आम तौर पर महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कमजोर माना जाता है जोकि सभी की एक गलत फहमी है और महिलाएं इस बात को गलत भी साबित कर रही हैं। हम हाल ही का उदाहरण मीराबाई चानू को ले सकते हैं जिन्होंने ओलंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाया। हालांकि लोगों की सोच में धीरे धीरे बदलाव आ रहा है लेकिन कुछ लोगों की मानसिकता आज भी एक दशक पहले की ही है। आज हम महिलाओं के शरीर से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स लाए हैं जो शायद आपको हैरान कर देंगे और आप आज के बाद उन्हें पुरुषों से किसी भी तरह कम समझने की कोशिश नहीं करेंगे। यह सब आप जानते होंगे की महिलाओं को बच्चे को जन्म देते समय सबसे अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है और अगर आप इसी आधार पर उन्हें मजबूत मान रहे हैं तो यह बात तो सही है लेकिन आपको नीचे लिखे गए फैक्ट्स पढ़ कर उनकी और अधिक इज्जत और सम्मान करने का मौका मिलेगा।

वो 7 बातें जो महिलाओं को पुरुषों से अलग रखती हैं

  1. उनका इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत होता है …

  2. उनकी याददाश्त बेहतर होती है। …

  3. उनके पास दर्दनाक चोटों से बचने की बेहतर संभावना है। …

  4. उनके शरीर गर्भावस्था के दौरान उल्लेखनीय परिवर्तनों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। …

  5. महिलाओं की मसल्स पुरुषों के मुकाबले अधिक लचीली होती हैं..

  6. महिलाओं की पुरुषों के मुकाबले ज्यादा बेहतर मांसपेशियां होती हैं..

  7. पुरुषों के मुकाबले उनका सर्काडियन रिदम अलग होता है..

उनका इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत होता है:यह माना जाता है की बच्चे को पैदा करने के बाद और उसकी देख भाल करने के दौरान महिलाओं का इम्यून सिस्टम पहले से और पुरुषों के मुकाबले बहुत अधिक मजबूत हो जाता है और वह कम बीमार पड़ती हैं लेकिन ऐसा हर किसी के साथ हो यह भी जरूरी नहीं है। महिलाओं का सेक्स हार्मोन ओस्ट्रोजेन भी उनके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है और इस प्रकार उनका शरीर बहुत से प्रकार के इंफेक्शन से लडने में सक्षम होता है और स्वस्थ रहता है।

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की याददाश्त होती है अधिक मजबूत:यह पाया गया है की किसी भी तरह के ब्रेन टेस्ट या मेमोरी टेस्ट में महिलाएं पुरुषों को पीछे छोड़ देती हैं और केवल इतना ही नहीं उन्हें पुरुषों के मुकाबले अधिक चीजें भी याद रहती हैं। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि वह नए चेहरों के फीचर्स को जानने में अधिक समय स्पेंड करती हैं। अगर पुरुषों ने किसी एक चेहरे को एक बार देखा होगा तो वह उसे याद कर पाने में शायद समय लगाए लेकिन महिलाओं को यह याद रखने की सक्षमता अधिक होती है। 

किसी भी तरह का ट्रॉमा सहन करने में महिलाएं पुरुषों से अधिक सक्षम होती हैं:किसी भी प्रकार की शारीरिक चोट या मेंटल ट्रॉमा को पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक हिम्मत से सहन करने में सक्षम होती हैं और इस का एक कारण यह भी होता है की महिलाओं के हार्मोन्स इम्यून सिस्टम को और अधिक एन्हांस करते हैं जिससे उसकी सक्षमता बढ़ जाती है। यह भी महिलाओं में अधिक सेक्स हार्मोन्स की वजह से अधिक होता है और 13 से 64 साल के बीच की आयु वर्ग की महिलाएं ट्रॉमा सहने में अधिक सक्षम होती हैं।

महिलाओं की मसल्स पुरुषों के मुकाबले अधिक लचीली होती हैं:महिलाओं की मसल्स में अधिक इलास्टिन पाई जाती है और उनकी स्पाइन का नीचे वाला भाग बच्चे को जन्म देने के समय अधिक काम आता है जिस कारण उनकी फ्लेक्सिबिलिटी और अधिक बढ़ जाती है। यह लचीलापन पुरुषों के मुकाबले अधिक होता है। चाइल्ड बियरिंग की इवोल्यूशन के दौरान भी महिलाओं के पेल्विस भाग में अधिक मोशन होता रहता है जिस कारण यह भाग और अधिक फ्लेक्सिबल बन जाता है। 

प्रेग्नेंसी के दौरान उनके शरीर में कुछ याद रखने योग्य बदलाव होते हैं;प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में सबसे अधिक बदलाव होते हैं। इस दौरान उनके यूटरस का साइज 9 महीने में एक संतरे से ले कर तरबूज जितना बड़ा हो जाता है। हालांकि बहुत सी महिलाओं को कॉन्ट्रेक्शन का दर्द पता होता है लेकिन कुछ महिलाएं यह नहीं जानती हैं की कॉन्ट्रेक्शन में पुशिंग करते समय उनके यूटरस पर 397 पाउंड प्रेशर पर स्क्वायर फुट पड़ता है। 

पुरुषों के मुकाबले उनका सर्काडियन रिदम अलग होता है

यह एक बहुत आम धारणा है कि आदमियों के मुकाबले औरतों की लाइफ ज्यादा होती है। इसके पीछे कारण यही है कि फीमेल बॉडी किसी भी तरह के इंफेक्शन से पुरुषों के मुकाबले अच्छी तरह से लड़ सकती है। शोध से भी पता लगा है कि महिलाओं का सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन लंबे जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सभी तरह के एंजाइम्स के खराब इफेक्ट को रोकता है और बैक्टीरिया वायरस के खिलाफ शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली बच्चे के जन्म के बाद मजबूत होती हैं।

महिलाओं की पुरुषों के मुकाबले ज्यादा बेहतर मांसपेशियां होती हैं

जब महिलाओं और पुरुष के बीच में ताकत की बात आती है तो पुरुषों को महिलाओं के मुकाबले ज्यादा ताकतवर माना जाता है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि महिलाओं की मांसपेशियां पुरुषों के मुकाबले ज्यादा सहनशक्ति वाली होती हैं। शोध ने भी इस बात को साबित किया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मांसपेशियां 75% अधिक काम करने में सक्षम होती हैं। महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन इन मांसपेशियों को किसी भी प्रकार की थकान को दूर रखने में सहायक है। इसी वजह से पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मांसपेशियां अधिक मेटाबॉलिज्म में सहायक हैं।

तो यह थे कुछ ऐसे फैक्ट्स जो शायद आप को आज तक नहीं पता होंगे और इनकी वजह से भी आप महिलाओं को कम आंक रहे होंगे लेकिन असल में महिलाएं पुरुषों को हर चीज में पीछे छोड़ रही हैं।

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