Nose Breathing Benefits
Nose Breathing Benefits

Nose Breathing Benefits: हम सभी जानते हैं कि नाक से सांस लेना हेल्दी रहने के लिए जरूरी है, लेकिन कुछ लोग नाक के साथ ही मुंह से भी सांस लेते हैं। ऐसा नहीं है कि वे ऐसा जानकर करते हैं, लेकिन कई बार जाने-अनजाने में ये गलती कई लोग कर बैठते हैं। आपने गौर किया होगा कि कुछ लोग मुंह खोलकर रखते हैं, जिससे उन्हें सांस आराम से आ सके। स्टडी बताती हैं कि नाक से ही सांस लेना बेस्ट तरीका है। नाक से सांस लेने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

नाक से सांस लेने से दिखेंगे सुंदर  

Nose Breathing Benefits
It is said that the secret of health is hidden in breathing properly.

कहते हैं ठीक से सांस लेने में सेहत का राज छिपा है। अब साइंस भी इस बात को मान रही है।  नाक से सांस लेने पर हमारे शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार नाक से सांस लेना आपकी सुंदरता भी बढ़ता है। क्योंकि नाक से सांस लेना चेहरे की मांसपेशियों और ऊतकों की संरचना को बदल सकता है, जिससे आप अधिक आकर्षक दिखते हैं। वहीं मुंह से सांस लेने से गाल की कुछ मांसपेशियां ओवर स्टिम्यूलेट हो जाती हैं। इससे आपका चेहरा लंबा दिखाई दे सकता है। साथ ही आपकी आंखें भारी रहने लगती हैं। यहां तक कि आपकी नाक का आकार भी बदल सकता है। इतना ही नहीं मुंह से सांस लेने से वायु मार्ग सिकुड़ने लगता है, जिससे चेहरे की सबसे बड़ी और मजबूत हड्डी मेंडिबल कम सक्रिय हो जाती है। यह आकार में सिकुड़ने लगती है। जिसका असर दांतों पर भी पड़ता है। वहीं जब हम नाक से सांस लेते हैं तो चेहरे की मांसपेशियों को मदद मिलती है और इस तरह जबड़े की स्थिति और सीधे दांतों के निर्माण में मदद मिलती है।

सांसों की बदबू आने को रोकें

 मुंह से सांस लेना दांतों, मसूड़ों और पूरी ओरल हेल्थ के लिए हानिकारक है।
Mouth breathing is harmful to teeth, gums and overall oral health.

विशेषज्ञों के अनुसार मुंह से सांस लेना दांतों, मसूड़ों और पूरी ओरल हेल्थ के लिए हानिकारक है। मुंह से अत्यधिक सांस लेने से मुंह सूख जाता है, जिससे सांसों की बदबू की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं मुंह से सांस लेने से मसूड़ों पर भी असर पड़ता है और वे लाल और सूजे हुए रहने लगते हैं। ऐसे में मसूड़ों की बीमारी होने का भी खतरा रहता है। इससे मुंह एसिड का स्तर भी बढ़ जाता है, जो अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन जाता है।  

कम होगा तनाव  

नाक से सांस लेना न सिर्फ शारीरिक रूप से बेहतर है, बल्कि यह मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है।
Breathing through the nose is not only better physically, but it is also beneficial for mental health.

नाक से सांस लेना न सिर्फ शारीरिक रूप से बेहतर है, बल्कि यह मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। नाक से सांस लेने से तनाव और चिंता से निपटा जा सकता है, क्योंकि इससे ब्रेन को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है। वहीं जब हम मुंह से सांस लेते हैं तो यह प्रक्रिया धीरे हो जाती है। जिससे शरीर को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। जिससे वेगस तंत्रिका मस्तिष्क को संकेत भी धीमी गति से देती है। यह तंत्रिका पेट से मस्तिष्क तक ऑक्सीजन भेजती है। जब सांस धीमी आती है तो यह पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को ट्रिगर करता है। इससे तनाव को कम करने वाली नसें कम काम करने लगती हैं।

कंट्रोल करता है ब्लड प्रेशर

नाक से सांस लेने से पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र सामान्य रूप से सक्रिय रहता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।
Nasal breathing normally activates the parasympathetic nervous system, which regulates blood pressure.

