Yoga For Cholesterol: आजकल का लाइफ स्टाइल शरीर में कई तरह की बिमारियों का जनक है। खान-पान से लेकर दिनचर्चा में मौजूद अनियमितता शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है, जो सीधे तौर पर दिल को प्रभावित करता है। कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वैक्स होता है, जिसका लेवल कंट्रोल में रहना बेहद जरूरी है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल सही रहे, उसके लिए अच्छी डाइट, भरपूर नींद और नियमित रूप ये योग करना जरूरी है। कई ऐसे योगासन है जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।
सूर्य नमस्कार

रोजाना अगर सूर्य नमस्कार किया जाए तो आप हर तरह की बीमारी से बचा जा सकता है। कोलेस्ट्रॉल में भी सूर्य नमस्कार बहुत लाभकारी सिद्ध होता है। दरअसल, सूर्य नमस्कार में 8 योगासन होते हैं, जिन्हें करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। पेट की मसल्स की एक्सरसाइज करने से अनचाहा कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है। लेकिन सूर्य नमस्कार करने के तुरंत बाद नहाने से बचना चाहिए क्योंकि योग करने के बाद शरीर गर्म हो जाता है और मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाती है।
पश्चिमोत्तासन

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए पश्चिमोत्तासन भी काफी अच्छा साबित होता है। इस आसान में पैरों को सीधा करके सांसों लिया और छोड़ा जाता है, इस प्रक्रिया से पेट अंदर और बाहर की तरफ जाता है, जो शरीर से बेड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। लेकिन, ऑपरेशन, डायरिया, प्रेग्नेंसी, अस्थमा और स्लिप डिस्क की समस्या होने पर इस आसान को नहीं करना चाहिए।
चक्रासन

चक्रासन में शरीर की आकृति चक्र के सामान नजर आती है इसलिए इस आसन को चक्रासन कहा जाता है। इस आसन को करने से पेट के सभी अंगों की मसाज होती है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल को जमा नहीं होने देता। चक्रासन लिवर के कामकाज में सुधार कर एक्स्ट्रा फैट और कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा दिलाता है।
सर्वांगासन

कोलेस्ट्रॉल की समस्या में सर्वांगासन जरूर करना चाहिए। यह आसन शरीर के सभी अंग को प्रभावित करता है। ऐसे में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए सर्वांगासन योग क्रि बेहद फायदेमंद माना जाता है। इस तरह के योग से शरीर से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। हालांकि इस आसन को हर्निया की समस्या होने पर, चोट लगने पर, थायराइड और दिल की समस्या होने पर नहीं करना चाहिए।
कपालभाति प्राणायम

योगासन के साथ-साथ प्राणायम से भी प्राणायम की मदद से भी कॉलेस्ट्रोल कम होने में सहायता मिलती है। कपालभाति में सांस को तेजी से लिया और छोड़ा जाता है, इस प्रक्रिया में भी पेट की मसाज होती है। जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और शुगर की समस्या हैं, उन्हें इस प्राणायम को करने से बचना चाहिए।