tea
benefits of tea

Tea Benefits: चाय पीना लगभग हर किसी को अच्छा लगता है। अधिकतर घरों में लोगों के दिन की शुरूआत ही चाय के साथ होती है। आमतौर पर, लोग सुबह-सुबह दूध की चाय पीना पसंद करते हैं। यह आपको एक गजब का स्वाद देती है। लेकिन सिर्फ यही एक चाय नहीं है, बल्कि कई अलग-अलग तरह की हर्बल टी होती हैं, जिनका स्वाद आपको भले ही थोड़ा अजीब लगे, लेकिन सेहत के लिए वह किसी वरदान से कम नहीं है। अमूमन देखा जाता है कि जब भी लोग किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे होते हैं, तो वह तुरंत दवाईयो का सेवन करना शुरू कर देते हैं। लेकिन अगर आप अलग-अलग तरह की चाय को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएंगे तो आप ऐसे ही स्वास्थ्य समस्याओं को आसानी से मैनेज कर सकते हैं।

अगर अलग-अलग तरह की चाय की बात हो तो इसमें सिर्फ ग्रीन टी, या ब्लैक टी ही शामिल नहीं है, बल्कि पुदीने की चाय से लेकर कैमोमाइल की चाय आदि को आप अपने डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको अलग-अलग तरह की चाय और उससे मिलने वाले फायदों के बारे में बता रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप अपने हेल्थ इश्यूज को ध्यान में रखकर डिफरेंट तरह की चाय को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं-

कैमोमाइल चाय

chamomile tea

कैमोमाइल चाय आमतौर पर इसके सूदिंग इफेक्ट के लिए जानी जाती है। इसलिए, जो लोग अनिद्रा या रात में नींद की समस्या से जूझते हैं, उनके लिए कैमोमाइल चाय का सेवन करना यकीनन बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। वैसे कैमोमाइल सिर्फ अच्छी नींद के लिए ही प्रभावी तरीके से काम नहीं करता, बल्कि इसमें जीवाणुरोधी, एंटी- इन्फ्लमेट्री और लिवर प्रोटेक्टिंग इफेक्ट भी होते हैं। कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि कैमोमाइल दस्त और पेट के अल्सर से लड़ने में मदद कर सकता है। साथ ही एक अध्ययन से यह भी पता चला कि कैमोमाइल चाय ने प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों को कम किया, जबकि इसके सेवन से टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा, इंसुलिन और रक्त लिपिड स्तर में भी सुधार देखा गया।

पुदीने की चाय

peppermint tea

पुदीना चाय दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली हर्बल चाय में से एक है। यह पाचन तंत्र के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। पेपरमिंट टी पारंपरिक रूप से पाचन तंत्र की परेशानी को दूर करने के लिए प्रयोग की जाती है। अध्ययनों से पता चला है कि पेपरमिंट ऑयल मतली, ऐंठन, और पेट दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। दरअसल, इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीकैंसर, जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण भी होते हैं। जो आपकी सेहत पर कई प्रकार से सकारात्मक असर डालते हैं।

अदरक की चाय

ginger tea

अदरक की चाय एक मसालेदार और स्वादिष्ट पेय है जो स्वस्थ, रोग से लड़ने वाले एंटीऑक्सिडेंट का एक पंच पैक करती है। यह सूजन से लड़ने में भी मददगार है। कई अध्ययनों से यह पता चलता है कि अदरक मतली से राहत दिलाने में प्रभावी है, खासकर प्रारंभिक गर्भावस्था में। हालांकि यह कैंसर के उपचार और मोशन सिकनेस के कारण होने वाली मतली से भी छुटकारा दिला सकता है। कई अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि अदरक मासिक धर्म के दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है, और यह मधुमेह वाले लोगों के लिए लाभ प्रदान कर सकता है।

हिबिस्कस चाय

hibiscus tea

हिबिस्कस चाय गुड़हल के पौधे के रंग-बिरंगे फूलों से बनाई जाती है। इसका आनंद गर्म या कोल्ड किसी भी रूप में लिया जा सकता है। हिबिस्कस चाय में एंटीवायरल गुण होते हैं और हिबिस्कस चाय पीने से आपको फ्लू जैसे वायरस से लड़ने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप पर भी हिबिस्कस चाय का सेवन करने से सकारात्मक असर पड़ता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि हिबिस्कस चाय उच्च रक्तचाप को कम करती है। हालांकि, अगर आप हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड, एक डायूरेटिक दवा ले रहे हैं, तो हिबिस्कस चाय को अवॉयड करें। इसके अलावा, यह ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में भी मदद कर सकती है।

काली चाय

Black tea

बहुत लोग वजन कम करने के लिए काली चाय का सेवन करते हैं। हालांकि, यह आपके वजन के अलावा सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से होने वाले नुकसान से फेफड़ों की रक्षा कर सकती है। इतना ही नहीं, अगर इसे डाइट में शामिल किया जाए तो यह स्ट्रोक के जोखिम को भी कम कर सकता है।

ऊलोंग चाय

oolong tea

ऊलोंग चाय में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा उच्च पाई जाती है और अगर इस चाय का सेवन किया जाता है, तो इससे बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं, ऊलोंग चाय की कई किस्में होती हैं। इनकी एक किस्म, वजन घटाने में भी काफी हद तक मदद कर सकती हैं। हालांकि, अभी तक यह बात पूरी तरह से साबित नहीं हुई है।

सौंफ की चाय

fennel tea

अगर आप मेनोपॉज फेज में हैं, तो आपको सौंफ की चाय का सेवन करना चाहिए। यह मेनोपॉज के लक्षणों को कम कर सकती है। इसके अलावा, यह पाचन में भी मदद कर सकती हैं। सौंफ बाउल रेग्युलिरिटी में मदद करती है। नवंबर 2016 में अरेबियन जर्नल ऑफ केमिस्ट्री में प्रकाशित एक समीक्षा में कहा गया है कि सौंफ का इस्तेमाल पाचन संबंधी विकार के साथ-साथ आईबीएस के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है। आप टी बैग्स के रूप में सौंफ की चाय खरीद सकते हैं या फिर सौंफ को पीसकर उसका इस्तेमाल भी चाय बनाने के लिए किया जा सकता है।

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