Overview:क्या आपके बच्चे को भी हो सकता है हार्ट अटैक? जानें जरूरी संकेत और सावधानियां
आजकल टीनेजर में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। अस्वस्थ खानपान, तनाव, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके मुख्य कारण हैं। सीने में दर्द, थकान, सांस फूलना जैसे लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। समय पर पहचाने गए संकेत और सही जीवनशैली अपनाकर इस खतरे से बचा जा सकता है। पैरेंट्स को सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
Heart Attack in Teenagers: आज के समय में हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गया है। बदलती लाइफस्टाइल, गलत खान-पान और स्ट्रेस के कारण अब छोटी उम्र में बच्चे भी इस गंभीर स्थिति का शिकार हो रहे हैं। सोचने वाली बात यह है कि कई बार टीनेजर में हार्ट अटैक के लक्षण समझ में ही नहीं आते, जिससे इलाज में देर हो सकती है।
अगर आपका बच्चा 13 से 19 साल के बीच है, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है। हार्ट अटैक के शुरुआती संकेतों को पहचानकर समय पर ध्यान देना ही इसका सबसे बड़ा इलाज है। कई मामलों में सिर्फ हल्की छाती में जलन या थकावट जैसे लक्षण भी नजर आते हैं, जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि टीनेजर में हार्ट अटैक के लक्षण क्या हो सकते हैं, किस तरह की सावधानियां रखनी चाहिए और पैरेंट्स को किन बातों का ध्यान देना जरूरी है। चलिए जानते हैं वो जरूरी बातें जो हर टीनेजर और माता-पिता को आज ही समझनी चाहिए।
छाती में दर्द या दबाव को न करें नजरअंदाज

अगर कोई टीनेजर बार-बार छाती में दर्द, भारीपन या जलन की शिकायत करता है, तो इसे हल्के में न लें। यह गैस या एसिडिटी भी हो सकती है, लेकिन लगातार हो रही छाती में बेचैनी हार्ट की ओर इशारा कर सकती है। खासतौर पर अगर दर्द बाएं हाथ, जबड़े या पीठ तक फैलता है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना चाहिए।
थकान और सांस लेने में तकलीफ

अगर युवा बच्चे बिना ज्यादा मेहनत के ही जल्दी थक जाते हैं या सीढ़ियां चढ़ते वक्त सांस फूलती है, तो यह हार्ट की कार्यक्षमता में कमी को दिखा सकता है। माता-पिता को ध्यान देना चाहिए कि बच्चा खेलते समय थककर बैठ तो नहीं जाता या हल्की एक्टिविटी में ही बार-बार सांस क्यों फूल रही है।
हार्ट हेल्थ को बिगाड़ रही है ये लाइफस्टाइल
आजकल के बच्चे और यूथ देर रात तक मोबाइल चलाना, जंक फूड खाना और एक्सरसाइज से दूर रहना जैसी आदतों के शिकार हैं। ये सारी चीजें धीरे-धीरे कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती हैं, जिससे हार्ट की धमनियां संकरी होने लगती हैं। धूम्रपान या प्यास बुझाने के नाम पर एनर्जी ड्रिंक्स लेना भी नुकसानदायक हो सकता है।
माता-पिता कैसे करें निगरानी और सहयोग
पेरेंट्स को बच्चों के खान-पान, नींद और एक्टिविटी पर नजर रखनी चाहिए। अगर बच्चा बार-बार कमजोरी, सिर घूमना या अजीब बेचैनी की बात करता है, तो इसे इग्नोर न करें। साथ ही घर में अगर किसी को हार्ट डिजीज की हिस्ट्री हो, तो अलर्ट रहना और समय-समय पर ECG व चेकअप करवाना जरूरी है।
हेल्दी लाइफ के लिए अपनाने चाहिए ये उपाय
अपने यंग बच्चों को हार्ट अटैक से बचाने के लिए उन्हें हेल्दी डाइट देना, दिनचर्या में एक्सरसाइज या योग शामिल करना और स्ट्रेस से दूर रखना बहुत जरूरी है। फास्ट फूड की जगह घर का बना पौष्टिक खाना दें। उन्हें खुलकर बातचीत करने का मौका दें ताकि वे मानसिक तनाव शेयर कर सकें।
