Sawan Kavita: श्रावण मास अति पावन है,
लो शिव को जल चढ़ाएंँ,
हर-हर हर महादेव के जयघोष से सारी सृष्टि गुंजाएंँ।
बम बम बम बम भोले शिव ,
शिव का ही नाम जपाएंँ,
जो शिवजी का ध्यान करें,
शिव की भक्ति पाए।
मन से करें जो शिवाराधना,
वो ही शिव को पाए।
कर लो सुमिरन शिव नाम का,
जप लो ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नम शिवाय।
भांँग धतूरा जल बेल पत्र,
शिव को अति सुहाए,
दूध दही घी शहद जल,
श्रद्धा से दियो चढ़ाएंँ,
शिव है भोले भंडारी,
शीघ्र प्रसन्न हो जाएँ,
एक दिया शिवालय में,
मन का तमस हटाएंँ।
हाथ जोड़ प्रभु शरण तेरी,
अब क्यों देर लगाएंँ,
बीच खड़ी मझंधार में,
दीजौ पार लगाएंँ।
कर लो सुमिरन शिव नाम का,
जप लो ॐनमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय,ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,ॐ नमः शिवाय।
महामृत्युंजय मंत्र की,
जिभ्या को रटना लगाएंँ,
जो जपे महामंत्र को,
सब संकट टल जाएंँ।
त्रिलोक के स्वामी शिव ही हैं,
शिव की ही शरण में जाएंँ,
आठों पहर बस शिव जपो,
शिव का ही ध्यान लगाएंँ,
शिव शिव शिव मन में बसे,
दूजा न कोई समाएं।
कर लो सुमिरन शिव नाम का,
जप लो ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय।