Partner Support in Pregnancy
Emotional support reduces stress and anxiety

Spices Avoid during Pregnancy: गर्भावस्था एक ऐसा समय है, जिस समय महिला के शरीर में बहुत सारे बदलाव हो रहे होते हैं। यह बदलाव शारीरिक मानसिक और हार्मोनल होते हैं। ऐसी स्थिति में महिलाओं को विशेष देखरेख और खान-पान की आवश्यकता होती है।

भारतीय समाज में अगर बात खान-पान की हो तो मसालों का अहम रोल है और उनके फायदे भी हैं। लेकिन कई बार जो मसाले सामान्य दिनों में हमारे लिए फायदेमंद होते हैं, वह गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला की परेशानियों को बढ़ा सकते हैं। आइए इस लेख में जानते हैं, उन मसालों के बारे में जिनके सेवन से गर्भावस्था के दौरान बढ़ सकती है परेशानियां।

वैसे तो हींग पाचन के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। अगर किसी को अपच की समस्या है तो उसे हींग लेने की सलाह हमारे घर के बड़े बुजुर्ग देते हैं। लेकिन यही हींग गर्भावस्था के दौरान लेने पर परेशानी का कारण बन जाता है, खास तौर पर पहली तिमाही में। गर्भावस्था के दौरान अधिक हींग का सेवन करने से गर्भाशय की मांसपेशियां संकुचित होने लगती है। जिससे ब्लीडिंग या समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा बढ़ जाता है।

pregnancy spices to avoid that cause miscarriage
pregnancy spices to avoid that cause miscarriage Credit: Istock

भारतीय मसाले में अजवाइन पाचन प्रक्रिया को सही रखने में बहुत उपयोगी माना जाता है। लेकिन गर्भावस्था में इसका लेना पर परहेज है, क्योंकि अजवाइन में थायमोल नामक रसायन पाया जाता है जो गर्भाशय को उत्तेजित करता है, गर्भाशय की दीवारों में संकुचन लाता है। जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था के दौरान अजवाइन का सेवन बहुत सीमित मात्रा में करना चाहिए।

मेथी दाना हमारे शरीर में बहुत से हार्मोन को बैलेंस करने का काम करता है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसे लेने से गर्भाशय में सिकुड़न, पेट में ऐंठन, मतली, समय से पहले प्रसाद जैसी समस्या हो सकती है। मेथी दाना का पहली तिमाही में सेवन खतरनाक है, लेकिन आखिरी महीने में आप इसका सेवन कर सकते हैं। यह आपके डिलीवरी को आसान बनाता है।

दालचीनी का उपयोग ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है तथा शरीर में गर्मी पैदा करता है। रोजाना के भोजन में थोड़ा उपयोग दालचीनी का नुकसानदायक नहीं है, लेकिन अगर आप दालचीनी को सीधे या चाय में अधिक मात्रा में ले रहे हैं तो यह आपके गर्भाशय में संकुचन को बढ़ा देता है, जिससे गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है।

सौंठ की प्रकृति गर्म तासीर की होती है। गर्भावस्था में सौंठ के उपयोग से महिला के शरीर में अधिक गर्मी उत्पन्न होगा, जिससे एसिडिटी, हार्टबर्न और गर्भाशय में ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है।
सौंठ के गर्म तासीर होने के कारण शरीर में हार्मोन बैलेंस को भी प्रभावित करता है इसलिए गर्भावस्था में इसके सेवन से बचना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान पाचन तंत्र पर दबाव पड़ने से पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है, ऐसे में अगर आप तेज या तीखे मसाले जैसे काली मिर्च, हरी मिर्च, लाल मिर्च का सेवन करते हैं या किसी भी प्रकार के गरम मसाले का सेवन करते हैं तो यह आपके सीने में जलन, उल्टी भारीपन, एसिडिटी, गैस जैसे समस्या को बढ़ा सकता है।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...