Calcium: गर्भावस्था के दौरान महिला को सिर्फ अपना ही नहीं अपने गर्भस्थ शिशु का भी ध्यान रखना होता है। इसलिए उन्हें इस दौरान सभी पोषक तत्वों का भरपूरर सेवन करना चाहिए। इसी वजह से गर्भावस्था के समय जरूरी पोषक तत्वों में से एक है कैल्शियम।
प्रेग्नेंसी के समय कैल्शियम इंटेक पर इतना क्यों जोर दिया जाता है? और अगर इनकी कमी हो जाए तो क्या-क्या समस्या हो सकती हैं? इसके स्रोत कौन-कौन से हैं? अगर आपके भी मन में इन सवालों को लेकर उत्सुकता है, तो जानने के लिए पढ़िए गृहलक्ष्मी का यह लेख।
गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम क्यों है जरूरी?

दरअसल इसकी ना केवल गर्भवती के दांतो और बोन के लिए जरूरी है, बल्कि भ्रूण के विकास के लिए भी जरूरी है। एक रिसर्च के अनुसार, गर्भ में पल रहे शिशु को मां से रोजाना कम से कम 300 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। जिससे उसकी हड्डियों का विकास होता है। लेकिन बाद के कुछ महीनों में गर्भस्थ शिशु को अधिक मात्रा में इसकी जरूरत होती है।
इसलिए गर्भवती महिला को अधिक कैल्शियम इंटेक पर जोर दिया जाता है। यदि वह ऐसा नहीं करती तो गर्भस्थ शिशु इसकी पूर्ति मां के स्केलेटन से करना शुरू कर देता है। यानी कि मां की हड्डियों और दातों से। जो गर्भवती और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए सही नहीं है।
कैल्शियम की कमी से होने वाली परेशानी
गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी से यह समस्याएं देखने को मिलती है-

- प्रेगनेंसी के दौरान हाइपरटेंशन
- समय से पहले डिलीवरी
- डिलीवरी के बाद अधिक रक्त स्राव
- बच्चे का अंडर वेट होना
- मां की हड्डियों का कमजोर पड़ जाना
- हर समय चिड़चिड़ापन
- मसल्स में पेन
- हाथ पैरों की उंगलियों में जकड़न या दर्द
- सांस लेने में परेशानी
- अधिक गैस का बनना,पेट का फूलना
- दिल की धड़कन का बढ़ना या
- ब्लड प्रेशर का कम हो जाना
- शरीर में सूजन
- स्किन ड्राइनेस या इचिंग
- सिर दर्द
- मिचली आना आदि।
कैल्शियम के स्रोत

इसका सबसे बेहतरीन स्रोत है डेयरी पदार्थ, जैसे दही, दूध, और चीज आदि हैं। अगर आप सब्जियों के माध्यम इसे प्राप्त करना चाहती हैं तो हरी और पत्तेदार सब्जियों में भी कैल्शियम होता है, लेकिन डेयरी प्रोडक्ट की तुलना में मात्रा कम होती है।
कैल्शियम सप्लीमेंट

अगर आपको दूध या डेयरी उत्पाद ज्यादा पसंद नहीं हैं या आप लैक्टिक इंटोलेरेंट हैं तो आपके शरीर में कैल्शियम की कमी आ सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए आपको कैल्शियम सप्लीमेंट लें। इसके सप्लीमेंट दो तरह के होते हैं-
- कैल्शियम कार्बोनेट
- कैल्शियम सिट्रेट
पहले को आप किसी खाद्य पदार्थ के साथ ले सकती हैं और दूसरे सपलीमेंट को आप खाली पेट भी ले सकती हैं। इससे पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें। एक जरूरी बात और इससे जुड़ी ये है कि एक समय पर केवल 500मिली ग्राम का ही सेवन करना चाहिए। इसे आप सुबह ब्रेकफास्ट के दौरान खा सकती हैं।
वहीं, सप्लीमेंट को खाली पेट और अकेला लेने से बचें। अगर पर्याप्त मात्रा से अधिक खा लेती हैं तो आपको किडनी स्टोन की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा आपका पेट फूल सकता है, गैस बन सकती है और कब्ज की भी समस्या हो सकता है।