Chana in Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के स्वास्थ्य और गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए बहुत से पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जैसे, आयरन, फोलिक-एसिड, प्रोटीन, फाइबर और कैल्शियम आदि। गर्भवती महिला के शरीर में इन सभी पोषक तत्वों की पूर्ति खाद्य पदार्थ से होती है। आज हम ऐसे ही एक खाद्य पदार्थ की बात कर रहे हैं, जिसके लेने से गर्भवती महिला के शरीर में इन सभी पोषक तत्वों की पूर्ति होती है। यह खाद्य पदार्थ है, काला चना। काला चना भारतीय रसोई में आसानी से पाया जाने वाला खाद्य पदार्थ है जो की पोषक तत्वों से भरपूर है। आइए इस लेख में जानते हैं, क्या काला चना गर्भवती महिला को खाना चाहिए, इसके लेने के क्या-क्या फायदे हैं।
प्रेगनेंसी में काला चना लेने के फायदे
काले चने में भरपूर मात्रा में आयरन, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, विटामिन-बी, फोलिक-एसिड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह सभी पोषक तत्व गर्भवती महिला के लिए बहुत जरूरी है। आईए जानते हैं काले चने के सेवन से क्या-क्या फायदे मिलते हैं।
एनीमिया से बचाव: काले चने में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है और एनीमिया के खतरे को काम करता है। गर्भवती महिला में गर्भावस्था के दौरान शरीर में खून की कमी, एनीमिया की शिकायत होती है। गर्भावस्था में काले चने का सेवन एनीमिया की समस्या को कम करता है।
शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए: गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क तथा रीड की हड्डी के विकास के लिए फोलिक-एसिड की जरूरत होती है। फोलिक-एसिड चने में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। गर्भावस्था में काले चने के सेवन से होने वाले बच्चों को जन्मजात विकारों से बचाया जा सकता है।

प्रोटीन का स्रोत: अगर आप शाकाहारी है तो चना आपके लिए प्रोटीन का अच्छा विकल्प है। शरीर को ताकत प्रदान करने के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी पोषक तत्व है।
फाइबर: गर्भावस्था के दौरान पाचन प्रक्रिया धीमा हो जाता है, जिससे खाना पचने में समय लगता है तथा गर्भवती महिला को कब्ज, गैस अपच जैसी समस्या होती है। इस समस्या से बचने के लिए गर्भवती महिला को अपने आहार में फाइबर लेना चाहिए और काला चना इसका अच्छा स्रोत है।
कैल्शियम: मां की हड्डियों को कमजोरी से बचाने के लिए और शिशु की हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है। कैल्शियम काले चने में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल: काल चना लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण शुगर लेवल को अचानक बढ़ने नहीं देता है और गर्भावस्था के दौरान होने वाले मधुमेह के खतरे को कम करता है।
प्रेगनेंसी में काला चना लेने का तरीका
प्रेगनेंसी के दौरान कभी भी काला चना कच्चा या अधपका ना लें। इसे पचने में परेशानी होती है।
प्रेगनेंसी के दौरान आप काले चने को उबालकर लें। आप दिन में एक बार इसका सेवन कर सकते हैं। आप इसे चना-चाट, चना-पराठा की तरह खा सकते हैं ,या फिर सिंपल प्लेन उबाल कर भी इसे ले सकते हैं।
गर्भवती महिला रात में काला चना ना खाए। काले चने का सेवन सुबह नाश्ते या दोपहर में कर सकते हैं।
अगर आपको पहले से ही गैस की समस्या हो तो आप डॉक्टर से सलाह लेकर ही काले चने का सेवन करें।
