Hindi kids story

Hindi kids story: एक आदमी के घर में एक गधा और एक छोटा-सा पिल्ला था । गधा दिन-भर काम करता, फिर भी उसको थोड़ा-सा रूखा-सूखा खाने को मिलता था, जबकि पिल्ले की बड़ी अच्छी सेवा होती थी। उसे तरह-तरह की चीजें खाने को मिलती थीं। मालिक भी उसे बहुत प्यार करता था ।

गधा यह देख-देखकर बड़ा दुःखी था । एक दिन उसने सोचा, ‘अगर इस पिल्ले को बिना कुछ किए – धरे सिर्फ लाड़ जताने से इतना कुछ मिल जाता है, तो भला मुझे काम करने की क्या जरूरत है ? मैं भी पिल्ले की तरह बस मालिक से लाड़ किया करूँगा । तब तो मुझे भी बहुत अच्छा खाने-पीने को मिलेगा और मैं बोझा उठाने से भी बच जाऊँगा ।’

अगले दिन गधे ने देखा मालिक एक कुर्सी पर बैठा धूप का आनंद ले रहा है । उसी समय गधा भी वहाँ पहुँचा । वह मालिक की गोद में बैठकर उसका मुँह चाटने की कोशिश करने लगा | मालिक बेचारा इस कदर भौंचक्का था कि कुर्सी से गिरते- गिरते बचा।

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थोड़ी देर बाद गुस्से में आकर मालिक ने डंडा उठाया और गधे की बुरी तरह धुनाई कर दी। इसके बाद गधा फिर से बोझा उठाने का अपना काम करने लगा, लेकिन उसकी समझ में यह बिल्कुल नहीं आया कि पिल्ले के लाड़ जताने पर तो उसे खूब बढ़िया खाने-पीने को मिलता है, तो फिर भला मेरे लाड़ जताने पर मुझे लाठियाँ क्यों खानी पड़ीं ?

सीख: किसी दूसरे के काम की नकल करने से किसी को प्यार या सम्मान नहीं मिलता।

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