नाक से सांस लेने से पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र सामान्य रूप से सक्रिय रहता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। सांस लेने की प्रक्रिया का बीपी से सीधा कनेक्शन है। एक रिसर्च के दौरान जिन प्रतिभागियों को हाई ब्लड प्रेशर की सामान्य दवा के साथ-साथ दिन में दो बार 10 मिनट के लिए नाक से सांस लेने की एक्सरसाइज करवाई गई, उन्होंने केवल पांच दिनों में अपने बीपी को कंट्रोल पाया।

तेज होता है दिमाग

नाक से सांस लेने पर शरीर से नाइट्रिक ऑक्साइड निकलता है। यह अणु वासोडिलेटर के रूप में कार्य करता है, जिससे शरीर की रक्त वाहिनियां खुलती हैं। ऐसे में पूरे शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो बेहतर तरीके से होता है। शरीर के अंगों में अधिक ऊर्जा मिलती है। कोरिया विश्वविद्यालय की एक स्टडी के अनुसार नाक से सांस लेने से मस्तिष्क की इमेजिंग पावर बढ़ती है। काम के दौरान ऐसे लोगों का दिमाग ज्यादा सक्रिय रहता है।

बेहतर वर्कआउट

नाक से सांस लेने का मतलब है शरीर को कुशलता से ऑक्सीजन देना।
Breathing through the nose is meant to deliver oxygen to the body efficiently.

नाक से सांस लेने का मतलब है शरीर को कुशलता से ऑक्सीजन देना। यही कारण है कि खिलाड़ियों को नाक से सांस लेने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। ऐसा करना उनको कम थकाता है। कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार दौड़ने के दौरान नाक से सांस लेने से रक्त प्रवाह में ऑक्सीजन बढ़ सकती है। ऐसे में आप ज्यादा एनर्जी से काम पूरा कर पाते हैं। वहीं मुंह से सांस लेने वाले लोग खुद को सीमित कर लेते हैं।

दूर होती है खर्राटों की समस्या

मुंह से सांस लेने वालों को खर्राटों की समस्या ज्यादा होती है। पिछले दिनों इसे रोकने के लिए ‘माउथ टेपिंग’ का तरीका खोजा गया था, जिसमें मुंह पर टेप लगाने से खर्राटे कम होने में मदद मिलती है। ऐसा इसलिए क्योंकि टेप के कारण आप मुंह से सांस नहीं ले पा रहे थे। माइल्ड ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया वाले लोगों पर हुए एक अध्ययन में सामने आया कि मुंह से सांस लेने से वायु मार्ग बहुत संकीर्ण हो जाते हैं, जिससे उचित श्वास शरीर को नहीं मिल पाती। हालांकि, स्लीप फाउंडेशन का कहना है कि ‘माउथ टेपिंग’ को लेकर अधिक शोध की आवश्यकता है।

अस्थमा रोकने में मददगार

जो लोग नाक से सांस लेते हैं, उनमें अस्थमा के लक्षण 70 प्रतिशत कम थे।
Those who breathed through their nose had 70 percent fewer asthma symptoms.

जब हम नाक के सांस लेते हैं तो वातावरण की गंदगी शरीर के अंदर नहीं जाती, लेकिन जब हम मुंह से सांस लेते हैं तो धूल, पराग कण, प्रदूषण हमारे शरीर में जाते हैं। ऐसे में अस्थमा की परेशानी हो सकती है। एक ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन के अनुसार जो लोग नाक से सांस लेते हैं, उनमें अस्थमा के लक्षण 70 प्रतिशत कम थे। क्लोज योर माउथ एंड अस्थमा-फ्री नैचुरली के लेखक पैट्रिक मैककाउन का कहना है कि मुंह से सांस लेने से ठंडी, शुष्क हवा फेफड़ों में खींची जाती है, जिससे वायु मार्ग संकीर्ण हो सकता है। नाक के माध्यम से सांस लेने से आने वाली हवा गर्म होती है, नम होती है और फिल्टर होती है। जो फेफड़ों में वायु मार्ग को खोलने में मदद करती है।  

ऐसे शुरू करें नाक से सांस लेना

विशेषज्ञों के अनुसार नाक से सांस लेना का अभ्यास आसानी से किया जा सकता है
Nose breathing can be practiced easily, according to experts

1. विशेषज्ञों के अनुसार नाक से सांस लेना का अभ्यास आसानी से किया जा सकता है और इसका फायदा भी आपको मिलेगा। इसके लिए सबसे बेहतर है आप रोज सुबह अनुलोम-विलोम करें।

2. अपना मुंह खुला हुआ नहीं रखें। इसपर बात पर गौर करें कि कहीं आप मुंह से तो सांस नहीं ले रहे।

3. ऑफिस या घर में बीच-बीच में नाक से जोर-जोर से सांस लेने और छोड़ने की प्रैक्टिस करें।

4. वॉक एक अच्छा विकल्प है। वॉक के दौरान नाक से सांस अंदर लेते हुए पांच से दस कदम चलें, पांच से दस कदम सांस रोककर रखें और फिर पांच से दस कदम सांस छोड़ें। जैसे-जैसे आप नाक से सांस लेने में बेहतर हों, ये संख्या बढ़ता दें। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...