Magnesium Deficiency: जब भी स्वस्थ आहार लेने की बात होती है तो लोग अपनी डाइट में प्रोटीन, कार्ब्स, विटामिन या कैल्शियम आदि पर अधिक ध्यान देते हैं। वहीं, मैग्नीशियम को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। लेकिन शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर व्यक्ति को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। शरीर में मैग्नीशियम की कमी तब होती है जब उसे पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम नहीं मिल पाता है। अगर आपके मैग्नीशियम का स्तर शराब या कुछ दवाएं लेने जैसे कारणों के चलते लंबे समय तक कम रहता है, तो ऐसे में आप कई हेल्थ रिस्क का सामना करना पड़ सकता है। मैग्नीशियम आहार में एक आवश्यक मिनरल है, जो बॉडी के हर सेल में पाया जाता है। यह बॉडी को सही तरह से फंक्शनिंग में मदद करता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर क्या-क्या बदलाव दिखाई दे सकते हैं-
मैग्नीशियम शरीर में क्या-क्या करता है?

मैग्नीशियम आपके शरीर को कई तरह से मदद करता है, जिनमें शामिल हैं-
- हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम के साथ काम करना
- ब्रेन फंक्शन में भूमिका निभाना, जो मूड और डिप्रेशन को नियंत्रित करता है।
- माइग्रेन की घटनाओं में कमी
- शुगर को तोड़ने में आपके शरीर की दक्षता में वृद्धि, जिसके परिणामस्वरूप बेहतर वजन प्रबंधन होता है।
- संतुलन हार्मोन जो सर्केडियन रिदम और बेहतर नींद की क्षमता को नियंत्रित करते हैं।
- पाचन में सुधार
- स्किन का हाइड्रेशन बढ़ाकर टेक्सचर में सुधार करना आदि।
मैग्नीशियम की कमी का कारण क्या है?

स्वस्थ लोगों में मैग्नीशियम की कमी दुर्लभ है लेकिन फिर भी इसके कई कारण हो सकते हैं-
- एक खराब डाइट लेना (विशेष रूप से बुजुर्ग लोगों में या जिनके पास खाने के लिए पर्याप्त नहीं है।)
- टाइप 2 डायबिटीज
- पाचन संबंधी समस्याएं जैसे क्रोहन रोग
- लंबे समय तक उल्टी या दस्त
- किडनी से जुड़ी समस्याएं
- कुछ दवाओं को लंबे समय तक लेने पर मैग्नीशियम का स्तर कम हो सकता है।
- शराब
मेंटल हेल्थ पर होता है असर

शरीर में लगातार मैग्नीशियम की कमी व्यक्ति की मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकती है। इसके कारण आपको मानसिक सुन्नता या भावना की कमी हो सकती है। इतना ही नहीं, शरीर में पर्याप्त मैग्नीशियम ना होने पर व्यक्ति को एंग्जाइटी या डिप्रेशन का रिस्क भी कई गुना बढ़ जाता है। दरअसल, जब मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में नहीं होता है, तो इससे नर्व्स सिस्टम सही तरह से काम करने में सक्षम नहीं होता है। जिसके चलते व्यक्ति को इस तरह की समस्याएं होती हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जो कमजोर हड्डियों और हड्डी के फ्रैक्चर के रिस्क को कई गुना बढ़ाता है। ऐसा माना जाता है कि उम्र बढ़ने, व्यायाम की कमी, विटामिन डी और के की कमी के चलते ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क बढ़ जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ऑस्टियोपोरोसिस के लिए मैग्नीशियम की कमी भी एक जोखिम कारक है। मैग्नीशियम की कमी से ना केवल सीधे ही हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, बल्कि यह कैल्शियम के ब्लड लेवल को भी कम करती है। जिससे हड्डियों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है।
थकान या मसल्स कमजोर होना

अगर आप इन दिनों खुद को हमेशा ही थका हुआ महसूस करते हैं तो यह शरीर में मैग्नीशियम की कमी के कारण हो सकता है। यूं तो समय-समय पर हर कोई थका महसूस करता है। आमतौर पर, इसका सीधा सा मतलब है कि आपको आराम करने की जरूरत है। हालांकि, गंभीर या लगातार थकान किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकती है। मैग्नीशियम की कमी का एक और संकेत मसल्स का कमजोर होना भी है।
हाई ब्लड प्रेशर होना

मैग्नीशियम की कमी शरीर में कई तरह की गंभीर समस्याओं को बढ़ा सकती है। इन्हीं में से एक है हाई ब्लड प्रेशर। जब शरीर में लगातार मैग्नीशियम कम होता है तो इससे ब्लड प्रेशर हाई होने का खतरा बढ़ जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपके हार्ट पर सीधा असर पड़ता है। जिसके चलते व्यक्ति को हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
दिल की धड़कन का नियमित ना होना

दिल की अनियमित धड़कन या एरिथमिया मैग्नीशियम की कमी के सबसे गंभीर संभावित प्रभावों में से एक है। एरिथमिया की समस्या होने पर व्यक्ति को इसके लक्षण नहीं आते हैं, वहीं कुछ लोगों को इसके लक्षण महसूस होते हैं। एरिथमिया के संभावित लक्षणों में चक्कर आना, सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द, बेहोशी, चक्कर आना आदि हो सकते हैं। कुछ गंभीर मामलों में, एरिथमिया स्ट्रोक या दिल की विफलता के जोखिम को बढ़ा सकती है। यह एक बेहद ही गंभीर स्थिति होती है। ऐसा कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और अपना इलाज शुरू कर दें।
मैग्नीशियम की कमी को दूर कैसे करें?
यदि आपको मैग्नीशियम की कमी है, तो इसके लिए आपको डॉक्टर से मिलकर उनकी सलाह पर सप्लीमेंट लेना शुरू कर देना चाहिए। हालांकि, कभी-कभी इससे आपको दस्त हो सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि आप डॉक्टर की सलाह पर और उनकी दी गई मात्रा के अनुसार ही सप्लीमेंट लें। अनुशंसित खुराक से अधिक लेने से उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन यहां तक कि अनियमित दिल की धड़कन और कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
मैग्नीशियम की कमी को कैसे रोकें?
मैग्नीशियम की कमी को रोकने के लिए, एक स्वस्थ और संतुलित आहार खाना महत्वपूर्ण है। आप ऐसे फूड आइटम्स अपनी डाइट में शामिल करें, जो मैग्नीशियम रिच हों, पत्तेदार हरी सब्जियां, फलियां, नट, बीज और साबुत अनाज आदि।