A plate of crispy and healthy multigrain methi mathri, made with wheat, millet, barley, and ragi, flavored with dried fenugreek leaves and mild spices, perfect as a tea-time snack.
A plate of crispy and healthy multigrain methi mathri, made with wheat, millet, barley, and ragi, flavored with dried fenugreek leaves and mild spices, perfect as a tea-time snack.

Summary: घर पर बनाएं पौष्टिक और कुरकुरी मल्टीग्रेन मेथी मठरी

मल्टीग्रेन मेथी मठरी एक स्वादिष्ट और करारी नमकीन है। इसमें गेहूं के साथ बाजरा, जौ और रागी जैसे अनाज मिलाए गए हैं, जिससे यह हेल्दी बनती है।

Multigrain Methi Mathri Recipe: मल्टीग्रेन मेथी मठरी एक स्वादिष्ट और करारी नमकीन स्नैक है। इसमें गेहूं के साथ बाजरा, जौ और रागी जैसे अनाज मिलाए गए हैं, जिससे यह हेल्दी बनती है। सूखी मेथी और हल्के मसाले इसे खास स्वाद देते हैं। चाय के साथ खाना या स्नैक के रूप में लेना बहुत अच्छा लगता है और यह लंबे समय तक करारी रहती है। तो चलिए जानते हैं इसे घर पर कैसे बनाएं।

A plate of crispy and healthy multigrain methi mathri, made with wheat, millet, barley, and ragi, flavored with dried fenugreek leaves and mild spices, perfect as a tea-time snack.

Multigrain Methi Mathri

मल्टीग्रेन मेथी मठरी एक हेल्दी और स्वादिष्ट भारतीय स्नैक है, जिसे गेहूं, ज्वार, बाजरा, ओट्स, सूजी जैसे कई तरह के अनाजों के आटे को मिलाकर बनाया जाता है। इसमें ताज़ी मेथी, हल्के मसाले और थोड़ा सा घी मिलाकर कुरकुरी मठरी तैयार की जाती है। यह पारंपरिक मठरी से ज्यादा पौष्टिक होती है, क्योंकि मल्टीग्रेन आटा फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होता है।
Prep Time 20 minutes
Cook Time 40 minutes
Course: Snack / Tea-time Snack
Cuisine: Indian
Calories: 556

Ingredients
  

  • 1 कप गेहूँ का आटा
  • 1/4 कप बाजरा का आटा
  • 1/4 कप मक्का का आटा
  • 1/4 कप जौ का आटा
  • 2 चम्मच तेल/घी
  • 1 चम्मच सूखी मेथी
  • नमक स्वाद अनुसार

Method
 

स्टेप 1: सूखी सामग्री मिलाएं
  1. एक बड़े बर्तन में गेहूँ का आटा, बेसन, सूजी, बाजरे का आटा और रागी का आटा डालें। अब इसमें कसूरी मेथी को हाथों से मसलकर डालें और अजवाइन भी मिलाएं। साथ ही तिल, हल्दी, लाल मिर्च, हींग और नमक डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें।
    A large bowl filled with wheat flour, gram flour, semolina, millet flour, and ragi flour, with kasuri methi being crushed by hand and spices like ajwain, turmeric, chili, hing, sesame seeds, and salt being mixed in.
स्टेप 2: मोयन डालें
  1. आटे के बीच में 4–5 बड़े चम्मच घी या तेल डालें। उंगलियों की मदद से घी/तेल को आटे में अच्छी तरह मसलें जब तक मिश्रण ब्रेडक्रंब जैसा न दिखे। एक मुट्ठी आटा दबाकर देखें—अगर आटा बंध जाए तो मोयन सही है।
    Ghee or oil being added to the center of the flour mixture and rubbed in with fingers until it resembles coarse breadcrumbs and holds shape when pressed.
स्टेप 3: सख्त आटा गूंथें
  1. गूंथा हुआ आटा एक नम कपड़े से ढककर 20–25 मिनट के लिए आराम करने दें ताकि आटा और सूजी अच्छी तरह सेट हो जाए।
    Warm water being added gradually to form a stiff dough, which is then covered with a damp cloth to rest for 20–25 minutes.
स्टेप 4: मठरी को आकार दें
  1. सेट हुआ आटा हल्का सा मसलें और छोटी–छोटी लोइयां बनाएं। हर लोई को हथेली से दबाकर चपटा करें। चाहें तो हल्का बेल भी सकते हैं, लेकिन मठरी थोड़ी मोटी रखें।
    Small dough balls being flattened with the palm or lightly rolled to form thick round mathris.
स्टेप 5: मठरी तलें
  1. कढ़ाई में तेल या घी गरम करें। तेल मध्यम गरम होना चाहिए। तेल की जांच के लिए आटे का छोटा टुकड़ा डालें—यदि धीरे ऊपर आए तो तेल तैयार है। अब मठरियाँ डालें और धीमी–मध्यम आंच पर सुनहरी व खस्ता होने तक तलें। एक बैच को तलने में लगभग 8–10 मिनट लगते हैं।
    Mathris frying in moderately hot oil, turning golden and crisp while cooking slowly on low to medium heat.
स्टेप 6: निकालें और स्टोर करें
  1. तली हुई मठरियाँ निकालकर पेपर टॉवल पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए। ठंडी होने पर एयरटाइट कंटेनर में भर दें। यह कई हफ्तों तक करारी रहती है।
    Freshly fried mathris placed on paper towels to absorb excess oil, then stored in an airtight container once cooled.

Notes

कुछ अतिरिक्त टिप्स
  • आटे को बहुत नरम न गूंधें। आटा सख्त होना चाहिए तभी मठरी खस्ता और लंबे समय तक करारी रहती है।
  • मोयन को आटे में अच्छी तरह मसलें। अगर मिश्रण ब्रेडक्रंब जैसा हो जाए और मुट्ठी दबाने पर बंध जाए तो सही है।
  • मठरियाँ बनाते समय उन्हें बहुत पतला मत बेलें। थोड़ी मोटी मठरी अधिक खस्ता और अंदर से नरम रहती है।
  • तेल को धीमी-मध्यम आंच पर गरम करें। बहुत तेज आंच से मठरी बाहर से जल सकती है और अंदर कच्ची रह सकती है।
तलने के बाद मठरियों को पूरी तरह ठंडा होने दें। गर्म मठरी एयरटाइट कंटेनर में रखने से नरम हो सकती है।

स्वाति कुमारी एक अनुभवी डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं, जो वर्तमान में गृहलक्ष्मी में फ्रीलांसर के रूप में काम कर रही हैं। चार वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली स्वाति को खासतौर पर लाइफस्टाइल विषयों पर लेखन में दक्षता हासिल है। खाली समय...