‘‘मेरी पहली गर्भावस्था के पांचवें महीने में मिसकैरिज हो गया था। चिकित्सकों ने कहा कि यह सर्विक्स की कमी की वजह से था।हाल ही में मेरे होम प्रेगनेंसी टेस्ट की जांच पॉजिटिव आई है। मुझे चिंता हो रही है कि कहीं फिर वही समस्या न हो जाए।”

आपके लिए अच्छी खबर यही है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा क्योंकि अब तक डॉक्टर आपकी इस तकलीफ का पता लगाकर, इसका इलाज कर चुके होंगे ताकि इस गर्भावस्था में ऐसी परेशानी न हो। पूरी देखभाल और चिकित्सा के बाद आप एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे पाएंगी। अगर आपने इस बार डॉक्टर बदला है तो उन्हें भी वे सब बातें अवश्य बताएं ताकि वे अपेक्षित चिकित्सीय देखभाल व चिकित्सा दे सकें। 

अगर सर्विक्स में कमी हो तो वह गर्भाशय पर बढ़ते दबाव की वजह से, समय से पहले खुल जाती है। ऐसा 100 में 1-2 गर्भावस्था में ही होता है। आमतौर पर दूसरी तिमाही के 10 से 20 प्रतिशत मिसकैरिज की वजह भी यही होती है। ऐसा जेनेटिक कमजोरी, प्रसव के दौरान सर्विक्स पर पड़ने वाले खिंचाव, बायोप्सी,सर्वाइकल सर्जरी या लेज़र थैरेपी की वजह से हो सकता है। एक से अधिक शिशु होने की वजह से भी यह दिक्कत हो सकती है लेकिन यदि एक ही शिशु गर्भ में हो तो यह समस्या दोबारा नहीं होती।

जब किसी गर्भवती स्त्री का दूसरी तिमाही में; गर्भाशय संकुचन या योनि के रक्तस्राव के बिना, दर्द रहित मिसकैरिज हो जाता है तो उस समय सर्विक्स की इस समस्या का पता चलता है।यदि ऐसी समस्या पेश आए तो डॉक्टर सर्विक्स को स्टिच कर देते हैं (12 से 22 सप्ताह के बीच)। वैसे अभी इस विषय में कई और अध्ययन होने बाकी हैं। वैसे अधिकतर डॉक्टर इस प्रक्रिया को तभी अपनाते हैं, जब उन्हें लगता है कि सर्विक्स खुल रहा है।

यह प्रक्रिया लोकल एनस्थीसिया द्वारा योनि(वैजाइना) के माध्यम से की जाती है। सर्जरी के बारह घंटे बाद आप अपनी सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकती हैं। हालांकि गर्भावस्था के बाकी समय में आप इंटरकोर्स नहीं कर पाएंगी और समय-समय पर चिकित्सकीय देखभाल के लिए भी जाना होगा। टांके कब निकाले जाएंगे, यह डॉक्टर की राय व आपकी हालत पर निर्भर करता है। वैसे उन्हें अनुमानित प्रसव तिथि से कुछ दिन पहले निकाला जाता है।

कई मामलों में इन्हें प्रसव पीड़ा आरंभ होने तक नहीं निकाला जाता, बशर्ते कोई संक्रमण, रक्तस्राव या मैम्ब्रेन की खराबी न हो। आपको पहली व दूसरी तिमाही में कुछ लक्षणों पर ध्यान देना होगा; जैसे-पेट के निचले हिस्से में दबाव, रक्त के साथ डिस्चार्ज,मूत्राशय का संक्रमण या योनि में किसी के होने का एहसास। ऐसा कोई भी लक्षण महसूस हों तो उसी समय डॉक्टर से संपर्क करें।

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