प्रेगनेंट हैं, तो ये कुकिंग टिप्स ज़रूर फॉलो करें
गर्भावस्था में खाना पकाते समय आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। ताकि आपको इस अवस्था में किसी भी तरह की परेशानी न हों। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी में कुकिंग करते समय किन बातों का रखें ध्यान?
Pregnancy Cooking Tips : गर्भावस्था के दौरान आपके भ्रूण में पल रहा बच्चा वही खाता है, जो आप खाती हैं। ऐसे में आपको अपने आहार में जरूरी पोषक तत्वों और विटामिन्स से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करने की जरूरत होती है। इसके साथ-साथ आपको अपने बढ़ते वजन को ट्रैक करने की जरूरत है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि गर्भावस्था की जटिलताओं के जोखिम को कम करने के लिए भोजन का सेवन महत्वपूर्ण है। इसलिए प्रेग्नेंसी में खाना पकाते समय आपको इसमें जरूरी पोषक तत्वों को शामिल करने की जरूरत है। आज हम आपको इस लेख में प्रेग्नेंसी के दौरान फॉलो करने वाले कुछ आसान से कुकिंग टिप्स के बारे में बताएंगे, जो खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य को भरपूर पोषण प्रदान कर सकता है।

ताजी हरी सब्जियों का करें प्रयोग
अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो कुकिंग करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपको अपने आहार में फाइबरयुक्त चीजों को शामिल करने की जरूरत है। ऐसे में आप कुकिंग के दौरान ताजे फलों और सब्जियों का प्रयोग करें। खासतौर पर सब्जियों की मात्रा को अधिक रखें। सब्जियों में अधिक मात्रा में आलू का प्रयोग न करें। इसमें हरे पत्तेदार सब्जियां जैसे- ब्रोकली, गोभी, भिंडी, करेले जैसी चीजों को शामिल करें। इससे न सिर्फ आपको भरपूर रूप से फाइबर प्राप्त होता है, बल्कि इस तरह की सब्जियां आयरन का भी अच्छा स्त्रोत होती हैं जो गर्भावस्था में बेहद जरूरी है।

साबुत अनाज का करें इस्तेमाल
प्रेग्नेंसी में अगर आप कुकिंग कर रही हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान रिफाइंड आटे का प्रयोग न करें। कोशिश करें कि आप अधिक से अधिक साबुत चीजों को अपनी कुकिंग में शामिल करें। इसके लिए आप मोटे अनाज का प्रयोग कर सकते हैं। मोटे और साबुत अनाज में कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं। खासतौर पर इसमें फाइबर होता है, जो गर्भावस्था के दौरान होने वाली कब्ज, अपच की परेशानियों को दूर कर सकता है।

डेयरी प्रोडक्ट्स और ड्राईफ्रूट्स का करें प्रयोग
अगर आप गर्भावस्था में खुद को हेल्दी रखना चाहती हैं, तो खाने में इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने आहार में अधिक से अधिक डेयरी प्रोडक्ट्स और ड्राईफ्रूट्स को शामिल करें। ये दोनों ही चीजें आपके मसल्स और हड्डियों के विकास के लिए जरूरी होता है। साथ ही इससे आपके बच्चे का विकास भी होता है। ऐसे में कुकिंग के दौरान जब आप जूस या फिर शेक बनाएं, तो इसमें थोड़े से ड्राईफ्रूट्स जरूर शामिल करें। वहीं, दही, पनीर जैसी चीजों को मिक्स करके कुछ न कुछ जरूर बनाकर खाएं।

खाने में नमक की मात्रा रखें सही
गर्भावस्था के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि खाना पकाते समय इसमें नमक की मात्रा को सही रखें। हमेशा आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करें, ताकि आपके बच्चे के शरीर का बेहतर विकास हो सके। वहीं, आप थायराइड जैसी परेशानियों से बच सकें। खाने में अधिक और ज्यादा नमक होने से आपको हाई ब्लड प्रेशर या फिर लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसलिए खाना पकाते समय नमक की मात्रा सीमित रखें।

तेल-मसाले का सीमित मात्रा में करें प्रयोग
खाना पकाते समय खाने में तेल-मसालों का सीमित मात्रा में प्रयोग करें। अगर आप प्रेग्नेंसी में अधिक तेल-मसालों का प्रयोग करते हैं, तो इसकी वजह से आपको अपच, मतली, उल्टी, गैस जैसी परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए इस तरह की कुकिंग से बचें।

प्रेग्नेंसी में खाना पकाते समय अपने आहार में अधिक से अधिक पोषक तत्वों को शामिल करें, ताकि आप और आपके भ्रूण में पल रहा बच्चा स्वस्थ हो सके। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि गर्भावस्था में खानपान में किसी भी तरह के बदलाव करने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें।