जा रहा था ।इससे पहले मैं उससे कुछ पूछता बत्ती हरी हो गई और मैंने अपनी गाड़ी आगे बढ़ा ली ।गाड़ी तो मैंने आगे बढ़ा ली थी परंतु पीछे बहुत सारे सवालों को छोड़कर आ गया था ।
मन में बस एक ही ख्याल आ रहा था कि कैसे कितनी सुंदर देखने में भी अच्छे घर से लग रही है।
फिर सड़क पर भी क्यों भीख मांग रही है? मन में लाखों सवालों को लिए मैं अपनी मंजिल जानी की अपने दफ्तर आ गया ।दिन भर मैंने काम तो किया परंतु मेरा धान सिर्फ उसी सुंदर स्त्री की तरफ रहा। जब मैं वापिस आ रहा था तो जैसे ही बत्ती आई मैं सिर्फ उस लड़की को ही ढूंढ रहा था। कहीं से वो सुंदर लड़की मुझे फिर मिली मैंने उसे बुलाया बेचारी दौड़ी चली आई, मैं उसकी तरफ देखी जा रहा था परंतु आगे से उसे लड़की ने कहा साहब क्या देख रहे हो पैसे देने हैं तो दो वरना मैं आगे जाऊं। मैंने कहा नहीं नहीं देता हूं जेब से ₹100 निकाले और उसके हाथ में देते हुए उसे पूछने लगा आप यहां कब से हैं।अरे साहब आपको क्या लेना इन सब बातों से अपना काम करें इतनी देर में पीछे गाड़ी वालों ने हाॅरन बजा बजा इतना शोर कर दिया मैंने आनन फानन में गाड़ी तेजी से आगे बढ़ा दी।
मन सवालों को लिए मैं घर पर आ गया। खाना खाया थोड़ी देर आराम किया और फिर सो गया ।
मुझे पता ही नहीं लगा मैंने कब खाना खाया कब मैं सोचते सो गया।परंतु सोते-सोते भी मन में वही सवाल दौड़ रहे थे। अगले दिन सुबह बत्ती पर मुझे फिर से वही सुंदर लड़की मिली।मैंने उसे इशारा करके अपनी तरफ बुलाया वह भी दौड़ी आई मैंने उनसे पूछा आप यहां पर भी कितने दिनों से भीख मांग रही हो। वह जोर-जोर से हंसने लगी मैंने उसे दोबारा फिर पूछा फिर भी वह जोर-जोर से हंसने लगी, फिर उसने कहा साहब पैसे देने हैं तो दीजिए वरना कोई सवाल मत पूछिए। इतनी देर में फिर बत्ती हरी हो गई और मैंने गाड़ी को रफ्तार दी पर सवाल वही के वही थे।पता नहीं कैसे उसके बारे में जाने की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी।पता नहीं क्यों मुझे दिन भर की दिनचर्या के बाद मुझे बस एक ही बात का इंतजार रहता है कि कब दफ्तर की छुट्टी होगी और मैं उस अनजान लड़की से मिलूंगा ऐसा करते-करते रविवार आ गया और आज मुझे ऑफिस तो नहीं जाना था। तो इसलिए मैंने उस सुंदर स्त्री से मिलना का मन बनाया ।
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मैंनें सोचा क्यों ने आज उससे ही मिला जाए।मैंने अपनी गाड़ी की चाबी उठाई और निकल पड़ा उस बत्ती की तरफ और जैसा मैंने सोचा था वैसा हुआ वह सुंदर स्त्री इस बत्ती पर लोगों से पैसे मांग रही थी। मैंने अपनी गाड़ी को साइड में लगाया और उसे अपने पास बुलाया और उसे फिर पूछा परंतु उसने बताने से सब कुछ मना कर दिया फिर मैंने उसे दोबारा फिर पूछा उसने कहा साहब कक्या बात है मैं देख रही हूं आप दो तीन दिन से मुझे बुला कर पैसे देते हो आपके दिमाग में क्या चल रहा।अरे नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है मैं सिर्फ आपके बार में जानना चाहता हूं।
ठीक है साहब बताती हूं पर उसके बाद आप मुझसे कुछ नहीं पूछोगे। मैं हड़बड़ा कर बोला हां हां नहीं पूछूंगा।
उसने जो मुझे बताया सुन कर मेरे रोंगटे खड़े हो गए ।
उसने मुझे बताया कि मैं एक लड़के से प्यार करती थी उसके साथ भाग कर शहर में आ गई। कुछ दिनों तक साथ रहने के बाद लड़का मुझे इसी लाइट पर छोड़कर भाग गया और मैं उस समय प्रेग्नेंट भी थी । मैं किसी को जानती भी नहीं थी इसलिए मैंने इसी लाइट के झूग्गी में रह रही एक काकी से मिली उसने मुझे अपने पास रख लिया।बदले में उसके लिए खाना बना देती हूं।जब साहिल ने मुझे छोड़ा तब मैं प्रेग्नेंट थीं।
मैनें सोचा इस नन्ही जान का क्या कसूर है इसलिए मैंने इसको इस, दुनिया में लाने की ठानी।
काकी को बताया तो उसने कहा मैं तेरे को तो खिला सकती है पर दो दो को नहीं।इसके लिए तुझे कमाना पड़ेगा मेरे पास कोई घर तो नहीं है ना इतने पैसे हैं कि मैं कहीं पर रह लूं इसलिए मैं इसी लाइट पर पैसे मांगती हूं और अपने बच्चे का पेट भरती हूं।और मुझे बातों बातों में पता लगा कि वह पढ़ी-लिखी लड़की गांव वापस इसलिए नहीं जा रही थी कि गांव में जाकर दोबारा माँ बाप को दुखी नहीं करना चाहती थी।उसने बताया साहब मेरा एक खराब फ़ैसले ने मेरी पूरी जिंदगी तबाह कर दी।
जिंदगी में कई बार हम ऐसे फैसले ले लेते हैं जिसका पछतावा हमें जिंदगी भर रहता है। हमें जीवन में माँ बाप की बात माननी चाहिए,जो नहीं मानते उन्हें जिंदगी भर पछताना पड़ता है। मेंने लाख कोशिश की गाँव का नाम पूछने की पर गौरी ने सिर्फ अपना नाम बताया और कुछ नहीं। फिर मेंने उसे कुछ पैसे दिए और मेरी तरफ देखती रही और कहा साहब बहुत दिनों बाद इतने पैसे देखें है और उसकी आंखों से पानी बह रहा था।
उसने मुझे अपनी पूरी जिंदगी के बारे में बताया परंतु फिर भी मैं लाख सवाल अपने साथ ले आया।
