इन लक्षणों पर दीजिए ध्यान हार्ट अटैक नहीं बिगड़ पाएगा कुछ
हार्ट अटैक का नाम सुनते ही अक्सर मन घबरा जाता है क्योंकि अब अक्सर ही किसी ना किसी के दिल का दौरा पड़ने के बाद मृत्यु की खबर सुनने को मिल जाती है। अब इसका उम्र से भी कोई कनेक्शन रहा नहीं है। बेहद कम उम्र के लोगों को भी अब अटैक पड़ रहा है।
Signs of Heart Attack: आजकल अक्सर किसी ना किसी को अचानक दिल का दौरा पड़ने की ख़बरें सुनने में आ ही जाती हैं। हंसता-खेलता, डांस करता, बातें करता इंसान दुनिया छोड़ जाता है। लेकिन इसके बाद परिजन कभी ये नहीं जान पाते हैं कि आखिर उन्हें हुआ क्या था। मगर अब एक्सपर्ट दिल का दौरा पड़ने से पहले दिखने वाले लक्षणों पर बात कर रहे हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने भी हार्ट अटैक के कुछ लक्षण बताए हैं, जिन पर ध्यान देकर किसी न किसी की जान बचाई जा सकती है। खुद की सेहत पर भी इस तरह से ध्यान दिया जा सकता है। अगर इन लक्षणों को आप पहचान लेंगे तो समय पर डॉक्टर से सलाह ले पाएंगे और दूसरों को सुझाव भी दे पाएंगे। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की वेबसाइट https://www.heart.org/ पर बताए गए हार्ट अटैक के कुछ लक्षण हैं-
सीने में हलचल

सीने में हलचल से मतलब दिक्कत से है। जब आपको सीने में नॉर्मल महसूस न हो, कुछ तो ऐसा लगे जो अभी तक नहीं महसूस हुआ था तो ये हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है। ये ऐसा अहसास सीने के बीचोंबीच महसूस होगा, ये याद रखिए। ये अहसास कुछ मिनट रह सकता है और थोड़ी देर में वापस भी आ सकता है। इसको अच्छे से समझने के लिए नीचे विवरण दिया गया है –
- दर्द
- भारीपन
- सीने में दबाव
- सीने को निचोड़ देने जैसा अहसास
- खूब पसीना छूटना
शरीर का ऊपरी हिस्सा

जब दिल का दौरा पड़ता है तो सिर्फ सीने और दिल के आसपास ही नहीं, शरीर के ऊपरी हिस्से में भी इसका असर नजर आता है। मतलब दिल का दौरा है तो सिर्फ दिल ही इसका संकेत नहीं देगा बल्कि शरीर का ऊपरी हिस्सा भी बताएगा कि सबकुछ ठीक नहीं है। ये वो लक्षण हैं, जिन्हें अक्सर लोग इग्नोर ही कर देते हैं क्योंकि इन लक्षणों को दिल से जोड़ कर देखा ही नहीं जाता है।कौन से हैं ये लक्षण और कौन-कौन से हिस्सों पर होगी दिक्कत-
- एक हाथ या दोनों हाथों में दर्द या भारीपन
- पीठ और आसपास के हिस्से में भी अच्छा फील न होना
- गर्दन में दर्द या दिक्कत
- जबड़े में दर्द
- पेट में दर्द
- सांस लेने में दिक्कत
अगर दिल का दौरा पड़ने वाला है तो कई बार सांस लेने में दिक्कत भी होने लगती है। इस दौरान सीने में दिक्कत हो भी सकती है और नहीं भी। मतलब हो सकता है सांस लेने में दिक्कत हो लेकिन सीने में दर्द हो ही ना। लेकिन ये दर्द हो भी सकता है।
कुछ और लक्षण

हार्ट अटैक होने वाला होगा तो लक्षण कुछ और भी दिखेंगे। इनको तो कोई भी कभी भी सीने से जुड़ी दिक्कत के तौर पर नहीं देखगा। ये लक्षण हैं-
- सर्दी के साथ पसीना
- मिचली महसूस होना
- चक्कर आना
महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग लक्षण
हार्ट अटैक आने से पहले सीने में दिक्कत महसूस होना पुरुषों के साथ महिलओं में भी सामान्य लक्षण है। लेकिन महिलाओं में कुछ अलग लक्षण भी दिखते हैं, जो सीने में दर्द से बिल्कुल भी संबंधित नहीं होते हैं, जैसे सांस लेने में दिक्कत, मिचली या उल्टी के साथ पीठ या जबड़े में दर्द।कह सकते हैं ऊपर बताए गए ये लक्षण महिलाओं में ज्यादा दिखते हैं।
जब किसी को हार्ट अटैक आए तो क्या करें?

जब किसी को हार्ट अटैक आए तो वहां मौजूद लोगों को क्या करना चाहिए?ये सवाल भी कई बार दिल में आता है। क्योंकि सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो देखने को मिलते हैं, जहां आस-पास मौजूद लोगों ने रोगी को अपनी तत्परता से बचा लिया था, चलिए ऐसे वक्त में बरती जाने वाली सावधानियों को समझ लें-
इस वक्त तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना तो जरूरी है ही, ये काम जल्द से जल्द करें और एंबुलेंस भी जरूर बुला लें। लेकिन इस बीच रोगी को आराम देने के लिए सीपीआर देना जरूरी हो जाता है, ये एक खास तरह की प्रक्रिया है, जिसमें साथ में मौजूद व्यक्ति को रोगी के सीने में अपनी हथेलियों से दबाव के साथ झटके देने होते हैं, इसको किए जाने का सही तरीका समझ लीजिए, ताकि जरूरत पड़ने पर आप दूसरों की मदद कर सकें-
- सीपीआर के दौरान दोंनों हाथों से एक मिनट में 100 से 120 बार सीने में दबाव बनाना होता है।
- इसके लिए अपनी हथेलियों से उनके सीने के बीच में रख कर पुश करें।
- हर पुश के बाद छाती को कुछ पल के लिए सामान्य होने दें।
- ये विधि सीपीआर की “हैंड्स-ओनली” विधि कहलाती है।
- इसमें मुंह से सांस नहीं दी जाती है।
सीपीआर का अन्य फायदा

सीपीआर सिर्फ दिल थमने से ही नहीं रोकता है, बल्कि इस प्रक्रिया से रोगी को ब्रेन डेड होने से भी बचाया जा सकता है। दरअसल दिल का दौरा पड़ता है तो हार्ट के साथ कई दूसरे अंगों में भी रक्त का संचार रुक सा जाता है। इस दौरान रक्त पंप करना बंद कर देता है। ये स्थिति अगर 9 मिनट तक भी बनी रहे तो ब्रेन डेड की स्थिति बन सकती है। इस वक्त सीपीआर काम आता है जो रक्त प्रवाह बनाए रखने के साथ पीड़ित के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दूसरे नुकसान को भी कम करता है।
ऐसे समझिए सीपीआर की अहमियत
अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट की मानें तो हार्ट आने पर 10 में से 9 रोगियों की मौत इसलिए हो जाती है क्योंकि उन्हें सीपीआर नहीं दिया गया था। इसलिए अगर सीपीआर देने का सही तरिका आको पता हो तो कई जानें बचाई जा सकत हैं।
