Director Anil Sharma said Apne 2 cannot happen without Dharmendra
Director Anil Sharma said Apne 2 cannot happen without Dharmendra

Summary: अनिल शर्मा ने याद किया धर्मेन्द्र को और कहा नहीं बनेगा "अपने 2"

निर्देशक अनिल शर्मा के लिए धर्मेंद्र का निधन गहरा आघात है। सात फिल्मों साथ काम करने के बाद वह "अपने 2" में धर्मेंद्र, सनी और बॉबी देओल को दोबारा पर्दे पर लाने वाले थे, लेकिन धर्मेन्द्र के जाने से यह सपना अधूरा रह गया।

Dharmendra’s Movie Will Never Made: हिंदी सिनेमा के जीवंत और दिल को छू लेने वाले एक्टर धर्मेंद्र के निधन ने लाखों दिलों को टूटने पर मजबूर कर दिया। लेकिन इस शोक के बीच सबसे गहरा खालीपन महसूस कर रहे हैं निर्देशक अनिल शर्मा, जिनके लिए धर्मेंद्र सिर्फ एक एक्टर नहीं, बल्कि एक इंस्पिरेशन और सहारा थे। अनिल शर्मा ने धर्मेन्द्र के साथ सात फिल्में की हैं, जिनमें से एक “अपने” का सीक्वल बनाने की तैयारी चल रही थी। लेकिन धर्मेन्द्र के जाने के बाद अनिल शर्मा का कहना है कि बिना धर्मेन्द्र के “अपने 2” नहीं बन सकती है।

अनिल शर्मा की “अपने” 2007 में रिलीज हुई थी, तब दर्शकों ने धर्मेंद्र, सनी देओल और बॉबी देओल की फैमिली केमिस्ट्री को दिल से स्वीकार किया था। इसीलिए इन तीनों को फिर एक साथ पर्दे पर देखने का सपना सभी का था। हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में अनिल शर्मा कहते हैं कि धर्मेंद्र ने खुद उनसे अक्टूबर में कहा था, “अच्छी कहानी ला… अच्छी फिल्म करनी है। कैमरा मेरी महबूबा है, वह मुझे याद करती है।”

लेकिन अब धर्मेन्द्र के निधन के बाद अनिल शर्मा का “अपने” का सीक्वल बनाने का सपना अधूरा रह गया है। अनिल शर्मा की आवाज में अफसोस साफ झलकता है, “अपने तो अपनों के बिना नहीं हो सकती। धरम जी के बिना इसे बनाना असंभव है। स्क्रिप्ट तैयार थी, सब कुछ तय था लेकिन वह चले गए। कुछ सपने कभी पूरे नहीं होते और यह उनमें से एक है।”

अनिल शर्मा की धर्मेंद्र से पहली मुलाकात तब हुई थी, जब वह सिर्फ 18 साल के थे। फिल्म “द बर्निंग ट्रेन” (1980) के सेट पर वह एक असिस्टेंट थे और हाथ में एक साधारण सी कॉल शीट लेकर धर्मेंद्र के पास गए थे। लेकिन वह आम दिन नहीं था, उसी दिन उनकी जिंदगी ने एक नई दिशा पकड़ी। धर्मेंद्र ने उनके सिर पर हाथ रखकर कहा था, “मेहनत से काम करना।” यह वाक्य उनके लिए आशीर्वाद भी बना और सीख भी।

कुछ साल बाद जब अनिल शर्मा ने “हुकूमत” की कहानी सुनाई, तो धर्मेंद्र ने बस दस मिनट में फिल्म के लिए भर दी। अनिल शर्मा याद करते हैं कि हुकूमत की शूटिंग के दौरान रानीखेत में सुबह 6 बजे यूनिट सेट पर पहुंचती थी। लेकिन धर्मेंद्र उससे भी पहले जॉगिंग करते हुए, सेट की हवा में घुले हुए, अपनी एनर्जी से सबको प्रेरित करते हुए पहुंच जाते थे। लोग उन्हें इतना प्यार करते थे कि भीड़ संभालने के लिए कई बार लोकेशन और होटल बदलने पड़ते थे। पर धर्मेंद्र कभी परेशान नहीं हुए। उनका अपने दर्शकों से जो रिश्ता था, वह किसी स्टारडम का नहीं, बल्कि अपनेपन का था, जो शायद ही किसी अभिनेता को इस तरह मिला हो।

धर्मेन्द्र के बारे में बात करते हुए अनिल शर्मा की आवाज भर्रा जाती है, वह कहते हैं, “वह एक महान एक्टर ही नहीं, एक महान इंसान भी थे। अपने हर किरदार में इतनी सहजता, इतनी सच्चाई ले आते थे, जो कम लोगों के बस की बात थी। शायद इसीलिए लोग उन्हें अपना मानते थे।” अनिल शर्मा के लिए धरम जी सिर्फ एक एक्टर नहीं थे, जैसा कि वह खुद कहते हैं, “वह खुद नहीं जानते थे कि वह  कितने बड़े लेजेंड हैं और हमेशा रहेंगे।”

स्पर्धा रानी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज ने हिन्दी में एमए और वाईएमसीए से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। बीते 20 वर्षों से वे लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट लेखन में सक्रिय हैं। अपने करियर में कई प्रमुख सेलिब्रिटीज़ के इंटरव्यू...